महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बदलते ही मुंबई-अहमदाबाद (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project) के बीच प्रस्तावित भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का टेंडर 22 जुलाई 2022 जारी कर किया। हालाँकि, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की केंद्र विरोधी रवैए एवं अन्य कारणों की वजह से इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत बढ़कर 1.6 लाख करोड़ रुपए हो गई है।
उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। राज्य में इसके लिए जरूरी भूमि अधिग्रहण का काम पूरा नहीं किया।
इस प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में भूमि अधिग्रहण का काम 98.9% पूरा हो गया है, जबकि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण का काम सिर्फ 73% ही पूरा हुआ है। इस कारण यह पूरा प्रोजेक्ट लटक गया है और इसकी देरी की मुख्य वजह बना।
इस परियोजना की समय सीमा 2022और शुरुआती लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए थी, लेकिन ठाकरे सरकार ने राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण इस प्रोजेक्ट को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद उसे शुरू करने की समय सीमा 2027 तय की है। साल 2026 में इसके सारे ट्रायल पूरे हो जाएँगे।
हालाँकि, राज्य में एकनाथ शिंदे की सरकार आते ही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस रूट के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए जारी कर दिया।
इसके पहले NHSRCL ने नवंबर 2019 में ब्रांदा-कुर्ला कॉप्लेक्स में भूमिगत स्टेशन बनाने के लिए निकाली गई निविदाओं को इस साल की शुरुआत में रद्द कर दिया था। NHSRCL द्वारा 11 बार समय सीमा बढ़ाने के बाद भी राज्य सरकार जमीन उपलब्ध नहीं करा पाई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भूमि अधिग्रहण में देरी के साथ-साथ बीती अवधि में जमीन, सीमेंट, लोहे, स्टील आदि के दामों में वृद्धि के कारण इस प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गई है। हालाँकि, NHSRCL का कहना है कि प्रोजेक्ट की नई लागत की सही जानकारी अभी नहीं दी जा सकती। भूमि अधिग्रहण का काम और सभी कॉन्ट्रैक्ट्स पूरे होने के बाद ही इसकी घोषणा की जा सकेगी।