देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मरकज तबलीगी जमात के मुख्यालय में 200 से ज्यादा लोगों के कोरोना संदिग्ध पाए जाने से हड़कंप मच गया है। दिल्ली सरकार ने मरकज के मौलाना के खिलाफ फौरन मुकदमा दर्ज करने को कहा है। उन पर आरोप है कि देश में लॉकडाउन होने के बाद भी उन्होंने इतना बड़ा धार्मिक आयोजन कराया। साथ ही इसके लिए उन्होंने कोई अनुमति भी नहीं ली थी।
दिल्ली मरकज की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 24 मार्च को हजरत निज़ामुद्दीन थाने के SHO ने मरकज़ परिसर को बंद करने की माँग करते हुए एक नोटिस जारी किया था। 24 मार्च को इसका जवाब आया, जिसमें कहा गया कि मरकज़ को बंद करने के निर्देशों का पालन चल रहा है और पिछले दिन लगभग 1500 लोग वापिस भेज दिए गए हैं।
इसके बाद मरकज़ में विभिन्न राज्यों और देशों के लगभग 1000 विजिटर्स बच गए थे। यह भी बताया गया कि Ld. SDM को लोगों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजने के लिए वाहन के पास देने का अनुरोध किया गया था।
17 वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ एक लिस्ट और ड्राइवरों के लाइसेंस का विवरण Ld. SDM को भेजा गया, ताकि फँसे हुए विजिटर्स को उनके मूल स्थान भेजा जा सके।
बताया जा रहा है कि इस मजहबी आयोजन में लगभग 300-400 लोग शामिल हुए थे। कोरोना संक्रमित होने की संभावना के बाद यहाँ मौजूद 163 लोगों को दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल की ओर से कहा गया है कि उनके यहाँ कोरोना संक्रमण की संभावना वाले 174 मरीज भर्ती हैं, जिसमें से 163 निजामुद्दीन से ही आए हैं।
बता दें कि इसमें शामिल होने वाले तेलंगाना के 6 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई। तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से इस संबंध में बयान जारी करते हुए कहा गया है कि जिन लोगों ने 13 से 15 मार्च के बीच निजामुद्दीन इलाके के मरकज में मजहबी प्रार्थना सभा में भाग लिया था, उनमें से कुछ लोगों के बीच कोरोना वायरस का संक्रमण फैल गया है। इस मजहबी सभा में शामिल होने वालों में कुछ लोग तेलंगाना के भी थे, उनमें से 6 लोगों की मृत्यु हो गई।
इधर दिल्ली सरकार ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए मरकज के मौलाना के खिलाफ कड़ी कारर्वाई का निर्देश देते हुए कहा कि निजामुद्दीन मरकज के प्रशासकों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन की शर्तों का उल्लंघन किया और अब इसमें से कई लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
निजामुद्दीन मामले को लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि 24 मार्च को पूरे देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। इसके बाद होटल, गेस्टहाउस, हॉस्टल और इस तरह के प्रतिष्ठानों के मालिक और प्रशासकों की यह जिम्मेदारी थी कि वह सोशल डिस्टेंशिंग का पूरी तरफ पालन करें। ऐसा लगता है कि यहां इसका पालन नहीं किया जा रहा था। यहाँ प्रशासकों ने कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन किया और कोरोना पॉजिटिव रोगियों के कई मामले यहाँ पाए गए हैं। इस प्रतिष्ठान के प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही के इस घिनौने कृत्य से कई जीवन खतरे में पड़ गए हैं। लॉकडाउन के दौरान लोगों का इस तरह के जमावड़े से बचना हर नागरिक की जिम्मेदारी थी और यह एक आपराधिक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है।
दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया है जब उन्हें केंद्र की तरफ से पहले कोरोना पॉजीटिव केस के बारे में बताया गया था और सहयोग के लिए कहा गया था, तभी उन्होंने उन सभी मरीजों को, जिनमें इस वायरस के लक्षण देखे गए उसे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया और साथ ही जिनमें ये लक्षण नहीं पाए गए, उन्हें भी क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया।
मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन इलाके में स्थित मस्जिद के आसपास के इलाके को खाली करा लिया है। यह मस्जिद निजामुद्दीन दरगाह के पास है। इसके अलावा यहाँ ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है। दिल्ली पुलिस ने मजहबी कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में आयोजकों को नोटिस जारी किया है। साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मामले की जाँच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर पुलिस इनके खिलाफ एक्शन लेगी और FIR दर्ज कर सकती है।
निजामुद्दीन के मरकज में मजहबी कार्यक्रम में आए कुछ लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर के बाद दिल्ली पुलिस की टीम वहाँ पहुँची। वहाँ दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट CP डीसी श्रीवास्तव भी मौजूद थे। यहाँ से कई लोगों को जाँच के लिए दिल्ली के अलग-अलग हॉस्पिटल ले जाया गया। मौके पर दिल्ली स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम भी पहुँची थी, जिन्होंने रिपोर्ट दी थी कि इलाके में कुछ लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं। बता दें कि निजामुद्दीन स्थित मरकज इस्लाम की शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने वाला विश्व का सबसे बड़ा केंद्र है, जहाँ काफी देशों के लोग आते-जाते रहते हैं।
प्रशासन ने दिल्ली में उन मरीजों की जानकारी इकट्ठा की है, जिन्हें ठंड लगने या बुखार की समस्या हुई हो। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज ने इससे संबंधित लिस्ट अधिकारियों को सौंपी है। निजामुद्दीन मरकज के प्रवक्ता मोहम्मद शोएब ने बताया कि यह लिस्ट प्रशासन को दी गई। इनमें से कई लोगों को उम्र के कारण और बाहर की यात्रा से लौटने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उनका कहना है कि इनमें से किसी के भी कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि नहीं हुई है।