हाल में डीपफेक (DeepFake) AI तकनीक से रश्मिका मंदाना और काजोल के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जाहिर की है। पीएम मोदी ने शुक्रवार (17 नवंबर 2023) को डीपफेक के दुरुपयोग को चिह्नित किया और कहा कि मीडिया को इस संकट के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय में दिवाली मिलन समारोह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया था। वहाँ मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत केवल शब्द नहीं है, बल्कि यह जमीनी हकीकत है।
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को 24 घंटे के भीतर डीपफेक कंटेंट हटाने की सलाह दी थी। इसको लेकर सरकार ने साफ कहा है कि ऐसा न करने पर इन प्लेटफॉर्म पर भारतीय कानूनों के तहत आपराधिक और न्यायिक कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें कि बॉलीवुड अभिनेत्रियों से लेकर सेलिब्रेटी तक डीपफेक (DeepFake) का शिकार हो रही हैं। रश्मिका मंदाना, सारा तेंदुलकर, कैटरीना कैफ, ऐश्वर्या राय के बाद अब काजोल इसकी शिकार बनी हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल का एक अश्लील वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वो कैमरे के सामने कपड़े बदलती नजर आ रही हैं।
अपनी डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद अभिनेत्री रश्मिका मंदाना ने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक यूनिट ने इसे लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस टीम इस केस की जाँच भी शुरू कर दी है।
अपने इस वीडियो को लेकर रश्मिका मंदाना ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा था, “मुझे अपने ऑनलाइन फैलाए जा रहे डीप फेक वीडियो पर बात करते और इसे शेयर करते हुए बेहद दुख हो रहा है। ईमानदारी से कहूँ तो ऐसा कुछ, न केवल मेरे लिए, बल्कि हममें से हर एक के लिए बेहद डरावना है, जो आज तकनीकी के बेजा इस्तेमाल की वजह से खतरे में हैं।”
रश्मिका ने आगे लिखा था, “मैं आज एक महिला और एक अभिनेत्री के नाते अपने परिवार, मित्रों और शुभेच्छुकों का धन्यवाद करती हूँ क्योंकि वह मेरे सपोर्ट सिस्टम हैं। हालाँकि, अगर ऐसा कुछ मेरे साथ स्कूल या कॉलेज में हुआ होता तो मुझे नहीं मालूम मैंने इसका सामना कैसे किया होता। हमें इससे एक समाज के तौर उससे पहले लड़ना होगा जब तक यह और लोगों की पहचान चुराए।”
इस वीडियो को AI डीपफेक तकनीक से एडिट किया गया था, जिसमें असली और नकली का भेद कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेक्नोलॉजी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस पर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे सभी डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा एवं भरोसे को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।