Friday, November 15, 2024
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‘चुप क्यों हैं मंत्री आतिशी, जाँच में बाधा डाल रही स्वाति मालीवाल’: बाँसुरी स्वराज ने पूछा- बलात्कारी को क्यों बनाया OSD, ‘मामा’ कहती थी पीड़िता

बाँसुरी स्वराज ने कहा कि इसके बाद उस बच्ची के साथ अनाचार तभी शुरू कर दिया जब वो मात्र 14 वर्ष की थी। बाँसुरी ने कहा कि इस अपराध के कारण बच्ची गर्भवती हुई और आरोपित की पत्नी ने सारे मातृत्व को ताक पर रखते हुए बच्ची को कुछ ऐसी दवाइयाँ दीं जिससे उसका गर्भपात हुआ।

दिल्ली में एक कट्टर ईसाई अधिकारी द्वारा एक बच्ची का बलात्कार करने का मामला सामने आया है। प्रेमोदय खाखा नाम का उक्त अधिकारी, जो मूल रूप से झारखंड का रहने वाला है और जो दिल्ली सरकार की महिला एवं बाल विकास (WCD) विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर काबिज था, उसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है। उसकी पत्नी भी गिरफ्तार की गई है, जो पीड़िता को गर्भपात की गोलियाँ खिलाती थी। चर्च के माध्यम से बची का परिवार अधिकारी के परिवार के संपर्क में आया था।

ये भी सामने आया है कि बच्ची आरोपित को मामा कह कर बुलाती थी, क्योंकि उसकी माँ उसे भाई बोलती थी। अधिकारी प्रेमोदय खाखा उसके पिता का दोस्त था। लेकिन, पिता की मृत्यु के कारण वो एकदम गुमसुम सी रहती थी। अक्सर चर्च जाने वाले अधिकारी को माँ ने बेटी को जिम्मेदारी सौंप दी। माँ काम से बाहर रहती थी और फोन पर बात करती थी। जनवरी 2021 में बच्ची वापस माँ के पास आई, लेकिन उसे पैनिक अटैक आने लगे थे। काउंसिलिंग के दौरान उसने डॉक्टरों के सामने रेप-गर्भपात का खुलासा किया।

14 वर्षीय लड़की के पिता की मृत्यु के बाद अधिकारी और उसकी पत्नी उसे लेकर अपने घर आ गए। NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अनाथ बच्ची के डिटेल्स ‘स्वराज पोर्टल’ पर अपलोड नहीं किए गए। यानी, दिल्ली सरकार ने इस मामले में गलती की। उन्होंने चर्च का किरदार भी इस पूरे प्रकरण में संदिग्ध माना है। बलात्कार की ये घटनाएँ नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक चलीं। पीड़िता अब 17 साल की है और 12वीं की छात्रा है।

वहीं अब भाजपा भी इस पूरे मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP पर हमलावर है। दिल्ली भाजपा के प्रभारी विजयंत जय पांडा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अब सामने आया है कि जिस अधिकारी को दोस्त की बेटी के साथ बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया है, वो केजरीवाल सरकार का पसंदीदा था। इतना फेवरिट कि उसे महिला एवं बाल विकास मंत्री के OSD के पद के लिए खास तौर पर चुना गया था। इसीलिए, ‘अत्याचारी आदमी पार्टी’ से जुड़े जो लोग खुद के नैतिक रूप से श्रेष्ठ होने का दिखावा करते हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए।”

साथ ही उन्होंने इस आदेश के लिए जारी पत्र की तस्वीर भी शेयर की। उधर दिल्ली भाजपा की स्टेट सेक्रेटरी और दिवंगत पूर्व केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बाँसुरी स्वराज ने भी इस मामले को लेकर AAP सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने इसे बहुत ही घिनौनी और शर्मनाक हरकत करार दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के इतने वरिष्ठ अधिकारी ने एक बच्ची के साथ बार-बार दुष्कर्म किया, रोंगटे खड़े करने वाली बात ये है कि बच्ची ने अक्टूबर 2020 में पिता को खोया, इसके बाद अभियुक्त ने बच्ची को लालन-पालन के लिए अपने पास रखा, यानी एक गार्डियन की भूमिका में वो आए।

बाँसुरी स्वराज ने कहा कि इसके बाद उस बच्ची के साथ अनाचार तभी शुरू कर दिया जब वो मात्र 14 वर्ष की थी। बाँसुरी ने कहा कि इस अपराध के कारण बच्ची गर्भवती हुई और आरोपित की पत्नी ने सारे मातृत्व को ताक पर रखते हुए बच्ची को कुछ ऐसी दवाइयाँ दीं जिससे उसका गर्भपात हुआ। बाँसुरी स्वराज ने कहा कि बच्ची को इस बलात्कार के बारे में बोलने से रोका गया और ये सब इसके बाद भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा इस वारदात की कड़ी निंदा करती है।

उन्होंने इस दौरान मार्च 2022 की दिल्ली के सरकारी आदेश की एक प्रति दिखाई, जिसमें लिखा है कि मंत्री ने प्रेमोदय खाखा को WCD मंत्री के OSD के रूप में नियुक्त किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये व्यक्ति AAP सरकार का चहेता है, जिसे चुना गया इस पद के लिए। उन्होंने कहा कि 13 अगस्त को FIR के बावजूद निलंबन में इतना समय क्यों लग गया। उन्होंने कहा कि इस विभाग की मंत्री आतिशी हैं जो खुद एक महिला हैं, ऐसे में उनकी चुप्पी भी काफी सवाल खड़े करती हैं।

बता दें कि ‘दिल्ली महिला आयोग (DCW)’ की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस दौरान उस अस्पताल में धरना दे दिया, जिसमें बच्ची को पैनिक अटैक के बाद भर्ती कराया गया है। बच्ची अभी बात करने की स्थिति में नहीं है। बाँसुरी स्वराज ने कहा कि स्वाति मालीवाल पर इस बच्ची को न्याय दिलाने का दारोमदार है, वो धरना देकर और राजनीति कर के जाँच में अवरोध पैदा कर रही है। उन्होंने इसे शर्मसार घटना करार देते हुए कहा कि भाजपा इस वेदना में पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए उस आदेश की कॉपी शेयर की, जिसमें तत्कालीन WCD मंत्री कैलाश गहलोत ने उन्हें अपना OSD नियुक्त किया था। उन्होंने भी कहा कि खास तौर पर इस अधिकारी को इस पद के लिए चुना गया था। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को जवाब देना पड़ेगा कि एक बलात्कारी अधिकारी को इस पद के लिए क्यों चुना गया? उन्होंने स्वाति मालीवाल से भी कहा कि वो आना ड्रामा बंद करें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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