सेंटर यूनिवर्सिटी ऑफ केरल के असिस्टेंट प्रोफेसर गिल्बर्ट सेबेस्टियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। वो विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ (CUKTA) कासरगोड के सचिव भी हैं। इंटरनेशनल रिलेशन्स एंड पॉलिटिक्स विभाग में पढ़ाने वाले सेबेस्टियन JNU से पोस्ट डाक्टरल फेलो हैं। फासीवाद और नाजीवाद पर उनके लेक्चर के एक वायरल ऑडियो क्लिप में उन्हें हिन्दू धर्म, स्वस्तिक, हिन्दुओं, संघ, भाजपा और हिन्दू संगठनों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।
ऑपइंडिया ने भी उस कथित ऑडियो क्लिप को एक्सेस किया, जिसमें वो दुनिया भर में दक्षिणपंथी सरकारों के उदय को दक्षिण पंथ के पुनरुत्थान बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथ लालच देकर सत्ता में आता है, जैसे 30 के दशक में इटली में मुसोलोनी और जर्मनी में हिटलर ने सत्ता पाई। उन्होंने कहा कि नौकरियों, इंफ्रास्ट्रक्चर और अच्छी आय का वादा कर के दक्षिणपंथ सत्ता में आता है, जिसमें कॉर्पोरेट और मध्यम वर्ग उनकी मदद करते हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने भी यही ‘तिकड़म’ आजमाया। उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर का वादा करके सत्ता में आने वाली भाजपा इस विषय में कुछ नहीं कर रही। उन्होंने दावा किया कि दक्षिण भारत में लोग शिक्षित हैं, इसीलिए वो भाजपा पर भरोसा नहीं करते। साथ ही जोड़ा कि दलितों और कामकाजी लोगों को भाजपा पर विश्वास नहीं। उन्होंने दावा किया कि अगर ये लोग भाजपा को समर्थन देते भी हैं तो तुष्टिकरण के कारण।
बकौल गिल्बर्ट सेबेस्टियन, नाजियों का Hakenkreuz और भारत का पवित्र स्वस्तिक चिह्न एक ही है। उन्होंने पूछा कि नाजियों के इस प्रतीक को आपने कहाँ देखा है? एक छात्र ने जब उठ कर कहा कि इस चिह्न का प्रयोग मंदिरों में होता है तो वो चुप रहे। बता दें कि ये दोनों एकदम अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक व्यवस्थाओं के उलट फासीवाद और तानाशाही सिविल सोसाइटी को उग्रवादियों के रूप में प्रयोग में लाता है।
इसके लिए उन्होंने इटली में ब्लैक शर्ट्स और जर्मनी में ब्राउन शर्ट्स का उदाहरण दिया और कहा कि भारत में RSS और VHP को भी उसी कैटेगरी में रखा जा सकता है। उन्होंने RSS को सभी हिन्दू संगठनों की माँ बताते हुए कहा कि VHP और बजरंग दल इसके उग्रवादी हिस्से हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हिन्दू NRI विदेश से इन्हें रुपए भेजते हैं, ताकि देश में अशांति हो। उन्होंने भाजपा को RSS का मुखौटा बताते हुए कहा कि संघ के बैनर तले कई संगठन हैं, जो उसके लिए ‘गंदा काम’ करते हैं।
उन्होंने 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों का दोष भी बजरंग दल पर ही मढ़ा। साथ ही उत्तर भारतीय हिन्दुओं को महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की जड़ करार दिया। गिल्बर्ट ने छात्रों को बरगलाते हुए कहा कि निर्भया कांड का एक दोषी रोज पूजा-पाठ किया करता था। उन्होंने अपने लेक्चर में हिन्दुओं को अनपढ़ और अपराधी बताया। साथ ही पीएम मोदी की तुलना नाजी तानाशाह हिटलर के साथ कर डाली।