कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा 26 जनवरी 2021 के दिन निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर व दिल्ली के अंदर हुई हिंसा के मामले में मुख्य आरोपित दीप सिद्धू को दिल्ली की अदालत ने जमानत दे दी है।
A Delhi Court grants bail to Deep Sidhu, an accused in the 26th January violence case.
— ANI (@ANI) April 17, 2021
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दीप सिद्धू पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने सिद्धू को 9 फरवरी को हरियाणा के करनाल से गिरफ्तार किया था। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में दर्ज एफआईआर में दीप सिद्धू और अन्य के नाम शामिल हैं। इन सभी पर हिंसा करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, 26 जनवरी को कुछ लोगों ने लाल किले में हुई हिंसा के बाद एक धार्मिक झंडा फहराया था। उनमें से कुछ की पहचान की गई है, जिनमें से दीप सिद्धू मुख्य आरोपित है।
बता दें कि 8 अप्रैल, 2021 को दिल्ली पुलिस ने दीप सिद्धू की जमानत का विरोध किया था। पुलिस के मुताबिक, दीप सिद्धू न सिर्फ उस दिन हिंसा में शामिल था बल्कि एक दिन पहले उसने पूरी साजिश भी रची थी। लोनी का रूट लेकर वह लालकिला पहुँचा था।
इतना ही नहीं दीप सिद्धू ने लोगों को धार्मिक झंडा फहराने के लिए भी उकसाया था। इसके लिए 25 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर बाकायदा एक मीटिंग की गई थी। 26 जनवरी को सिद्धू लाल किले पर दोपहर 1 बजकर 54 मिनट पर पहुँच गया था। इस हिंसा में 144 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए थे।
सिद्धू की जमानत याचिका का विरोध करते हुए, अभियोजक ने दावा किया कि रिहा होने पर, सिद्धू सबूत नष्ट कर देगा क्योंकि जब वह गिरफ्तार हुआ था तो उसने दो फोन नष्ट कर दिए थे।
आरोपित दीप सिद्धू के वकील ने क्या कहा?
आरोपित दीप सिद्धू के वकील अभिषेक गुप्ता ने कहा था कि जाँच एजेंसी के पास ऐसे कोई सबूत नही हैं कि लालकिले पर हुई हिंसा में दीप सिद्धू शामिल था। जाँच एजेंसी ने दीप सिद्धू के खिलाफ 1 लाख रुपए का इनाम रख दिया। जाँच एजेंसी न्यूज रिपोर्ट के आधार पर ऐसा कैसे कर सकती है? अभिषेक गुप्ता ने कहा था कि दीप सिद्धू किसी भी किसान संगठन से जुड़ा हुआ नहीं है। ट्रैक्टर रैली के लिए सिद्धू की तरफ से कोई भी घोषणा या आह्वान नहीं किया गया था। दीप सिद्धू ने लालकिला जाने के लिए भी नहीं कहा था।
गौरतलब है कि 26 जनवरी को हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेट्स को तोड़ कर राष्ट्रीय राजधानी में दाखिल हो गए थे और आईटीओ सहित अन्य स्थानों पर उनकी पुलिस कर्मियों से झड़पें हुई थीं। कई प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किला पहुँच गए और ऐतिहासिक स्मारक में प्रवेश कर गए तथा उसकी प्राचीर पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया। इस हिंसा में 500 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।
दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के सिलसिले में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, राजिंदर सिंह, मेधा पाटकर, बूटा सिंह, दर्शन पाल और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 38 किसान नेताओं के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में अब तक 152 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124 ए (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया है और पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना को मुख्य आरोपित बनाया है।