आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद रहे ताहिर हुसैन का एक बिल्डिंग फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों का केंद्र बना हुआ था। इसी बिल्डिंग से चाँदबाग-करावल नगर में हिंदुओं और उनकी संपत्तियों को निशाना बनाया गया था। अब यह बिल्डिंग फिर से खुल चुकी है। स्थानीय लोगों का दावा है कि बिल्डिंग के भीतर पहले की तरह काम-धंधा चल रहा है। दूसरी ओर, स्थानीय लोगों के अनुसार ताहिर हुसैन के घर के सामने वाली गली से कई हिंदू अपने घर मुस्लिमों के हाथ बेच इलाके को छोड़ चुके हैं।
ताहिर हुसैन के घर के ठीक सामने वाली गली में लोग क्यों बेच रहे घर-मकान, 2 साल बाद क्या हैं वहाँ के हालात
चाँदबाग पुलिया के पास स्थित ताहिर की बिल्डिंग के पास जब आपइंडिया की टीम पहुॅंची तो कुछ लोग बाहर जमा थे। ये लोग यहीं काम करते थे। जब हमने बिल्डिंग के भीतर चल रही गतिविधियों को देखने की कोशिश की तो इनलोगों ने गेट बंद कर दिया। फ़िलहाल ताहिर हुसैन जेल में है और जमानत पर बाहर निकलने के प्रयास कर रहा। उसकी याचिका पर सुनवाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख रखा है। उसका भाई शाह आलम जेल से बाहर आ चुका है। दंगों से जुड़े एक मामले में शाह आलम को सितंबर 2021 में अदालत ने आरोप मुक्त भी किया था। बताया जाता है कि जेल से निकलने के बाद उसने ताहिर के सारे काम-धंधा सँभाल लिए हैं।
ताहिर हुसैन के मकान के बगल वाले पार्किंग में हमें कई नए लोग नजर आए। इसे अब रेनोवेट कराकर छोटा सा स्पेस पहले की तरह शादी-पार्टी के लिए बना दिया गया है। वहाँ मौजूद लोगों का कहना था कि अब क्या बात करनी है जो नुकसान हुआ वो हुआ। वैसे इनलोगों का कहना था कि अब किसी तरह का तनाव नहीं है। लेकिन देर रात मुस्लिम बहुल इलाकों से अकेले गुजरने से ये लोग अब भी डरते हैं। साथ ही बताया कि दंगों के बाद कई हिंदू बहुल गलियों के लोग अपना मकान बेच चुके हैं।
मकान बेचकर जा रहे हिन्दू
ताहिर हुसैन के मकान के ठीक सामने गली नंबर-6 है। इसे मूँगानगर गली भी कहते हैं। इसी गली में शिव मंदिर सहित अधिकांश हिन्दुओं के मकान है। गली के मोड़ पर ही अरोड़ा फर्नीचर थी जिसे दंगाइयों ने लूटकर आग के हवाले कर दिया था। शिव मंदिर पर मुस्तफाबाद से पीछे की मस्जिद वाली गली से आए दंगाइयों ने जमकर ईंट-पत्थर बरसाए थे।
एक स्थानीय निवासी ने बताया कि दंगों के बाद इन इलाकों से बहुत से हिन्दू अपना मकान बेचकर चले गए हैं। उन्होंने कई मकानों के बारे में भी बताया जो बिक गए हैं। ये सभी मकान मुस्लिमों ने काफी ऊँची कीमत पर खरीदी है। उन्होंने जो कुछ कहा वो आप विस्तार से नीचे के वीडियो में सुन सकते हैं;
हिन्दुओं मकान बेचकर जाने का सिलसिला गली नंबर-6 तक ही सीमित नहीं है। यह गली नंबर-7-8 और 9 तक भी पहुँच गया है। यानी दंगों से पहले जिन गलियों में हिन्दू बहुल थे वहाँ भी अब मुस्लिम प्रवेश कर चुके हैं। इसी इलाके में गिरी ऑटोमोबाइल वर्कशॉप और कुछ दूसरे दुकान भी मुस्लिमों के हाथों बेचे गए हैं।
इन इलाकों में लोगों से बातचीत में यह बात भी सामने आई कि दंगों से पहले जैसी गर्मजोशी हिन्दू-मुस्लिमों के बीच थी, अब वो नहीं रही है। गौरतलब है कि अंकित शर्मा हत्याकांड मामले में दायर चार्जशीट से खुलासा हुआ था कि ताहिर हुसैन ने न केवल दंगों की योजना बनाई और भीड़ को उकसाया, बल्कि वो खुद भी चाँदबाग के हिंदुओं के ऊपर छत से पत्थर और एसिड बरसा रहा था।