दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों के कथित मास्टरमाइंड में से एक अपूर्वानंद ने गुरुवार (30 अक्टूबर, 2020) को ट्विटर पर इस्लामिक आतंकवादियों के अपराधों पर पर्दा डालने का काम किया है। बता दें इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ईशनिंदा की आड़ में फ्रांस में कई गैर-मुस्लिमों को मौत के घाट उतार दिया।
इस्लामिक मॉब द्वारा किए गए अपराधों को हमेशा से ढकने की कोशिश करने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के वामपंथी प्रोफेसर ने दावा किया कि ‘अल्लाह-हू-अकबर’ और ‘हत्या’ को इस्लाम के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। उन्होंने आगे कहा कि फ्रांस में बिल्कुल निंदनीय कार्य किया गया है।
अपूर्वानंद का बयान हाल ही में इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा फ्रांस में हुई हत्याओं के बाद आया है। फ्रांस की सड़कों पर निर्दोष नागरिकों को पैगंबर मुहम्मद और इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा वालीं ’टिप्पणियाँ करने की वजह से अल्लाह-हू-अकबर चिल्लाते हुए मार दिया गया था।
अपूर्वानंद ने अपने ट्वीट के माध्यम से यह बताना चाहा कि पिछले कुछ दिनों में फ्रांस में इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा किए गए गैर-मुस्लिमों की हत्या का इस्लाम के साथ कोई लेना-देना नहीं है। अपूर्वानंद के अनुसार, ‘अल्लाह-हू-अकबर’ का नारा फ्रांस की सड़कों पर हुई हत्या की कार्रवाई को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता।
अपूर्वानंद सरल शब्दों में दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि फ्रांस में गैर-मुस्लिमों की हत्या का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह अकेले की एक आपराधिक घटना थी।
गौरतलब है कि पेरिस में 47 वर्षीय शिक्षक द्वारा क्लास में पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाने के बाद उसके सर को कलम कर दिया गया था। इस घटना के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने गैर मुस्लिमों को मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया। इन घटनाओं को देखते हुए फ्रांस सरकार ने कट्टरपंथियों के खिलाफ सख्त बयान जारी किया था। वहीं दूसरी ओर देश में अपूर्वानंद जैसे ‘लिबरल-धर्मनिरपेक्ष’ पहले से ही इन इस्लामिक आतंकवादियों के अपराधों पर लिपा-पोती करने में लगे हैं।
अपूर्वानंद ने ट्वीट कर फ्रांस में कायरतापूर्ण आतंकी हमलों के पीछे के धार्मिक मकसद को नजरअंदाज करने का काम किया है। दरअसल, प्रोफेसर ने इस तथ्य को जानने के बाद भी ऐसे आतंकवादियों का समर्थन किया, जिन्होंने फ्रांस में गैर-मुस्लिमों की हत्या इस्लाम को बदनाम करने के आरोप में की थी।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर नैतिकता का ढकोसला करने वाले वामपंथी अपूर्वानंद पर हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों के ‘मास्टरमाइंड‘ होने का आरोप है।
दिल्ली दंगों के मामले में मुख्य आरोपितों में से एक – गुलफिशा उर्फ गुल, जिसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, ने दिल्ली पुलिस के सामने स्वीकार किया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद दंगे भड़काने की साजिश के पीछे मास्टरमाइंड थे।
आरोपित गुल ने दावा किया था कि अपूर्वानंद ने एंटी-हिंदू दिल्ली दंगों में आगे से नेतृत्व के लिए बुर्का पहने ख़वातीनों की टीम तैयार की थी। गुलफिशा ने खुलासा किया था कि अपूर्वानंद ने उन्हें अग्रिम दंगों की सूचना दे दी थी। इसके अलावा उन्होंने प्रदर्शन की आड़ में दंगा करने का निर्देश भी दिया था।