Monday, December 23, 2024
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‘इस्लाम कबूलो तो जमीन मिलेगी’: IAS इफ्तिखारुद्दीन ने बनाया था धर्म परिवर्तन का दबाव, मुस्लिम बनाने के लिए ‘शुद्ध भक्ति’ भी लिखी

"हम लोग अपनी फरियाद लेकर कमिश्नर इफ्तखारुद्दीन के पास गए थे। हमारी फरियाद नहीं सुनी गई। हमसे धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने को कहा गया। मना करने पर हमें बाहर निकाल दिया गया।"

धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने वाले वीडियो वायरल होने के बाद IAS इफ्तिखारुद्दीन चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मामले की SIT जाँच के आदेश देते हुए 7 दिन में रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद कई ऐसे लोग सामने आए हैं जिनका दावा है कि आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन पर इस्लाम कबूलने का दबाव डाला था।

ये मामले तब के हैं जब इफ्तिखारुद्दीन कानपुर मंडल के आयुक्त हुआ करते थे। फिलहाल वे उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के चेयरमैन हैं। जो वीडियो वायरल हुए हैं वे भी उसी वक्त के बताए जा रहे जब इफ्तिखारुद्दीन कानपुर में तैनात थे। रिपोर्ट के अनुसार कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले निर्मल कुमार ने दावा किया है कि तत्कालीन कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन और उनके आदमियों ने उनकी बस्ती के लोगों पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला था।

भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर चलाने वाले रॉबी शर्मा और राजकीय उन्नयन बस्ती की रहने वाली सविता देवी ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं। निर्मल कुमार के अनुसार पहले मेट्रो की डीपीआर में गलत तरीके से लोगों की जमीन शामिल की गई। इसके बाद जब पीड़ित इफ्तिखारुद्दीन के पास फरियाद लेकर पहुँचे तो उन्हें कथित तौर पर इस्लाम कबूलने पर जमीन वापस मिलने की बात कही।

सविता देवी ने आज तक को बताया, “हम लोग अपनी फरियाद लेकर कमिश्नर इफ्तखारुद्दीन के पास गए थे। हमारी फरियाद नहीं सुनी गई। हमसे धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बनने को कहा गया। मना करने पर हमें बाहर निकाल दिया गया।” इन मामलों के सामने आने के बाद बिठूर से बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कानपुर के उस दफ्तर को गंगाजल से पवित्र कराने और हवन करने की बात कही है, जहाँ अपनी तैनाती के दौरान इफ्तखारुद्दीन बैठते थे।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार उस समय इस बात को लेकर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का विरोध भी हुआ था, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि उस वक्त राज्य में सपा की सरकार थी। कथित तौर पर आईएएस इफ्तिखारुद्दीन ने ‘शुद्ध भक्ति’ के नाम से एक किताब भी लिख रखी है। कुरान की आयत वाली यह किताब इस्लाम का महिमामंडन करती है और लोगों को मुस्लिम बनने के लिए प्रेरित करने के मकसद से लिखी गई है। पीड़ितों के अनुसार उनकी बस्ती में भी यह किताब बाँटी गई थी।

गौरतलब है कि वायरल वीडियो IAS इफ्तिखारुद्दीन के आवास के बताए जा रहे हैं। इसमें एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठ जमीन पर बैठे कुछ मुस्लिमों को सम्बोधित कर रहा है, जिसे IAS इफ्तिखारुद्दीन बताया गया है। वीडियो में एक मौलाना कहता है, “पूरे दुनिया के इंसानों को बताओ इस्लाम को आगे बढ़ाओ। अभी पिछले दिनों पंजाब के एक भाई ने इस्लाम कबूल किया तो मैंने उन्हें दावत नहीं दी थी। मैंने कहा कि इस्लाम कबूल करने की वजह क्या थी, तो उन्होंने कहा कि मेरी बहन की मौत। जब उसे जलाया तो वो कपड़े जल गए और वो निर्वस्त्र हो गई। फिर मुझे लगा मेरी बेटी भी है। कल को उसे भी लोग ऐसे ही देखेंगे। इसीलिए, मुझे इस्लाम से अच्छा कोई मजहब नहीं लगा और मैंने कबूल कर लिया।”

वह पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पुस्तक का भी जिक्र करता है। वो कहता है, “अल्लाह ने हमें उत्तर प्रदेश के रूप में एक ऐसा सेंटर दिया है, जहाँ से हम पूरे देश-दुनिया में काम कर सकते हैं। ऐलान करो दुनिया के इंसानों से कि अल्लाह की बादशाहत और निजामियत पूरी दुनिया में कायम करनी है। हर घर में अल्लाह का दीन दाखिल होना है, करना चाहिए।” एबीपी न्यूज का दावा है कि वायरल वीडियो का पूरा हिस्सा उसके पास है। इसमें IAS इफ्तिखारुद्दीन इस्लाम का महिमामंडन करते हुए धर्मपरिवर्तन के लिए उकसाते दिख रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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