महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने ‘ब्रेक द चेन’ नाम से नई पाबंदियाँ लगाई हैं। इसमें लॉकडाउन की तरह सख्ती से काम लिया जाएगा। मंगलवार (अप्रैल 13, 2021) की रात मुख्यमंत्री ने कर्फ्यू का ऐलान किया। उसके बाद राजधानी मुंबई स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर प्रवासियों की भारी भीड़ जुट गई, जिनमें अधिकतर मजदूर थे। महाराष्ट्र में 14 अप्रैल की रात से 15 दिनों का कर्फ्यू लगाया गया है।
जहाँ कई प्रवासियों को पहले से ही इस घोषणा का अंदेशा था तो उन्होंने अपना टिकट करा लिया था, वहीं अधिकतर ऐसे थे जिन्हें टिकट नहीं मिल पाया लेकिन वो किसी तरह ट्रेन में जगह बना कर अपने घर पहुँचना चाहते थे। अधिकतर लोग जनरल टिकट खरीद कर स्टेशन में घुसे। सेंट्रल रेलवे अब वहाँ से उत्तर भारतीय राज्यों में जाने वाली ट्रेनों की संख्या में इजाफा कर रहा है, लेकिन लोगों की भीड़ कम नहीं हो रही।
मंगलवार तक 2000 से भी अधिक लोगों को वेटिंग लिस्ट में रखा गया था। ट्रेनों के आने से पहले से ही कन्फर्म टिकट वाले कई प्रवासी मजदूर बड़ी-बड़ी पंक्तियों में खड़े दिखे। उनमें से अधिकतर का मानना है कि फिर पिछले साल वाली स्थिति आ सकती है, इसलिए घर लौटना ही उचित है। 2 महीने पहले ही मुंबई लौटे एक व्यक्ति ने कहा कि वो जिस फर्नीचर की दुकान में काम करता है, उसके मालिक ने छुट्टियों पर जाने को कह दिया है।
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि अब वे अपने परिवार का गुजर-बसर करने के लिए क्या करेंगे, ये उन्हें समझ नहीं आ रहा है। हीरे की पॉलिश करने वाले कारखाने में काम करने वाले एक मजदूर का कहना है कि कंपनी ने दो हफ्ते तक कारखाना बंद रखने की बात कही है। पिछले साल के अनुभवों के आधार पर प्रवासी मजदूरों का दावा है कि कर्फ्यू की अवधि फिर बढ़ाई जाएगी। अब वो कर्फ्यू खत्म होने के बाद ही वापस आने की बात कह रहे हैं।
आज बुधवार को भी उत्तर भारतीय राज्यों के लिए मुंबई से 10 ट्रेनें जा रही हैं। ऐसे हर ट्रेन में वेटिंग लिस्ट में 100-1500 लोग हैं। इसे देखते हुए मुंबई सेंट्रल और बांद्रा से एक-एक और ट्रेनें चलाई जाएँगी। मजदूरों के लिए बस से जाना संभव नहीं हो पा रहा है, क्योंकि एक टिकट का दाम 5000 रुपए है। सड़क मार्ग से भी उनका पलायन चालू है। पिछले 10 दिनों में यूपी-बिहार के लिए मुंबई से 100 बसें आई हैं।
This crowd at LTT, Kurla isn’t something very unusual, it’s routine summer season rush. Today total 23 trains are scheduled to depart from LTT, out of which 16 are either North-bound or East-bound. Out of these 16, 5 are summer special trains: Central Railway CPRO
— ANI (@ANI) April 13, 2021
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ऐसी 1000 बसें चली थीं। लेकिन, पिछले साल इन बसों को टैक्स में छूट दिया गया था, जिस कारण एक टिकट का दाम 3000 रुपए था। यूपी-बिहार में पंचायत चुनाव भी होने हैं। ट्रक संगठनों का कहना है कि उनके संघ में 90 लाख ट्रक वाले हैं, जिनमें से 14 लाख महाराष्ट्र के हैं। इनमें ड्राइवरों से लेकर समान चढ़ाने-उतारने वाले तक, सभी प्रवासी हैं। उनका कहना है कि पलायन हुआ तो काफी दिक्कतें आएँगी।
‘होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (HRAWI)’ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने मुख्यमंत्री ठाकरे को पत्र लिख कर कहा है कि कर में छूट के साथ-साथ स्पेशल टीकाकरण अभियान भी चलाया जाए, ताकि आर्थिक रूप से इस डूबते सेक्टर का भला हो। उन्होंने कहा कि 20% कर्मचारी जा चुके हैं और पूर्ण लॉकडाउन हुआ तो बाकी भी निकल जाएँगे। उन्होंने ये बात कर्फ्यू के ऐलान से पहले ही कही थी।
उधर CM उद्धव ठाकरे ने सभी संगठनों से मदद की अपील करते हुए कहा कि राज्य में हालात गंभीर हैं। 14 अप्रैल रात 8 बजे से पूरे राज्य में अगले 15 दिनों तक धारा 144 यानी बिना जरूरत के आना-जाना प्रतिबंधित होगा। ये जनता कर्फ्यू है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वो इन प्रतिबंधों को लॉकडाउन का नाम नहीं देंगे। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सारे दफ्तर बंद रहेंगे। ई-कॉमर्स, बैंक, मीडिया, पेट्रोल पंप, सुरक्षा गार्ड जैसे लोगों को इसमें छूट दी गई है।