सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लाए जा रहे नए कानूनों की तारीफ़ की है। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानून देश में तभी सकारात्मक बदलाव लाएँगे, जब बुनियादी ढाँचे के अलावा फॉरेंसिक विशेषज्ञों और जाँच अधिकारियों को क्षमतावान बनाने के लिए निवेश किया जाएगा। उन्होंने भारत की आपराधिक न्याय व्यवस्था में इंफ़्रास्ट्रक्चर के त्वरित निर्माण पर बल देते हुए कहा कि ऐसा होता है तो नए कानूनों से हुए बदलावों का देश को फायदा मिलेगा।
उन्होंने फॉरेंसिक विशेषज्ञों और जाँच अधिकारियों के अलावा न्यायिक व्यवस्था में भी प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने ये स्वीकार किया कि नए आपराधिक कानून अभी के समय के हिसाब से हैं। उन्होंने बताया कि कैसे ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)’ के तहत 3 साल के भीतर सुनवाई पूरी करने और फैसला सुरक्षित रखने के 45 मिनट के भीतर सुनाने का प्रावधान है। हालाँकि, उन्होंने आशंका भी जताई कि अदालत के बुनियादी ढाँचे के निर्माण के साथ-साथ अभियोजन पक्ष को तकनीक और भौतिक संसाधन भी मुहैया कराने होंगे।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा ‘आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगति पथ’ विषय पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हमारे समाज के लिए ये नए आपराधिक कानून एक ऐतिहासिक मोड़ हैं। बता दें कि भारत सरकार ‘भारतीय न्याय संहिता (BNS)’, BNSS और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)’ लेकर आई है। IPC और CrPc के अलावा इंडियन एविडेंस एक्ट अब बीते जमाने की बात होगा। उन्होंने कहा कि भारत अपनी न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि इन तीनों कानूनों का संसद के माध्यम से अस्तित्व में आना इसका स्पष्ट संकेत है कि भारत बदल रहा है, हमारा देश आगे बढ़ रहा है और हमें नई चुनौतियों और समाज के लिए आगे आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए नए उपकरणों की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों के हित का बचाव करने के लिए नए प्रावधान लाए गए हैं, BNSS के तहत अपराध स्थलों पर तलाशी एवं जब्ती की प्रक्रिया की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है, वो भी फॉरेंसिक विशेषज्ञों की उपस्थिति में।
#WATCH | Delhi: CJI DY Chandrachud says, "…I think the enactment of these (Bharatiya Nyaya Sanhita, Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita and Bharatiya Sakshya Act) laws by parliament is a clear indicator that India is changing, India is on the move and that India needs new legal… pic.twitter.com/M1ZXOnXTfN
— ANI (@ANI) April 20, 2024
उन्होंने कहा कि आयकर छापों के मामलों में अक्सर कोर्ट में कुछ का कुछ बताया जाता था, अब ये खत्म होगा। उन्होंने बताया कि BNS की धारा-532 के तहत सारी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक रूप से पूरी करने को कहा गया है। हालाँकि, उन्होंने इस दौरान नागरिकों की प्राइवेसी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ये कानून लागू होने के बाद इसकी खामियाँ पता चलेंगी जिन पर काम किया जाएगा। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारे कानून और उसे लागू करने की प्रक्रियाएँ, समय के साथ दोनों आगे बढ़ रहे हैं।