Friday, November 8, 2024
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मिली रेमडेसिविर की 52000 शीशियाँ, बताया मात्र 2500: दिल्ली हाई कोर्ट ने गलत आँकड़ों पर AAP सरकार को फटकारा

दिल्ली में RT-PCR टेस्ट्स की संख्या घट रही है और कई प्राइवेट लैब्स को ये टेस्ट करने से मना कर दिया गया है, इसलिए हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सरकार से इसका कारण भी पूछा है।

एंटी-वायरल ड्रैग रेमडेसिविर की अनुपलब्धता को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। इस ड्रग का प्रयोग सामान्य या गंभीर स्थिति वाले कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए किया जा रहा है। फ़िलहाल इसकी सप्लाई काफी कम है और माँग कई गुना ज्यादा। इस दौरान हाई कोर्ट ने गलत आँकड़े पेश करने के लिए भी AAP सरकार की क्लास लगाई।

दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि उसे रेमडेसिविर ड्रग की मात्र 2500 शीशियाँ ही दी गई थीं, जबकि वास्तविकता में उसे 52,000 शीशियाँ उपलब्ध कराई गई थीं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन सिलिंडरों और दवाओं की जमाखोरी से इन चीजों की बनावटी अनुपलब्धता का माहौल बनता है, जबकि असल में ये उपलब्ध होते हैं। उच्च न्यायालय ने चेताया कि लोग इस तरह की हरकतों में न उलझें।

मंगलवार (अप्रैल 27, 2021) को दिल्ली उच्च-न्यायालय ने AAP सरकार से प्रदेश में हुए RT-PCR टेस्ट्स के आँकड़े भी माँगे थे। चूँकि दिल्ली में RT-PCR टेस्ट्स की संख्या घट रही है और कई प्राइवेट लैब्स को ये टेस्ट करने से मना कर दिया गया है, इसलिए हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की सरकार से इसका कारण भी पूछा है। हाई कोर्ट ने दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी की भी चर्चा की और कहा कि एक दिन भी दिल्ली में एलोकेशन की सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुँची।

कोर्ट ने लंबी दूरी को इसका कारण बताया। उसने केंद्र सरकार से कहा कि लॉजिस्टिक्स को लेकर आ रही समस्याओं को केंद्र सरकार को देखना चाहिए। साथ ही दिल्ली सरकार से शवों को ले जाने के लिए DTC के बसों के इस्तेमाल पर विचार करने को कहा। इसी बीच अपोलो अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने जम कर हंगामा और तोड़फोड़ की। कोर्ट ने दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण की चर्चा करते हुए इस घटना का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि ऐसी घटनाओं से उन स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल कम होता है, जो बिना थके-रुके लोगों की सेवा कर रहे हैं।

हाईकोर्ट ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। पुलिस-प्रशासन को ऐसी प्रतिकूल घटनाओं को दिमाग में रखते हुए इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए और इन्हें रोकने के लिए कार्य करना चाहिए।” ये घटना दिल्ली के सरिता विहार की है, जहाँ मरीज के परिजनों ने हॉस्पिटल कर्मचारियों, डॉक्टरों और नर्सों पर हमले किए। दिल्ली हाई कोर्ट में कोरोना से जुड़े कई मामलों की सुनवाई हो रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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