जम्मू कश्मीर पुलिस ने किश्तवाड़ा जिले में खूंखार आतंकियों को पनाह देने के मामले में एक दर्जन लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री जीएम सरूरी के भाई का नाम भी शामिल हैं। ये केस कॉन्ग्रेसी नेता के भाई शफी सरूरी के अलावा मसूद मट्टू, मोहम्मद मुजफ्फर शाह, ग़ुलाम मोहम्मद कमल, तौसीफ गुंडना और सैय्यद अहमद पर दर्ज हुआ है। इस केस में 6 और अन्य लोगों के नाम हैं, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
कॉन्ग्रेस नेता सरूरी ने बताया, “मुझे इसके बारे (एफआईआर में शफी का नाम) में पता चला तो मैं हैरान था। हमारे लोग ऐसी बात कभी नहीं कर सकते। कल मैं यह पता लगाने की कोशिश करूँगा कि क्या मामला है।”
बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता के छोटे भाई शफी सरूरी समेत सभी आरोपितों पर हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े होने का एवं आतंकियों को संसाधन मुहैया कराने और पनाह देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने जिन आतंकियों को पनाह दी हैं, उसमें हिजबुल आतंकी जहाँगीर सरूरी और ओसामा भी शामिल हैं। सभी के ख़िलाफ़ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हिजबुल के आतंकवादियों की मदद, कांग्रेस नेता के भाई समेत 12 के खिलाफ मामला दर्जhttps://t.co/08PhGJ9d1D
— Times Now Hindi (@TimesNowHindi) October 2, 2019
अधिकारियों की मानें तो कि शफी और 5 अन्य लोग मसूद अहमद मट्टू, मोहम्मद मुजफ्फर शाह, गुलाम मोहम्मद, तौसीफ अहमद गंडना और सैयद अहमद का नाम एफआईआर (संख्या: 229/2019) में शामिल है और उन पर हिजबुल मुजाहिदीन के सक्रिय आतंकवादियों को शरण देने और उनकी आवाजाही की व्यवस्था को अंजाम देने का आरोप है।
पुलिस का कहना है कि जहाँगीर सरूरी और ओसामा ने कुछ दूसरे आतंकियों के साथ मिलकर चिनाब घाटी इलाके में आतंकवाद को दोबारा से कायम करने की साजिश रची थी। जिनमें ओसामा को सुरक्षाबलों ने शनिवार को रामबन जिले में हुए ऑपरेशन के दौरान 3 आतंकियों के साथ मार गिराया था।
जानकारी के अनुसार मारे गए सभी आतंकी वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल परिहार और आरएसएस पदाधिकारी चंद्रकांत शर्मा की हत्या के जिम्मेदार थे। इस पूरे मामले में कॉन्ग्रेस नेता के भाई का कहना है कि जिस घर में आतंकी ठहरे हुए थे, उसे उन्होंने ही किराए पर दिया था और इस बारे में उन्होंने पुलिस को भी बताया। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे की जाँच जारी हैं।