Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाज'टीवी डिबेट से सबसे ज्यादा प्रदूषण': दिल्ली सरकार की पैरवी कर रहे थे सिंघवी,...

‘टीवी डिबेट से सबसे ज्यादा प्रदूषण’: दिल्ली सरकार की पैरवी कर रहे थे सिंघवी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मुद्दे से न भटकें

सर्वोच्च न्यायालय ने पराली से प्रदूषण के लिए किसानों को कोसने के लिए सरकारों को फटकार लगाई। कहा कि किसी भी तरह के दूसरे प्रदूषण से कहीं अधिक प्रदूषण टीवी चैनलों में होने वाली डिबेट से फैलता है।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (17 नवंबर 2021) को सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कई तल्ख टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने कहा कि टीवी डिबेट सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन बहसों में ​हर किसी का अपना एजेंडा होता है और टिप्पणियों का इस्तेमाल संदर्भ के बाहर किया जाता है।

य​ह टिप्पणी दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों के जवाब में आई। दरअसल सिंघवी का जोर पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर था। उनका कहना था कि इस तथ्य को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी को यह भी कहा कि वे प्रदूषण के मुद्दे से न भटकें। वे जो मुद्दा उठा रहे हैं वह प्रासंगिक नहीं है।

सर्वोच्च न्यायालय ने पराली से प्रदूषण के लिए किसानों को कोसने के लिए सरकारों को फटकार लगाई। कहा कि किसी भी तरह के दूसरे प्रदूषण से कहीं अधिक प्रदूषण टीवी चैनलों में होने वाली डिबेट से फैलता है। उन्हें समझ में नहीं आता कि क्या हो रहा है और क्या मुद्दा है। मुख्य न्यायाधीश ने सरकार और लोगों को जिम्मेदारी समझने की सलाह देते हुए कहा कि सबकुछ न्यायिक आदेशों के जरिए नहीं किया जा सकता है।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि टीवी चैनलों पर उनके खिलाफ गुमराह करने वाली टिप्पणियाँ की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि चैनलों में पराली जलाए जाने के मामले में उनपर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया जा रहा है। इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट गुमराह नहीं है।

सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्‍ली और एनसीआर के राज्‍यों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। इस पर केंद्र का रुख यह है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम (WFH) की जगह कार पुलिंग करें, ताकि सड़क पर केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या कम हो। 

इससे पहले सोमवार (15 नवंबर 2021) को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से वायु प्रदूषण के मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने को कहा था। इसके बाद मंगलवार (16 नवंबर 2021) को कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की वर्चुअल बैठक हुई थी। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

न रहेगी अग्निपथ न मिलेगा अग्निवीरों को आरक्षण: अखिलेश यादव का इरादा साफ, ऐलान कर बोले- सत्ता में आते ही ये योजना 24 घंटे...

अखिलेश यादव का यह निर्णय ठीक एक दिन बाद आया है जब सीएम योगी ने अग्रिवीरों के लिए पुलिस व अन्य नौकरियों में आरक्षण देने की बात कही थी।

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -