शनिवार (17 अप्रैल 2021) को छतीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक निजी अस्पताल में आग लगने से कोरोना वायरस से संक्रमित 5 मरीजों की मौत हो गई। एक मरीज की मौत आग से जलने जबकि 4 अन्य मरीजों की मौत दम घुटने से हुई। बताया जा रहा है कि अस्पताल में आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए कोई सेफ्टी मैनेजमेंट नहीं था।
रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित राजधानी अस्पताल को कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया गया था। दो फ्लोर के इस अस्पताल में हादसे के दौरान 50 मरीज भर्ती थे। शनिवार को आईसीयू वार्ड के पंखे में हुए शॉर्ट सर्किट के कारण कोविड वार्ड में आग लग गई। आग के कारण सभी कमरों में धुआँ भर गया।
इस घटना में आग से झुलसने के कारण एक मरीज की मौत हो गई जबकि ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम फेल होने के कारण दम घुटने से चार अन्य मरीजों की मृत्यु हुई है। मरने वालों में रमेश साहू, एल. ईश्वर राव, वंदना गजमाला, देवकी सोनकर और भाग्यश्री शामिल हैं।
चीफ मेडिकल अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने दैनिक भास्कर को सूचना दी कि घटना के बाद 29 मरीजों को अलग-अलग सरकारी और निजी अस्पतालों में ले जाया गया है जबकि 10 मरीजों को यशोदा अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही
राजधानी अस्पताल की इस घटना में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। शुरुआत में आग लगने के दौरान ही अस्पताल प्रबंधन ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे आग बढ़ती गई। मरीजों के साथ आए हुए परिजनों ने काँच तोड़कर धुआँ निकलने की जगह बनाई। प्रशासन के विलंब से पहुँचने के कारण मरीजों के परिजनों को स्वयं ही मरीजों की व्यवस्था करनी पड़ी।
अस्पताल में आग लगने के बाद की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम नहीं था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी कोविड अस्पताल से सुरक्षा संबंधी कोई जानकारी नहीं ली थी। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हुआ।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 16,000 से अधिक संक्रमित मरीज मिले और 158 संक्रमितों की मौत हुई। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 1,30,400 हो गई है।