मालेगाँव बम धमाका मामले में मुकदमे का सामना करने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित ने बताया है कि महाराष्ट्र ATS ने पूछताछ के दौरान उनका घुटना तोड़ दिया था। उन्होंने एक कोर्ट को बताया है कि ATS उन पर इस बात के लिए दबाव बनाती थी कि वह मालेगाँव धमाका मामले में RSS-VHP नेताओं और सांसद योगी आदित्यनाथ का नाम लें। इससे पहले इसी मामले में कॉन्ग्रेस शासनकाल से मुकदमा झेलीं सांसद साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में रो पड़ीं थी।
इस मामले में अक्टूबर 2023 में NIA के विशेष कोर्ट को बयान दर्ज करवाते समय साध्वी प्रज्ञा भावुक हो गईं थी। उनके साथ मालेगाँव धमाके में आरोपित बनाए गए अन्य 7 व्यक्तियों का भी बयान दर्ज किया जा रहा था। साध्वी से जब धमाके के बाद मृत और घायल लोगों को आई चोटों के सम्बन्ध में प्रश्न पूछे गए तो वह भावुक हो गईं थीं। इसके पश्चात मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश एके लाहोटी ने कार्रवाई को 10 मिनट के लिए रोक दिया था।
रिपब्लिक टीवी को दिए हुए एक इंटरव्यू में साध्वी प्रज्ञा ने इस मामले में कई खुलासे भी किए थे। उन्होंने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने बताया था कि 3-4 पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में उनको व्यक्तिगत रूप से बहुत ज्यादा प्रताड़ित किया और हिरासत में लेकर उन्हें बेल्ट से इस तरह पीटा गया कि उन्हें वेंटीलेटर तक पर जाना पड़ा। उनकी रीढ़ की हड्डी भी टूट गई।
उन्होंने बताया था कि जब भी उनकी बेल की बात चली तो न्यायाधीशों तक को धमकी देने का काम हुआ। उन्होंने परमबीर सिंह पर आरोप लगाया था कि उन्हें हिरासत के दौरान पॉर्न वीडियो दिखाई गईं और उनसे भद्दे सवाल किए गए। अपनी प्रताड़ना के विषय में बताया था कि उन्हें 7-8 लोगों के घेरे के बीच में मारा गया।
उनके पैरों के तलों तक में बेल्ट से पिटाई हुई। साध्वी ने इस इंटरव्यू में कहा था कि वह परमबीर के षड्यंत्र के विरुद्ध कुछ करने वाली हैं, जिन जिन लोगों ने उन्हें प्रताड़ित किया, उन पर भी केस होगा और उन्हें दंड दिलवाया जाएगा।
उन्होंने इस इंटरव्यू में बताया था कि पहले उनको भगवा आतंकी कहा गया कहा गया और फिर भारत को आतंकवादी देश घोषित करवाने का प्रयास हुआ। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये सारा षड्यंत्र कॉन्ग्रेस का था। साध्वी प्रज्ञा 2019 में भोपाल से सांसद बनी थीं। मालेगाँव धमाका मामले में NIA द्वारा वर्ष 2016 में दाखिल अंतिम चार्जशीट में उनका नाम नहीं था और उन्हें जमानत मिल गई थी। उनको इस मामले में दोषी नहीं माना गया था।