नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में जमकर हिंसा हुई। रविवार (दिसंबर 15, 2019) शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक फूँक दी। उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।
MS Randhawa, PRO Delhi Police: All detained students have been released from Kalkaji and New Friends Colony. pic.twitter.com/1Plzfp3tfV
— ANI (@ANI) December 15, 2019
रविवार शाम दिल्ली के जामिया इलाके में शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पहले उग्र हुआ, जिसने बाद में हिंसक रूप ले लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने बसों और वाहनों में आग लगा दी। जामिया में इस हिंसा के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के अलावा जेएनयू और दूसरे संगठनों के लोगों ने भी पुलिस मुख्यालय पर देर रात प्रदर्शन किया। देर रात पुलिस द्वारा 50 छात्रों को रिहा करने के बाद सोमवार (दिसंबर 16, 2019) सुबह 4 बजे प्रदर्शन खत्म हुआ।
Delhi Police: In the violence and stone pelting by protesters, yesterday, several policemen including South East District DCP, Additional DCP (South), 2 Assistant Commissioner of Police, 5 Station House Officers and inspectors have been injured.
— ANI (@ANI) December 15, 2019
हालाँकि जामिया इलाके में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। दिल्ली सरकार ने इलाके में स्कूलों की छुट्टी कर दी है। जामिया कैंपस में 5 जनवरी तक छुट्टी घोषित कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच की बात कही है। सोमवार को पुलिस और छात्रों के एक दल की मुलाकात हो सकती है। बता दें कि रविवार को जामिया में प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसा और पथराव में दक्षिण पूर्व जिला डीसीपी, अतिरिक्त डीसीपी (दक्षिण), 2 सहायक पुलिस आयुक्त, 5 स्टेशन हाउस अधिकारी और निरीक्षक सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
Delhi: Students start leaving from Jamia Millia Islamia University as the University is closed till January 5 following yesterday’s incident. pic.twitter.com/4r8R3YfrMV
— ANI (@ANI) December 16, 2019
वहीं यूनिवर्सिटी ने पुलिस पर जबरन विश्वविद्यालय परिसर में घुसने और छात्रों के साथ मारपीट के आरोप लगाए गए हैं। जिसका जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की है। पुलिस का कहना है कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए परिसर में दाखिल हुए थे। उन्होंने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों को हिरासत में लिया गया है।
Chinmoy Biswal, DCP South East: The mob caused arson, set motorcycles ablaze, it pelted stones at us. https://t.co/wpq9imRgzV
— ANI (@ANI) December 15, 2019
दिल्ली पुलिस ने कहा, “हमने हिंसा के बाद स्थिति से निपटने के लिए कार्रवाई की। जामिया यूनिवर्सिटी में स्थिति नियंत्रण में है। यह हिंसक भीड़ थी, जिसमें से कुछ को हिरासत में लिया गया है।” दक्षिण पूर्व दिल्ली पुलिस के डीसीपी चिनमय बिस्वाल ने कहा, “किसी पर कोई फायरिंग नहीं की गई है। झूठी जानकारियाँ फैलाई जा रही हैं।” उन्होंने कहा, “भीड़ ने आगजनी की, मोटरसाइकलों में आग लगा दी गई, हम पर पथराव किया गया। हमारा एकमात्र उद्देश्य भीड़ को पीछे करना था, ताकि इलाके में कानून-व्यवस्था बरकरार रखी जाए। यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स से हमें कोई दिक्कत नहीं है।” दिल्ली पुलिस ने बताया कि हिरासत में लिए गए 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस स्टेशन से छोड़ दिया गया। इसके अलावा 15 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से छोड़ा गया।
Criminal actions of #JamiaMillia students caught on LIVE TV CAMERA.
— Akhilesh Mishra (@amishra77) December 15, 2019
Stone pelting and violence FROM INSIDE campus and mask wearing thugs outside campus attacking Police and Media from BOTH SIDES.
Send this to propagandists who tell you Jamia thugs are peaceful. pic.twitter.com/w3UU2stmf4
बता दें कि जहाँ पर हिंसा हुई थी, वहाँ पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान भी मौजूद थे। हालाँकि, अमानतुल्लाह ख़ान ने दावा किया है कि वो वारदात वाली जगह पर न तो विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे और न ही उसका हिस्सा थे। उन्होंने भले ही आरोपों से इनकार किया हो लेकिन वीडियो में उन्हें उस विरोध प्रदर्शन में देखा जा सकता है, जो बाद में इतना हिंसक हो उठा कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस का प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने कहा है कि इस पूरे मामले की जाँच की जा रही है।
Najma Akhtar, VC of Jamia Millia Islamia: Police couldn’t differentiate between the protesters and students sitting in the library. Many students and staff were injured. There was so much ruckus that Police couldn’t take permission. I hope for peace and safety of our students. https://t.co/ffAJ5E3D1w
— ANI (@ANI) December 15, 2019
जामिया की वीसी नजमा अख्तर ने बताया कि जामिया के छात्रों ने प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया था। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया कि आसपास की कॉलोनियों के लोगों ने प्रदर्शन का आह्वान किया था। उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई और वे यूनिवर्सिटी का गेट तोड़कर कैंपस के अंदर आ गए। पुलिस प्रदर्शनकारियों और लाइब्रेरी में बैठे छात्रों के बीच अंतर नहीं कर पाई।
जामिया में लगे ‘हिंदुओं से आजादी’ के नारे; AAP विधायक अमानतुल्लाह कर रहा था हिंसक भीड़ की अगुवाई
पुलिस ने लगाई बसों में आग: अमानतुल्लाह का बचाव करने के लिए सिसोदिया ने फैलाया झूठ
जामिया में मजहबी नारे ‘नारा-ए-तकबीर’, ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’ क्यों लग रहे? विरोध तो सरकार का है न?