दिल्ली की दो बहनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने उस पाँच एकड़ जमीन पर अपना दावा बताया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के पास मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित किया गया था। याचिका बुधवार (3 फरवरी 2021) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दायर की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस याचिका पर सुनवाई 8 फरवरी को हो सकती है।
याचिका दायर करने वाली बहनों का नाम रानी कपूर (रानी बलूजा) और रमा रानी पंजाबी है। इन्होंने अपनी याचिका में लिखा है कि उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी विभाजन के दौरान 1947 में पंजाब से भारत आए और तत्कालीन फैजाबाद (अब अयोध्या) जिले में बस गए। बहनों ने याचिका में दावा किया है कि उनके पिता को नाजुल विभाग ने धन्नीपुर गाँव में लगभग 28 एकड़ ज़मीन लगभग पाँच साल के लिए आवंटित की थी। ये जमीन तय अवधि से ज़्यादा समय तक उनके पास थी।
बहनों का याचिका में कहना है कि उनके पिता का नाम राजस्व रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। कुछ समय बाद उनका नाम हटा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने तत्कालीन आयुक्त के समक्ष अपील की थी जिसे बाद में स्वीकृति दी गई थी। याचिका के मुताबिक़ अधिकारियों ने चकबंदी प्रक्रिया के दौरान उनके पिता का नाम फिर से हटा दिया था। दोनों बहनों ने अधिकारी द्वारा जारी किए गए इस आदेश के खिलाफ निपटान अधिकारी, अयोध्या (सदर) के समक्ष अपील की थी।
इस अपील को संज्ञान में लिए बिना अधिकारियों ने उनकी कुल 28 एकड़ ज़मीन में से 5 एकड़ ज़मीन मस्जिद के निर्माण के लिए वक्फ बोर्ड को आवंटित कर दी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जब तक यह विवाद निपटान अधिकारी के सामने लंबित है, तब तक इसे सुन्नी वक्फ बोर्ड के हवाले किए जाने से रोक लगाई जानी चाहिए। नवंबर 2019 में रामजन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए धन्नीपुर गाँव में 5 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी।