दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार (22 जुलाई, 2023) को पहलवानों बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल एशियन गेम्स में सीधी एंट्री दिए जाने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने इस मामले की सुनवाई की। महिला अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर-23 एशियन चैंपियन सुजीत कलकल ने इस संबंध में याचिका दायर की थी और इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।
जज ने कहा, “इस याचिका को रद्द किया जाता है।” जहाँ बजरंग पूनिया को 65 किलोग्राम वर्ग में एशियन गेम्स में भेजा जा रहा है, वहीं विनेश फोगाट को महिलाओं के 53 किलोग्राम वाग में भेजा जा रहा है। पंघाल और कलकल ने इस संबंध में 19 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालाँकि, अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी ‘भारतीय ओलंपिक संघ (IOA)’ की एड-हॉक समिति के फैसले को जायज ठहराया है।
अधिवक्ताओं हृषिकेश बरुआ और अक्षय कुमार के माध्यम से ये याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने कहा कि वो याचिकाकर्ताओं की योग्यता पर सवाल नहीं खड़ा कर रहा है, जिन्होंने पहलवानी की दुनिया में नाम कमाया है। लेकिन, साथ में ये भी कहा कि वो इस फैसले को तर्कविरुद्ध या अव्यवहारिक नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता कि देश के हित के विरोध में ये फैसला लिया गया है, या फिर किसी को फेवर देने के लिए ये फैसला लिया गया।
#Breaking Delhi HC upholds Indian Olympic Associations' decision allowing wrestlers Bajrang Punia and Vinesh Phogat to represent India at the Asian Games without going through the trials.
— Bar & Bench (@barandbench) July 22, 2023
Wrestlers Antim Panghal and Sujeet Kalkal had challenged the exemption granted to Punia… pic.twitter.com/CzMpKAKN67
वहीं ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान रहे योगेश्वर दत्त ने भी इसका विरोध किया है। कहा है कि कुश्ती की बहुत बदनामी हो रही है। उन्होंने कहा, “पूरा देश कन्फ्यूज है कि ये हो क्या रहा है। चीफ कोच से मैंने बात कि उन्होंने कहा कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। कमिटी में कुछ लोग हैं, जिन्होंने ये फैसला लिया है। चीफ कोच की सहमति के बिना फैसले नहीं लिए जा सकते। कोई कैम्प लगा कर फिटनेस टेस्ट भी नहीं लिया गया। कई पहलवान दुःख में हैं, वो ट्रायल के लिए गुहार लगा रहे हैं। कमिटी ने कोई निष्पक्षता नहीं बरती है। अगर बिना ट्रायल भेजना है तो पूरी टीम भेजिए – ऐसा क्यों नहीं हुआ, इसका जवाब देना पड़ेगा।”