Sunday, November 17, 2024
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अंसारी गैंग का सरगना जब्बार सहित गिरफ्तार, हाजी अहसान और शादाब की हत्या का आरोपित

हाजी अहसान और शादाब के दोहरे हत्याकांड की पोल तब खुली जब उनकी हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में शूटरों को बाइक से ले जाने वाले दानिश को पुलिस ने धर दबोचा। उसने शाहनवाज और शादाब के बारे में पुलिस को बताया।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अंसारी गैंग के ‘किंगपिन’/सरगना शाहनवाज अंसारी और उसके शार्प शूटर जब्बार अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के पास से दो अर्ध-स्वचालित (सेमी-ऑटोमैटिक) पिस्तौलें और 8 ‘जिंदा’ (लाइव) कारतूस बरामद किए हैं। दोनों ही शातिर अपराधी बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता हाजी अहसान और उनके भाँजे शादाब के डबल मर्डर मामले में उत्तर प्रदेश में वांछित थे।

साथी ने खोली थी पोल

हाजी अहसान और शादाब के दोहरे हत्याकांड की पोल तब खुली जब उनकी हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में शूटरों को बाइक से ले जाने वाले दानिश को पुलिस ने धर दबोचा। उसने शाहनवाज और शादाब के बारे में पुलिस को बताया। उसकी दी गई जानकारी के अनुसार इस हत्या की सुपारी के पीछे शाहनवाज का न केवल संपत्ति विवाद, बल्कि उसकी ‘डॉन’ बनने की चाह भी कारक थे। पुलिस तब से दोनों शूटरों के अतिरिक्त शाहनवाज की भी खोज में थी।

लाइव हिंदुस्तान ने खबर की थी कि इस हत्याकांड के शूटर CCTV की जद में आ गए हैं, और इसके आधार पर पुलिस उनके स्केच बनवा रही है। हाजी अहसान और भांजे की हत्या अहसान के ही दफ़्तर में दिन दहाड़े कर दी गई थी।

जेल में रची गई साजिश

नजीबाबाद उब्बनवाला निवासी मोहम्मद सेवन का पुत्र दानिश छेड़छाड़ व मारपीट के मामले में जेल में बंद था। उसके पुलिस को दी गए बयान (अमर उजाला के हवाले से) के मुताबिक 14 मई को उसके जमानत पर छूटने के 4-5 दिन पहले जलालाबाद के मोहल्ला कुरैशियान निवासी जब्बार अंसारी अपने एक साथी के साथ उससे मिलने आया था। उन दोनों ने उसे बताया कि कनकपुर गाँव का रहने वाला शाहनवाज़ उससे हाजी अहसान की हत्या कराना चाहता है। उन दोनों में आपसी सम्पत्ति विवाद है।

दानिश के हामी भरने के बाद बनी योजना को अंजाम देते हए जब्बार अपने साथी दानिश (पुत्र इरफ़ान) के साथ हाजी अहसान व उसके भांजे की गोलियों से हत्या के बाद जब बाहर आया तो दानिश (पुत्र मोहम्मद सेवन) ने दोनों को वहाँ से बाइक पर लेकर कोटद्वार की तरफ लेकर भाग गया। वह नजीबाबाद में अपना अकेला वर्चस्व चाहता था, जबकि अहसान का गैंग उसके आड़े आ रहा था। हाजी अहसान का नाम भी कई हत्याओं में आने की बात मीडिया रिपोर्टों में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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