दलित युवक के मुस्लिम समुदाय की लड़की से शादी करने से नाराज युवती के परिजनों और उनके साथियों ने शनिवार (मार्च 20, 2021) रात सराय काले खाँ गाँव की दलित बस्ती में बेखौफ जमकर उत्पात मचाया। 50 से अधिक की संख्या में बस्ती में घुसी मुस्लिम भीड़ ने हिन्दुओं की कुल तीन गलियों को निशाना बनाया और तलवार लाठी डंडे और पत्थरों के साथ जमकर हमला कर दिया। रात के 11 बजे के बाद अचानक हुए इस हमले से बस्ती में रहने वाले लोग सहम गए हैं।
ऑपइंडिया ने इस बाबत वहाँ के पीड़ितों से बात की पीड़ित महिलाओं ने उस रात की भयावह दास्ताँ को बयाँ किया। उन्होंने बताया कि हमलावर उनके घर में घुस गए थे। हमलावरों के हाथों में तलवार, चाकू, छूरी, बंदूकें और डंडे आदि थे। पीड़ितों का कहना है कि चूँकि वो लोग जगे हुए थे, इसलिए बच गए। हमलावरों ने महिलाओं के बाल पकड़ कर भी खींचे। जिससे उन्हें चोटें भी आई। जब उन्होंने बच्चों को अंदर करके दरवाजा लगाने की कोशिश की तो हमलावरों ने बाल पकड़ कर खींचा।
मुस्लिम समुदाय के हमलावरों ने दरवाजे पर ईंटें और तलवारें मारी। जिससे कुछ हद तक कई गेट भी टूटे। उन्होंने आग लगाने की भी कोशिश की। वो गाड़ियों से पेट्रोल निकाल रहे थे, मगर लोगों ने देख लिया और छत से कुछ भारी फेंक कर मारा, जिसके बाद वो वहाँ से भागे। पीड़ित महिलाओं ने बताया कि जब लोग थोड़े से आक्रामक हुए तो वो लोग पीछे हटे और बगल वाली गली में गए। वहाँ पर भी उन लोगों ने हमला किया, जहाँ पर 4-5 लोगों को चोटें आई है।
उन्होंने बताया कि हमला करने वाली मुस्लिम भीड़ में शामिल शबीना नाम की महिला ने उनके कौम (जाति) को गाली दी और धमकी दी कि वो खून की होली खेलेगी। उसने हमें भं* कहा। उसने कहा कि जो भी मुहल्ला वाला बोलेगा, वो पिटेगा। पीड़ितों ने न्याय की माँग की है। उनका कहना है कि उन्होंने उनके कौम को गाली दी है, इस पर एक्शन लिया जाए। उन्होंने कहा कि वो प्रशासन से माँग करती हैं कि सभी हमलावरों (वो लड़की भी, जिसका नाम शबीना है, जिसने खून की होली खेलने की धमकी दी) को सजा हो।
इसके साथ ही गली में जितनी भी तोड़-फोड़ हुई है, उसकी भरपाई भी चाहिए। उन्होंने कहा कि वो इतने ज्यादा डरे हुए हैं कि दो दिन से काम पर नहीं जा रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं वो उनके पीछे बच्चों को न कुछ कर दें। उन्हें अकेला पाकर उन पर भी हमला कर सकते हैं।
चश्मदीदों ने हमें बताया कि मस्जिद की गली की तरफ से ईंट-पत्थर लेकर घुसे और बाल्मीकि बस्ती तोड़फोड़ के बाद ईंट-पत्थरों से भरी हुई थी। अभी भी वहाँ पर जगह-जगह पर ईंट-पत्थरों को आप वीडियो में देख सकते हैं। चश्मदीदों ने हमें वो गली दिखाया, जहाँ पर ईंट-पत्थर जमा था। इतना ही नहीं, चश्मदीदों ने हमें बताया कि पुलिस और मीडिया के आने से पहले उनको डरा-धमका कर पत्थरों को हटा दिया गया था।
उन्होंने बताया किउस रात पूरी गली पत्थरों से भरी हुई थी। चारों तरफ पत्थर ही पत्थर था। उन लोगों ने 30 से ज्यादा गाड़ियों का भी नुकसान किया। सारी गाड़ियाँ फिलहाल पुलिस चौकी में खड़ी हैं। उन लोगों ने बताया कि मस्जिद के पास कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। इन लोगों ने वहीं से ईंट-पत्थर लिया और उसके बाद दलित बस्ती में घुस कर आतंक मचाया।
गौरतलब है कि दक्षिणी दिल्ली के सराय काले खाँ गाँव में शनिवार रात मुस्लिम समुदाय के 50 से अधिक उपद्रवियों ने जमकर बवाल किया। मुस्लिमों की उग्र भीड़ ने इलाके की दलित बस्ती में घुसकर आधे घंटे तक लाठी डंडों और तलवार के साथ हिन्दुओं की संपत्ति को तहस-नहस किया।