महाठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को लेकर सनसनीखेज दावा किया था। उसने दिल्ली के उप-राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर बताया था कि जैन उससे मिलने तिहाड़ जेल में आते थे और ‘प्रोटेक्शन मनी’ के तौर पर उससे 10 करोड़ रुपए लिए थे। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पत्र को दिल्ली के उप-राज्यपाल वी के सक्सेना ने कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को भेज दिया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उप-राज्यपाल ने पत्र का संज्ञान लिया है। अधिकारी ने बताया, “हमने उस पत्र को आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए 18 अक्टूबर को दिल्ली के मुख्य सचिव को भेज दिया था।” वर्तमान में दिल्ली की मंडोली जेल में बंद चंद्रशेखर ने 10 अक्टूबर को उप-राज्यपाल को लिखा था और दावा किया था कि उन्होंने न केवल जैन को, बल्कि आम आदमी पार्टी को भी 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया क्योंकि उसे दक्षिण भारत में पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद देने का वादा किया गया था। ।
महाठग के लिखा था, “2017 में मेरी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल में कई बार सत्येंद्र जैन मुझसे मिलने आए थे।” सुकेश चंद्रशेखर ने पत्र में लिखा है कि 2019 में सत्येंद्र के पीए ने उसे जेल के अंदर सभी बुनियादी सुविधाएँ प्राप्त करने के लिए प्रोटेक्शन राशि के रूप में हर महीने 2 करोड़ रुपए देने को कहा था। उस वक्त जैन के पास जेल विभाग का जिम्मा था। बताया जा रहा है कि जेल में बैठकर लिखे गए इस पत्र को सुकेश ने अपने वकील अनंत मलिक के जरिए भेजा था।
बता दें कि जब सुकेश ने सत्येन्द्र जैन को कथित तौर पर 10 करोड़ रुपए प्रोटेक्शन मनी के तौर देने की बात कही है, वह उस वक्त तिहाड़ की रोहिणी जेल में बंद था। उसने वहाँ जमकर करोड़ों रुपये रिश्वत के तौर पर खर्च किए। इसी वजह से जेल के एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 82 अफसरों और कर्मचारियों पर गाज गिरी थी।
आरोप है कि सुकेश ने एक करोड़ रुपए महीना देकर जेल के अंदर मौजूद पूरे स्टाफ और जेलर को भी अपनी सेवा में लगा रखा था। वो 12 महीनों तक रोहिणी जेल में बंद था और और तब तक वो जेल को 12 करोड़ रुपए रिश्वत के तौर पर दे चुका था। इस पूरे खेल में रोहिणी जेल के 82 अफसर और कर्मचारी शामिल थे। सुकेश को इस साल अगस्त में तिहाड़ से दिल्ली की मंडोली जेल में स्थानांतरित किया गया था, क्योंकि उसने दावा किया था कि उसे तिहाड़ जेल के अंदर जान से मारने की धमकी मिली है।