Sunday, September 15, 2024
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मुस्तफा की गुलामी का सबूत पेश करें: छतरपुर में थाना को घेरने के लिए पर्चा बाँट जुटाई थी मुस्लिम भीड़, पत्थरबाजों को बुला ठहराया था होटल में

घटना के मुख्य आरोपित एवं कॉन्ग्रेस नेता हाजी शहजाद अली के भाई फैयाज अली को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फैयाज अली भी इस घटना में आरोपित है। फैयाज पर साल 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता उमा भारती पर जानलेवा हमले का मामला दर्ज हुआ था। इसके अन्य भाइयों पर भी गंभीर आरोप हैं। पुलिस कोतवाली पर हमले के मामले में 1000 लोगों की तलाश कर रही है।

मध्य प्रदेश के छत्तरपुर शहर में कोतवाली थाने पर पथराव के मामले में अब तक 25 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, बाकी के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। इस घटना के 10 दिन के बाद एक पर्चा सामने आया है, जिसे वायरल करके लोगों से थाने के सामने जुटने की अपील की गई थी। यह पर्चा कॉनग्रेस नेता हाजी शहजाद अली की बताई जा रही है।

घटना के मुख्य आरोपित एवं कॉन्ग्रेस नेता हाजी शहजाद अली के भाई फैयाज अली को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फैयाज अली भी इस घटना में आरोपित है। फैयाज पर साल 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता उमा भारती पर जानलेवा हमले का मामला दर्ज हुआ था। इसके अन्य भाइयों पर भी गंभीर आरोप हैं। पुलिस कोतवाली पर हमले के मामले में 1000 लोगों की तलाश कर रही है।

प्रशासन को पता चला है कि शहजाद अली और उसके भाई इम्तियाज पर वन विभाग की बेशकीमती 17 एकड़ जमीन कब्जाने के आरोप लगे हैं। यहाँ अक्सर हिरण सहित वन्य जीव घूमते रहते हैं। जुलाई 2023 में वन विभाग ने अतिक्रमण को लेकर शहजाद के भाई इम्तियाज अली के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। हालाँकि, उसके रसूख के चलते कब्जा नहीं हट सका और वन विभाग ने कार्यवाही रोक दी। 

पुलिस ने मुख्य आरोपित शहजाद अली की करोड़ों रुपए की कोठी पर बुलडोजर चलाकर उसे खाक में मिला दिया है। वहीं, उसकी अन्य अवैध संपत्तियों का भी पता चला है। इस मामले में लगभग तीन दर्जन से ज्यादा आरोपितों से पुलिस पूछताछ कर रही है। इस मामले में शहजाद अली अभी फरार है। प्रशासन ने शहजाद के पार्षद भाई आजाद सहित 16 आरोपितों के हथियारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।

शुक्रवार (30 अगस्त 2024) यानी जुम्मे दिन पुलिस ने शहर में फ्लैग मार्च निकाला। इस दौरान मुस्लिम बहुल इलाकों और मस्जिदों का निरीक्षण किया। वहीं, शुक्रवार को ही मुख्य आरोपित हाजी शहजाद अली ने एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में खुद निर्दोष बताते हुए शहजाद अली इस घटना को गहरी साजिश बताया और मुख्यमंत्री से इसकी निष्पक्ष जाँच कराने की माँग की है।

पता चला है कि कोतलवाली थाना के बाहर हिंसा को लेकर बहुत पहले से प्लानिंग की गई थी। आरोपितों ने इस घटना को अंजाम देने से दो-तीन दिन पहले मुस्लिमों के घर-घर में पर्चे बँटवाए थे। इतना ही नहीं, इस घटना के लिए बाहर से भी पत्थरबाजों को बुलाया गया था। होटलों में उनके रुकने की व्यवस्था की गई थी। जो पर्चे बाँटे गए थे, वह भी अब सामने आया है। इसमें लोगों से जुटने की अपील की गई है।

घटना से पहले मुस्लिमों के बीच बाँटे गए पर्चे (साभार: हिंदुस्तान)

दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में 21 अगस्त 2024 को मुस्लिम भीड़ ने कोतवाली थाने पर हमला करके कई पुलिसकर्मियों को घायल कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने कई उपद्रवियों का जुलूस निकाल कर जेल भेजा और मुख्य आरोपित कॉन्ग्रेस नेता हाजी शहजाद अली के घर पर बुलडोजर चलाया। अब इसी घटना में एक मौलाना का वीडियो वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में मौलाना को उन्मादी बयानबाजी करते हुए भीड़ को भड़काते देखा जा सकता है। मौलाना का नाम इरफ़ान चिश्ती बताया जा रहा है। मौलाना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद मौलाना लोगों से माफ़ी माँगता नजर आया। हमला से एक दिन पहले सामने आए एक वीडियो में मौलाना ने ज्यादा से ज्यादा तादाद में मुस्लिमों को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उकसाया था। 

इसी वीडियो में मौलाना ने यह भी कहा था कि जो भी इस प्रदर्शन में शामिल नहीं होगा उसे ईद-उल-मिलाद के जुलूस में भी शिरकत करने का कोई हक नहीं होगा। वीडियो में मौलाना ने यह भी कहा कि इस बार ज्ञापन नहीं दिया जाएगा बल्कि सीधे FIR दर्ज करवाई जाएगी। इरफ़ान चिश्ती ने वीडियो बनाने से 1 रात पहले उलेमाओं से हुई किसी मीटिंग का भी हवाला दिया।

वायरल वीडियो में सबको सलाम पेश करने के बाद इरफ़ान चिश्ती ने संत गिरिराज को मक्कार कहा। बोला, “कल नमाज़-ए-जोहर (जोहर की नमाज़) के बाद शहर की पूरी आवाम मस्तान शाह के मैदान में इकट्ठा हो और उस खिनजीर (सूअर) के नाम पर FIR दर्ज की जाए।” वीडियो में मौलाना ने भड़काऊ भाषण के आरोप में जेल काट रहे मुफ़्ती सलमान अज़हरी की शान में कसीदे भी गढ़े।

यह सब कुछ महाराष्ट्र के नासिक में प्रवचन के दौरान सरला द्वीप के महंत रामगिरि द्वारा बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर दी गए उदाहरण को लेकर था। इसका उदाहरण देेते हुए उन्होंने इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद का भी जिक्र किया था। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने इसे ईशनिंदा और उनके पैगंबर मुहम्मद का अपमान बताकर उनके खिलाफ कई जगहों पर एफआईआर दर्ज करवाई है।

इतना ही नहीं, अहमदनगर और नासिक सहित महाराष्ट्र के कई इलाकों में कट्टरपंथी मुस्लिमों की भीड़ ने सड़कों पर निकल कर हिंसा फैलाई। उन्होंने जगह लोगों पर हमला किया, दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में तोड़फोड़ एवं आग लगाई। इसको देखते हुए महाराष्ट्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अब नूपुर शर्मा मामले की तरह इसे भी कट्टरपंथियों द्वारा देश के अन्य हिस्सों फैलाने की कोशिश की जा रही है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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