गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर थाना प्रभारी राजेंद्र कुमार त्यागी के तबादले पर विवाद खड़ा हो गया है। रोजनामचा में त्यागी ने आरोप लगाया है कि गो तस्करों पर कार्रवाई के कारण उनका ट्रांसफर किया गया है। उनके तबादले पर स्थानीय बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर सहित कई सामाजिक संगठनों ने भी आपत्ति जताई है।
रोजनामचे (GD) की एक कॉपी ऑपइंडिया के पास उपलब्ध है। इसमें त्यागी ने स्पष्ट रूप से लिखा है, “11 नवंबर को उनकी टीम की गो तस्करों से मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान 7 गो तस्करों के पैर में गोली लगी थी। उन्हें लगता है कि इसी कार्रवाई की वजह से उनका ट्रांसफर किया गया है, जिससे उनका मनोबल टूट गया है।” उन्होंने लिखा है, “ट्रांसफर से मनोबल गिरा है। मानसिक स्थिति ठीक नहीं। घर जा रहा हूँ। न नौकरी की जरूरत है, न तनख्वाह की। मानसिक रूप से ठीक होने तक मुझे कार्यमुक्त रखा जाए।” यह GD उन्होंने 13 नवम्बर 2021 (शनिवार) की रात में लगभग 10.38 पर लिखी थी। यह सोशल मीडिया में भी वायरल है।
गौरतलब है कि बीते गुरुवार (11 नवम्बर 2021) को लोनी बॉर्डर पुलिस को पशु कटान की सूचना मिली थी। पुलिस ने बेहटा हाजीपुर के एक गोदाम पर दबिश दी। पुलिस के अनुसार सूचना सही पाई गई और मौके पर मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस के अनुसार मुठभेड़ में 7 पशु तस्करों के पैर में गोली लगी थी। पुलिस ने ही इन तस्करों को इलाज के लिए भेजा। पुलिस के मुताबिक 2 पशु तस्कर मौके से भागने में सफल रहे थे।
#CrackdownGhaziabad#GhaziabadPolice। थाना लोनी बॉर्डर पुलिस टीम की गौतस्करो से हुई मुठभेड़, 07 गौतस्कर मुठभेड मे घायल/गिरफ्तार । कब्जे से 07 अदद अवैध तमंचे मय 12 जिंदा व 7 खोखा कारतूस व गौतस्करी मे प्रयुक्त उपकरण बरामद ।@Uppolice @adgzonemeerut @igrangemeerut
— GHAZIABAD POLICE (@ghaziabadpolice) November 11, 2021
@ANINewsUP pic.twitter.com/yaaQRR5dKO
पुलिस द्वारा पकड़े गए घायल तस्करों के नाम मुस्तकीम, सलमान, मोनू, इंतजार, आसिफ, नाजिम और बोलर हैं। पुलिस के अनुसार इस मुठभेड़ के दौरान भूरा और दानिश भागने में सफल रहे थे। गाज़ियाबाद बजरंग दल के जिला संयोजक हरदीप सिंह ने लोनी बॉर्डर थाने में गोदाम मालिक आदिल के विरुद्ध तहरीर दी है। बजरंग दल का आरोप है कि गोदाम मालिक भी गो तस्करों के साथ मिला हुआ है।
इस मुठभेड़ पर पत्रकार शम्स ताहिर खान ने अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाया था। कहा था कि मुठभेड़ में पुलिस की तरफ से 16 राउंड और तस्करों की तरफ से 7 राउंड गोलियाँ चलीं। फिर किसी पुलिसकर्मी को गोली क्यों नहीं लगी? साथ ही सवाल उठाया था कि सभी तस्करों को पैरों में एक ही जगह गोली कैसे लग गई?
बताया जा रहा है कि इस मामले ने जब तूल पकड़ा तब गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पवन कुमार ने इंस्पेक्टर लोनी बॉर्डर राजेंद्र त्यागी को थाने के चार्ज से हटा दिया। लेकिन अब गाजियाबाद के एसएसपी के आदेश का विरोध हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गाजियाबाद जिले के पुलिस प्रमुख को पत्र लिख कर इंस्पेक्टर के ट्रांसफर का आदेश फ़ौरन वापस लेने और मुठभेड़ करने वाली पुलिस टीम को इनाम देने की माँग की है।
सरहानीय कदम @nkgurjar4bjp जी के द्वारा pic.twitter.com/2iptaoIvcL
— Pradeep Gahlot (@Pradeep10303857) November 14, 2021
भाजपा विधायक ने इंस्पेक्टर के सर्मथन में वीडियो भी जारी किया है। उन्होंने कहा है, “गो तस्करों के एनकाउंटर मामलें में थाना प्रभारी राजेन्द्र त्यागी को पुरस्कृत करने के जगह गो तस्करों के दबाव में उनका SSP द्वारा तबादला कर उन्हें अपमानित करने का पाप किया गया है, जबकि गो रक्षा का उनका इतिहास रहा है। यह कार्यवाही गो तस्करों, अपराधियों के हौसले बुलंद करेगी।”
गौतस्करों के एनकाउंटर मामलें में बजाय थाना प्रभारी राजेन्द्र त्यागी जी को पुरस्कृत करने के गौतस्करों के दबाव में उनका SSP द्वारा तबादला कर उन्हें अपमानित करने का पाप किया गया है जबकि गौरक्षा का उनका इतिहास रहा है। यह कार्यवाही गौतस्करों-अपराधियों के हौसले बुलंद करेगी।#mlaloni
— Nand Kishor Gurjar (@nkgurjar4bjp) November 14, 2021
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इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी के समर्थन में कई अन्य संगठन भी खड़े हुए हैं। उन्होंने भी इंस्पेक्टर के ट्रांसफर का विरोध किया है।
कृपया संज्ञान लेवे।
— हिन्दू एकता संघ🚩 (@unitedhindu108) November 15, 2021
गाज़ियाबाद लोनी बॉर्डर के निर्भीक SHO राजेन्द्र त्यागी जी का विधर्मियो और विपक्षी नेताओं के दवाब में ट्रांसफर करवाया जा रहा है। ये वही है जिन्होंने गौ तस्करों के नाक में दम किया था। ऐसे अफसरों को हमे बचाना चाहिए, जो कि कम ही देखने को मिलते है। @shalabhmani pic.twitter.com/sQbUYTGGj4
इस मामले की विस्तृत जानकारी के लिए ऑप इंडिया ने गाजियाबाद जिले के एसएसपी को सम्पर्क किया। उनका फोन उनके PRO ने उठाया। PRO ने बताया कि इंस्पेक्टर लोनी का ट्रांसफर एक रूटीन ट्रांसफर प्रकिया के तहत किया गया है। उनका थाना सामान्य विभागीय तबादला प्रकिया के अंतर्गत बदला गया था। इस मामले में विवाद अथवा कोई अन्य बात नहीं है।