दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (17 नवंबर 2021) को सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कई तल्ख टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने कहा कि टीवी डिबेट सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बहसों में हर किसी का अपना एजेंडा होता है और टिप्पणियों का इस्तेमाल संदर्भ के बाहर किया जाता है।
यह टिप्पणी दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों के जवाब में आई। दरअसल सिंघवी का जोर पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर था। उनका कहना था कि इस तथ्य को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी को यह भी कहा कि वे प्रदूषण के मुद्दे से न भटकें। वे जो मुद्दा उठा रहे हैं वह प्रासंगिक नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय ने पराली से प्रदूषण के लिए किसानों को कोसने के लिए सरकारों को फटकार लगाई। कहा कि किसी भी तरह के दूसरे प्रदूषण से कहीं अधिक प्रदूषण टीवी चैनलों में होने वाली डिबेट से फैलता है। उन्हें समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है और क्या मुद्दा है। मुख्य न्यायाधीश ने सरकार और लोगों को जिम्मेदारी समझने की सलाह देते हुए कहा कि सबकुछ न्यायिक आदेशों के जरिए नहीं किया जा सकता है।
Supreme Court tells Singhvi that its focus is pollution, and he is raising issues that are not relevant. We have taken care of this and said in our order to request farmers to not be involved in stubble burning for two weeks
— ANI (@ANI) November 17, 2021
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि टीवी चैनलों पर उनके खिलाफ गुमराह करने वाली टिप्पणियाँ की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चैनलों में पराली जलाए जाने के मामले में उनपर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया जा रहा है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट गुमराह नहीं है।
सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली और एनसीआर के राज्यों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इस पर केंद्र का रुख यह है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) की जगह कार पुलिंग करें, ताकि सड़क पर केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या कम हो।
इससे पहले सोमवार (15 नवंबर 2021) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने को कहा था। इसके बाद मंगलवार (16 नवंबर 2021) को कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की वर्चुअल बैठक हुई थी।