Sunday, April 28, 2024
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क्लास में मुख से संभोग सिखाने वाला प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद निलंबित, केरल की यूनिवर्सिटी में क्लासरूम को बना दिया था सेक्स और यौन आनंद का अड्डा

14 नवंबर, 2023 को छात्रों ने समिति की पीठासीन अधिकारी प्रोफेसर जर्मिना केए और अंग्रेजी और तुलनात्मक साहित्य विभाग की प्रमुख डॉ आशा एस को प्रोफेसर अहमद के गलत व्यवहार के 31 कथित उदाहरणों की लिस्ट सहित सात पन्नों की शिकायत दी थी।

केरल सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने सहायक प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद बी को मंगलवार (28 नवंबर, 2023) को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ ये कार्रवाई दो हफ्ते पहले उन पर छात्रों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद की गई।

उन पर अंग्रेजी और तुलनात्मक साहित्य विभाग के पहले सेमेस्टर के PG छात्रों ने ये आरोप लगाए थे। सहायक प्रोफेसर के निलंबन पर प्रभारी कुलपति प्रोफेसर बैजू केसी ने कहा कि छात्रों के लगाए गए आरोपों के आधार पर डॉ इफ्तिखार अहमद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है। इसलिए, उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। छात्रों ने सहायक प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद बी पर 7 सितंबर, 2023 को उनकी कक्षाओं के शुरु होने पर कविता और साहित्य की व्याख्या की आड़ में सेक्स, यौन आनंद और अन्य तरह के शारीरिक आनंद को प्रमुखता देने का आरोप लगाया था।

छात्रों का आरोप था कि प्रोफेसर अहमद ने इरोटिक प्रोएट्री की क्लास को सेक्सुअल कमेंट और अश्लील चर्चा का आधार बना दिया था। इस दौरान ने प्रोफेसर ने महिलाओं को यौन तृप्ति की वस्तु के तौर पर दिखाया।

छात्रों ने सहायक प्रोफेसर अहमद की सारी हदें पार करने के बाद यूनिवर्सिटी की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) से संपर्क साधा था। दरअसल प्रोफेसर ने 13 नवंबर, 2023 को आंतरिक परीक्षा दे रही एक छात्रा के बेहोश होने पर उसके साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की थी।

इसके बाद 14 नवंबर, 2023 को छात्रों ने समिति की पीठासीन अधिकारी प्रोफेसर जर्मिना केए और अंग्रेजी और तुलनात्मक साहित्य विभाग की प्रमुख डॉ आशा एस को प्रोफेसर अहमद के गलत व्यवहार के 31 कथित उदाहरणों की लिस्ट सहित सात पन्नों की शिकायत दी थी। इसके बाद 16 नवंबर, 2023 को प्रोफेसर बैजू ने प्रोफेसर अहमद को छात्रों से दूर रहने का निर्देश दिया था। जिस विभाग के तहत प्रोफेसर अहमद काम कर रहे थे उसकी विभागाध्यक्ष डॉ आशा ने भी उन्हें चेताया था।

डॉ आशा ने प्रोफेसर को भेजे नोट में लिखा था, “छात्रों से मिली कुछ शिकायतों को देखते हुए कुलपति ने मुझे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बंदोबस्त करने का निर्देश दिया है। इसलिए, मैं आपसे अनुरोध कर रही हूँ कि कृपया अगली सूचना तक शिक्षण, मूल्यांकन और मार्गदर्शन की जिम्मेदारियों से दूर रहें।”

डॉ आशा के मुताबिक, नोटिस के बावजूद, इफ्तिखार अहमद विभाग में घूमते रहे और अपने संचालित पाठ्यक्रमों के व्हाट्सएप्प ग्रुप में नियमित तौर से संदेश पोस्ट करते रहे। इस वजह से छात्र असहज हो गए।

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी कैंपस के सभी छात्र संगठनों ने सहायक प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद के निकाने जाने की माँग की थी। वहीं एक छात्र संगठन चाहता था कि उनके खिलाफ की गई शिकायत को आपराधिक जाँच के लिए पुलिस के पास भेजा जाए। ‘ऑनमनोरमा’ ने 25 नवंबर, 2023 को पूर्व छात्रों की गवाही और चिकित्सा अधिकारी की गवाही पर एक विस्तृत रिपोर्ट छापी थी। इसमें चिकित्सा अधिकारी ने बताया था कि उन्होंने प्रोफेसर इफ्तिखार अहमद को स्वास्थ्य केंद्र में छात्र को गलत तरीके से छूते हुए देखा था।

ऑनमनोरमा के मुताबिक, प्रभारी कुलपति प्रोफेसर बैजू ने बताया कि आंतरिक शिकायत समिति की पेश की गई अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर सहायक प्रोफेसक अहमद को निलंबित कर दिया गया है। जब उनसे ये सवाल किया गया कि क्या आईसीसी की अंतरिम रिपोर्ट में उन्हें प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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