Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज'मैं क्यों किसी को घर बेचने से रोकूँगा…मुझे खुद जाना है' : ब्रह्मपुरी पर...

‘मैं क्यों किसी को घर बेचने से रोकूँगा…मुझे खुद जाना है’ : ब्रह्मपुरी पर ‘द वायर’ की रिपोर्ट को एडवोकेट प्रदीप ने कहा झूठा, बोले- यहाँ मुस्लिम 50% पार कर गए तो क्या होगा

एडवोकेट शर्मा ने हमें बताया कि वो दूसरों को घर बेचने से क्या रोकेंगे जब वो खुद ही अपना घर बेचने की तैयारी में हैं। अपने क्षेत्र के हालत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी गली से लगातार हिन्दू घर बेच कर जा रहे हैं। बातचीत के दौरान एक हिन्दू ब्राह्मण के घर को खरीद कर मस्जिद बनाने की भी जानकारी हमें दी गई।

दिल्ली का ब्रह्मपुरी इस समय मीडिया और सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस चर्चा की वजह वामपंथी पोर्टल द वायर (The Wire) पर शनिवार (14 जनवरी 2023) को पब्लिश हुई एक रिपोर्ट है। इस रिपोर्ट में ब्रह्मपुरी की गली नंबर 13 में प्रदीप शर्मा नाम के एक वकील द्वारा मुस्लिमों को प्रॉपर्टी न बेचने के पोस्टर का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में एक डॉक्टर के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि दंगों के दौरान मुस्लिमों ने हिन्दुओं के घरों की रक्षा की थी और गली नंबर 13 में हिंसा ही नहीं हुई थी। खबर के अंत में एडवोकेट शर्मा से भी सम्पर्क होने की बात कही गई। इन तमाम दावों की पड़ताल करने ऑपइंडिया की टीम सोमवार (16 जनवरी 2023) को ब्रह्मपुरी पहुँची। ब्रह्मपुरी में हमने जो पाया वो द वायर के दावों को सिरे से झुठला रहा था।

‘द वायर’ ने खतरे में डाली परिवार की सुरक्षा

ब्रह्मपुरी पहुँच कर हमने सीधे एडवोकेट प्रदीप शर्मा को सम्पर्क किया। प्रदीप ने खुद को न्यू उस्मानपुर थाने पर बताया और वहीं आने के लिए कहा। घने ट्रैफिक में हमें थाने पहुँचने में लगभग 7 मिनट लग गए। प्रदीप शर्मा हमें गेट पर ही मिल गए। हमने उनसे थाने पर आने की वजह पूछी तो उन्होंने कुछ मीडिया और सोशल मीडिया पर अपनी खबर वायरल होने के बाद मिल रही धमकियों से परेशान हो कर पुलिस सुरक्षा माँगने की जानकारी दी। एडवोकेट शर्मा ने द वायर पर किसी से पैसे लेकर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि द वायर के कारण वह और उनका परिवार खतरे में आ गए हैं।

तेज आवाज में अजान से थोड़ी देर रुकी बातचीत

हम थाने के गेट पर बात ही कर रहे थे कि अचानक 2 पुलिसकर्मी किस आरोपित को पकड़ कर उधर से गुजरे। उन्होने हमसे वहाँ खड़े होने की वजह पूछी। हालाँकि मीडियाकर्मी जान कर वो वहाँ से चले गए। इस दौरान थाने के आस-पास लगे लाऊडस्पीकरों से जोर-जोर से अजान होने लगी जिसकी वजह से हमें थोड़ी देर इंटरव्यू बंद करना पड़ा। अधिवक्ता शर्मा ने अजान की उन तेज आवाजों को इलाके के लिए बेहद सामान्य बात बताया।

‘मैंने नहीं लगाए कोई पोस्टर’

अजान की आवाज खत्म होने के बाद एडवोकेट शर्मा ने फिर से बातचीत शुरू की। उन्होंने हमें बताया कि जिस पोस्टर पर विवाद खड़ा हुआ है उसे उन्होंने लगाया ही नहीं। प्रदीप के मुताबिक उन्हें अपने नाम से लगे पोस्टरों की जानकारी सोशल मीडिया से हुई। हालाँकि उन्होंने शक जताया है कि इलाके से हिन्दुओं का पलायन रोकने के लिए किसी ने उनके नाम से ये पोस्टर लगा दिए जो गलत है। वकील ने खुद के पेशे में भी कभी हिन्दू-मुस्लिम न देखने की जानकारी दी।

घर बेच रहे हिन्दू और हो रहा पलायन

एडवोकेट शर्मा ने हमें बताया कि वो दूसरों को घर बेचने से क्या रोकेंगे जब वो खुद ही अपना घर बेचने की तैयारी में हैं। अपने क्षेत्र के हालत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी गली से लगातार हिन्दू घर बेच कर जा रहे हैं। हमें बताया गया कि पहले उनके घर के चारों तरफ हिन्दू थे लेकिन अब वहाँ कई मुस्लिम हो गए। एक हिन्दू ब्राह्मण के घर को खरीद कर मस्जिद भी बनाने की जानकारी हमें दी गई जहाँ स्थानीय गली से ज्यादा बाहर के लोग नमाज़ पढ़ने आते हैं। अधिवक्ता के मुताबिक क्षेत्र में जनसंख्या का संतुलन तेजी से बदल रहा। वकील ने मुताबिक जब मुस्लिम आबादी 50% पार कर जाएगी तब न जाने क्या होगा।

पलायन की मुख्य वजह सुरक्षा की चिंता

एडवोकेट शर्मा के मुताबिक उनकी और बाकी हिन्दुओं की मुख्य चिंता सुरक्षा की है। दिल्ली दंगों की याद न दिलाने की बात कहते हुए भावुक हो गए। अधिवक्ता ने बताया कि उनकी गली में दंगाई घुस गए थे और मुहाने पर मौजूद शिव-गौरी मंदिर पर हमले का प्रयास किया गया था। खुद को चश्मदीद बताते हुए प्रदीप शर्मा ने बताया कि उनके घर के आगे दंगाइयों ने गोलियाँ बरसाईं थीं। हमें बताया गया कि ब्रह्मपुरी के तमाम हिन्दू अब साल 2020 जैसी किसी घटना को दुबारा झेलने के लिए तैयार नहीं है और इसी वजह से सुरक्षित स्थान की तरफ जाना चाहते हैं। शर्मा ने अपने आस-पास 50 हिन्दुओं का जिक्र किया जो मकान बेच कर जा चुके हैं। इसमें एक वो हिन्दू परिवार भी शामिल था जिसके घर पर अब मस्जिद बनी हुई है। हालाँकि द वायर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि गली नंबर 13 में दिल्ली दंगों के दौरान हिंसा ही नहीं हुई थी।

ब्रह्मपुरी में हुई थी हिन्दुओं की हत्या

गौरतलब है कि साल 2020 के हिन्दू विरोधी दंगों में ब्रह्मपुरी के ही रहने वाले विनोद कुमार की दंगाइयों ने हत्या कर दी थी। वो खजूर वाली गली में रहते थे और घटना के समय अपने बेटे के साथ घर लौट रहे थे। विनोद के अलावा एडवोकेट शर्मा ने बताया कि गली नंबर 1 में एक हिन्दू सब्ज़ी वाले की भी गोली मार कर हत्या हुई थी। वकील के मुताबिक ब्रह्मपुरी में कम से कम 4-5 हिन्दू मारे गए थे।

हिन्दुओं की वजह से मुस्लिम सुरक्षित’

ब्रह्मपुरी गली नंबर 13 में 70% हिन्दू और 30% मुस्लिम आबादी बताते हुए एडवोकेट शर्मा ने कहा कि उस गली में हिन्दू लोग मुस्लिमों की रक्षा करते हैं। हिन्दुओं को सहिष्णु बताते हुए उन्होंने कहा कि 2020 दंगों में बहुत कुछ झेल कर भी हिन्दुओं ने अपनी में मौजूद मुस्लिमों की रक्षा की थी और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुँचने दिया था।

‘मैंने कभी नहीं की The Wire से बात’

जहाँ द वायर (The Wire) ने अपनी रिपोर्ट में एडवोकेट शर्मा से बात कर के उनका पक्ष लेने का दावा किया है। वहीं प्रदीप शर्मा इस दावे को सिरे से नकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी खबर वायरल होने से पहले वो किसी वायर नाम के संस्थान को जानते ही नहीं थे। The Wire के आर्टिकल में छपे अपने बयान को भी प्रदीप शर्मा ने बिना अनुमति जोड़ने का आरोप लगाया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -