Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजबुर्के वाली औरतों की टीम तैयार की गई थी, DU के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने...

बुर्के वाली औरतों की टीम तैयार की गई थी, DU के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने दंगों का दिया था मैसेज: गुलफिशा ने उगले राज

"हम खुफिया जगह पर मीटिंग करते थे जिसमें प्रोफेसर अपूर्वानंद, उमर खालिद और अन्य मेंबर शामिल होते थे। उमर खालिद ने कहा था कि उसके PFI और JCC से अच्छे रिश्ते हैं। पैसों की कमी नहीं है। हम इनकी मदद से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेगे। उमर खालिद, प्रोफेसर अपूर्वानंद को अब्बा समान मानता है।"

दिल्ली दंगों के मामले में गिरफ्तार गुलफिशा उर्फ गुल से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल का कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के प्रोफेसर अपूर्वानंद भी हिंसा की साजिश में शामिल थे। हिंसा भड़काने के लिए बुर्के वाली महिलाओं की टीम तैयार की गई थी।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद भी दिल्ली हिंसा की साजिश का हिस्सा थे। जी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली दंगों में UAPA एक्ट में गिरफ्तार आरोपित जाफराबाद की गुलफिशा उर्फ गुल ने पुलिस को दिए बयान में यह खुलासा किया है।

पुलिस का कहना है कि गुलफिशा ने उन्हें बताया है, “प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा था कि हिंसा की साजिश के लिए तैयार रहो।” हिंसा के बाद प्रोफेसर अपूर्वानंद ने गुलफिशा की तारीफ की थी।

गुलफिशा ने बताया, “हिंसा के बाद अपूर्वानंद ने मुझसे कहा था कि तुमने अच्छा काम किया है। लेकिन पकड़े जाने पर मेरा और पिंजड़ा तोड़ की सदस्यों का नाम मत लेना। प्रोफेसर ने हमे दंगों के लिए मैसेज दिया था। पत्थर, खाली बोतलें, एसिड, छुरियाँ इकठ्ठा करने के लिए कहा गया था। सभी महिलाओं को लाल मिर्च पाउडर रखने के लिए बोला था।”

गुल ने बताया कि प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा कि जामिया कॉर्डिनेशन कमिटी (JCC) दिल्ली में 20-25 जगह पर आंदोलन शुरू कर करवा रही है। इन आंदोलन का मकसद भारत सरकार की छवि को ऐसे पेश करना है जैसे ये खास मजहब के खिलाफ है। ये तभी होगा जब हम प्रदर्शन की आड़ में दंगे करवाएँगे।

गुल ने आगे बताया, “हम खुफिया जगह पर मीटिंग करते थे जिसमें प्रोफेसर अपूर्वानंद, उमर खालिद और अन्य मेंबर शामिल होते थे। उमर खालिद ने कहा था कि उसके PFI और JCC से अच्छे रिश्ते हैं। पैसों की कमी नहीं है। हम इनकी मदद से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेगे। उमर खालिद, प्रोफेसर अपूर्वानंद को अब्बा समान मानता है।”  

जानकारी के मुताबिक गुलफिशा ने हिंसा के लिए 2 व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए थे, जिनका नाम- औरतों का इंकलाब और वॉरियर था। गुलफिशा ने बताया कि साजिश के तहत वो खुद बुर्के वाली महिलाओं और बच्चों को गली-गली जाकर CAA और NRC के खिलाफ इस कदर भड़काती थी कि महिलाएँ प्रोटेस्ट में आने के लिए राजी हो जाती थीं। महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन में जोड़ने की वजह ये होती थी कि पुलिस महिलाओं और बच्चों को जबरन नहीं उठाएगी, जैसे शाहीन बाग में हो रहा था।

गुलफिशा के मुताबिक, उसकी दोस्ती डीयू के पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की सदस्य देवांगना और परोमा राय से भी हुई थी। इनके जरिए गुल की मुलाकात अपूर्वानंद से हुई थी। गुलफिशा ने आगे बताया, “फ्रूट मंडी सीलमपुर में प्रदर्शन शुरू होने के बाद JCC के सदस्य हमें हर तरह से मदद करते थे और सफूरा और मिरान हैदर हमारे और दूसरे प्रदर्शन को को-ऑर्डिनेट करते थे। उमर खालिद भी हमें पैसों से मदद करते थे और भीड़ को भड़काऊ भाषण देते थे जिससे लोग धरने में जुड़े रहते थे।”

गुलफिशा ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि 22 फरवरी को चक्का जाम करने की साजिश के तहत महिलाओं को इकट्ठा कर कैंडल मार्च के बहाने हम निकले और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे बैठ गए और रोड ब्लॉक कर दिया गया। जिसके बाद 24, 25, 26 फरवरी को जबरदस्त हिंसा हुई थी।

गुलफिशा ने अपने बयान में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे का भी जिक्र किया है। गुलफिशा ने कहा, “ट्रंप दौरे को ध्यान में रखते हुए। चाँद बाग रोड का भी ‘चक्का जाम’ व्हाट्सऐप पर पोस्ट किया गया। इसको भी प्रोफेसर अपूर्वानंद मॉनिटर कर रहे थे। इसका मकसद था कि चक्का जाम करने से हिन्दू फँस जाएँगे। वहाँ लोग गुस्से में आ जाएँगे। फिर पथराव करा देंगे। फिर भारत की हर जगह छवि खराब हो जाएगी।”

बता दें कि 4 अगस्त 2020 को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद को पूछताछ के लिए बुलाया था। करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई थी। पुलिस ने प्रोफेसर का मोबाइल भी जाँच के लिए जब्त कर लिया था।

पूछताछ के बाद प्रोफेसर अपूर्वानंद ने कहा था ”मैं जाँच में सहयोग कर रहा हूँ। विरोध-प्रदर्शन करना सभी का मौलिक अधिकार है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों का समर्थन करने वालों को दंगे स्रोत बताना चिंताजनक है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -