2020 में जब उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगे भड़के तब दो स्कूलों की भी खासी चर्चा हुई थी। इनके नाम हैं: राजधानी स्कूल और डीआरपी स्कूल। दोनों ही स्कूल शिव विहार में हैं। चाँदबाग और शिव विहार दंगों से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में थे। फैसल फारुख की राजधानी स्कूल की छत पर ही वो बड़ा गुलेल लगा था, जिससे पेट्रोल बम हिन्दुओं की संपत्ति को निशाना बना दागे गए थे। इसके बगल में स्थित यतेन्द्र शर्मा का डीआरपी स्कूल भी दंगों में तबाह हो गया था। दो साल बाद दोनों स्कूल सामान्य तरीके से चल रहे हैं।
लेकिन इसे 2020 की दहशत कहें या कुछ और अब भी ज्यादातर लोग कैमरे के सामने बात करने से इनकार कर देते हैं। रेनोवेट होकर नई साज-सज्जा के साथ चल रहे DRP स्कूल से जुड़े लोग भी अब उस घटना पर बात नहीं करना चाहते। उनका कहना था- आप बाहर से वीडियो बना लीजिए। इन्हीं लोगों के बीच स्कूल चलाना है। कुछ इसी तरह की बात आसपास के लोगों ने भी कही: हिन्दू-मुस्लिम दोनों के बच्चे यहाँ पढ़ते हैं और अब कोई खतरा नहीं है। दूसरी ओर राजधानी स्कूल से जुड़े लोगों ने यह कहते हुए बात करने से इनकार कर दिया कि उन मामलों पर पुलिस अपना काम कर रही है। स्कूल के मालिक फैसल फारुख 2020 से ही जमानत पर हैं।
नीचे के वीडियो में आप दंगों के दो साल बाद स्कूल की स्थिति को देख सकते हैं;
गौरतलब है कि दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के मामले में जो पहली चार्जशीट दायर की गई थी, उसका संबंध राजधानी स्कूल में हुई हिंसा की घटनाओं और 24-25 फरवरी 2020 के दिन हुई घटनाओं से ही था। इस मामले में यतेन्द्र शर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी जो डीआरपी स्कूल के मालिक हैं। डीआरपी स्कूल को राजधानी स्कूल की छत पर मौजूद दंगाइयों ने काफी नुकसान पहुँचाया था। उस दिन पुलिस कंट्रोल रूम को जितने भी फोन किए गए थे, उसमें ज़्यादातर डीआरपी स्कूल से गार्ड ने ही किए थे। पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में भी डीआरपी स्कूल के गार्ड का बयान दर्ज है।
राजधानी पब्लिक स्कूल से लोहे की जंजीर के सहारे उतरे सैकड़ों दंगाइयों ने लूटने के बाद DRP पब्लिक स्कूल को जलाकर पूरी तरह से तबाह कर दिया था। कंप्यूटर से लेकर पंखे तक सब लूट लिए गए थे। इस स्कूल का उस समय कैसा हाल किया गया था इसे आप नीचे के वीडियो में देख सकते हैं;
ये है वो डीआरपी स्कूल, जिसे जला डाला गया। जहाँ मुस्लिम भीड़ का कहर बरपा। यहाँ बगल के राजधानी स्कूल से रस्सी के सहारे दंगाई उतरे और उन्होंने सब कुछ राख कर दिया।
— Anupam K Singh (@anupamnawada) February 29, 2020
स्थानीय लोगों का स्पष्ट कहना है कि ये सब 250 की दंगाई मुस्लिम भीड़ ने किया है।@OpIndia_in #AntiHinduDelhiRiots2020 pic.twitter.com/UBxiF545HM
शिव विहार वह इलाका है जिसका तिराहा तीन पुलिस थानों के अंतर्गत आता है। करावल नगर, दयालपुर और गोकुलपुरी। शिव विहार तिराहे की एक सड़क मुस्तफाबाद की तरफ जाती है जो मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। दूसरी सड़क शिव विहार और बाबू नगर की तरफ जाती है, जहाँ हिन्दू-मुस्लिमों की मिली-जुली आबादी रहती है। जिन क्षेत्रों में हिंदू आबादी ज़्यादा है, वहाँ भी मुस्लिमों के घर बने हुए हैं। ऐसे में शिव विहार तिराहे पर हुई हिंसा हिंदुओं के लिए भयावह थी। यहीं पर 10 झुग्गियाँ खाक हुई, दिलबर नेगी का शव मिला, दो-गैराज और सैकड़ों गाड़ियाँ जला दी गई थी। गोली चलने से कई घायल हुए तो दिनेश कुमार खटीक और आलोक तिवारी की मौत हो गई थी।