किसी के ऊपर तेजाब गिर जाए, यह सोचकर ही रूह काँप उठती है। दिल्ली में हिंदू विरोधी दंगों के दौरान तेजाब का भी बतौर हथियार इस्तेमाल किया। AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन की बिल्डिंग की छत पर भी तेजाब के पाउच मिले हैं। बताया जाता है कि दंगाइयों को तेजाब की सप्लाई शिव विहार इलाके के एक फैक्ट्री से की गई थी, जिसका मालिक फिरोज खान है। सबसे ज्यादा हिंसा इसी इलाके में हुई और दंगाइयों ने बच्चों को भी नहीं बख्शा। उनके ऊपर भी तेजाब और अन्य हथियारों से हमला किया गया। शिव विहार इलाके में 15 साल के राहुल गिरी के ऊपर दंगाइयों ने तेजाब उड़ेल दिया था। इससे उसका चेहरा बुरी तरह से झुलस गया है।
दंगाइयों के दहशत का आलम इस कदर हावी है कि राहुल को बेहतर इलाज के लिए उसके माँ-बाप अस्तपाल ले जाने से भी डर रहे। राहुल अपना दर्द बयाँ करते हुए कहता है कि उसका बोर्ड का एग्जाम आने वाला है। अगर वो ठीक नहीं हुआ तो फिर परीक्षा कैसे देगा। दंगाइयों ने ना सिर्फ उसका चेहरा जलाया, बल्कि उसके भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
राहुल 25 फरवरी की शाम दुकान से कुछ सामान लेने के लिए गया था। तभी दंगा भड़क गया। वह डरकर अपनी जान बचाने के लिए एक टंकी के नीचे छुप गया था। लेकिन दंगाइयों ने उसे वहाँ भी नहीं छोड़ा और उसके ऊपर तेजाब से भरी बोतल फेंक दी। पर दंगाइयों के डर से फिर भी राहुल वहाँ से नहीं निकला। जब दंगाई वहाँ से चले गए, इसके बाद वो अपने घर पहुँचा। राहुल की माँ पूजा गिरी ने बताया कि दंगे की डर की वजह से वो अपने बच्चे को बड़े डॉक्टर के पास नहीं ले जा सकी। पूजा ने बताया कि उन्होंने राहुल के झुलसे चेहरे को घर में ही धोया और पास के ही एक डॉक्टर से इलाज करवा रही हैं।
इसी तरह शिव विहार निवासी नरेन्द्र कुमार के ऊपर भी तेजाब फेंक दिया गया था। उन्होंने NBT को बताया कि 25 फरवरी की शाम जोरहीपुर से एक शादी समारोह से लौट रहे थे। कॉलोनी में पहुँचे तो देखा कि माहौल बुहत खराब है। नरेन्द्र कुमार ने बताया, “मैं अपने घर पहुँचने ही वाला था कि तभी मेरे चेहरे पर किसी ने छत से तेजाब फेंक दिया। घर में छोटे-छोटे बच्चे हैं और इलाके का माहौल काफी खराब है। इसकी वजह से मैं बाहर इलाज कराने के लिए नहीं जा पा रहा हूँ।”
बता दें कि दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में हिंसा की शुरुआत शिव विहार से ही हुई थी और फिरोज खान की इस फैक्ट्री के बाहर 24 फरवरी की रात में हंगामा भी हुआ था। इलाके के लोगों का आरोप है कि जब हिंसा हुई, तब फैक्ट्री के अंदर से गैलन में भरकर तेजाब और केमिकल बाहर भेजा गया था। फैक्ट्री के अंदर गैलन में तेजाब रखा हुआ था, जिस पर ‘गंगाजल’ लिखा हुआ है। फिरोज यह फैक्ट्री, दीपक बैंड दुकान की आड़ में चलाता था।