दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर प्रेमोदय खाखा पर एक बच्ची के साथ बलात्कार का आरोप लगा है। नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच उसने 17 साल की लड़की के साथ कई बार बलात्कार किया और उसकी पत्नी ने गर्भपात की गोलियाँ खिलाई। NCPCR (बाल आयोग) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने इस मामले में चर्च का रोल भी संदिग्ध माना है। साथ ही उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने अनाथों का डेटा नहीं दिया था। पिता की मौत के बाद चर्च में ही बच्ची के परिवार की मुलाकात उक्त अधिकारी से हुई थी।
कट्टर ईसाई, बेटे-बेटी पर गर्व: दिल्ली का बलात्कार आरोपित अधिकारी
प्रेमोदय खाखा के सोशल मीडिया हैंडल्स खँगालने पर पता चलता है कि वो कट्टर ईसाई है। फेसबुक की कवर में उसने अपने परिवार की तस्वीर लगा रखी है। एक तरफ वो अपनी पत्नी, बेटा और बेटी के साथ दिख रहा है तो दूसरी तरफ उसने अपनी बेटी की गाना गाती हुई और बेटे की गिटार बजाते हुए तस्वीर लगा रखी है। उसने फेसबुक पर कई बार अपने बेटा और बेटी की तस्वीरें अपलोड की है, जिससे पता चलता है कि उसे अपने बच्चों पर खासा गर्व था। किसी को अंदाज़ा भी नहीं होगा कि इतना पारिवारिक दिखने वाला व्यक्ति बलात्कारी निकलेगा।
उसने इंट्रो में बाइबिल का एक उद्धरण लगा रखा है। बाइबिल के ‘जॉन’ नामक पुस्तक में 14वें चैप्टर की 21वीं वर्स के इस उद्धरण का मतलब है, “जिसके पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूँगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूँगा।” हिंदी में इसे ‘यूहन्ना’ भी कहा जाता है। उसे येशु के सबसे प्रिय शिष्यों में गिना जाता है। उसे भी गॉड द्वारा भेजा गया एक मनुष्य के रूप में ही जाना जाता है।
प्रेमोदय खाखा ने फेसबुक पर अपने करियर के बारे में भी लिख रखा है। वो दिल्ली के महिला एवं विकास मंत्रालय में ‘ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी’ के पद पर भी काबिज था। दिल्ली सरकार के इस विभाग में वो असिस्टेंट डायरेक्टर भी रहा है। उसने लिखा है कि उसकी शिक्षा-दीक्षा झारखंड के रामगढ़ जिले के घाटोटांड़ में स्थित ‘डॉक्टर राम मनोहर लोहिया श्रमिक हाईस्कूल’ से हुई है। उसने दिल्ली विश्वविद्यालय से ‘सोशल वर्क’ के कोर्स में मास्टर्स किया। उसने खुद को झारखंड की राजधानी राँची का रहने वाला बताया है।
फेसबुक पर डाली गई तस्वीरों में कहीं वो परिवार के साथ रेस्टॉरेंट में डिनर करते हुए दिख रहा है तो कहीं माइक लेकर आधिकारिक कार्यक्रम में बोलते हुए दिख रहा है। एक तस्वीर में उसने ‘Jesus Is Lord Over The World’ का टैग भी लगा रखा है, जिसका अर्थ है – येशु मसीह इस दुनिया का ईश्वर है। एक तस्वीर के साथ उसने टैगलाइन लगाई है, “मैं आपके लिए प्रार्थना कर रहा हूँ।” उसने परिवार के साथ केक काटते हुए एक तस्वीर भी लगा रखी है।
अब आते हैं उसके LinkedIn प्रोफाइल पर। उसने यहाँ अपने इंट्रो में लिख रखा है – “मानवता को बहाने के लिए रिश्ते बना रहा हूँ।” यहाँ प्रेमोदय खाखा ने बताया है कि उसे झारखंड के हजारीबाग स्थित सेंट कोलंबिया कॉलेज में 1987 में स्नातक में दाखिला लिया था और वो DU में सन् 1994 में आया था। वो AIIMS में ‘मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर’ भी रह चुका है। 1998 में ही वो दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग में वेलफेयर/प्रोबेशन ऑफिसर बन कर आया था और तब से उसे कई बार प्रोन्नति मिली।
एक फेसबुक पोस्ट में उसने लिखा है, “मेरी कोई आशा न होती यदि मैं इस बात से अनजान होता कि किसी ने मेरे सब कर्मों का फल क्रूस पर बलिदान होकर भुगत लिया।” भाजपा ने भी इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई है। दिल्ली भाजपा के प्रभारी विजयंत जय पांडा ने ट्वीट कर के लिखा है कि ऐसा लगता है कि ये अधिकारी सीएम अरविंद केजरीवाल का फेवरिट था, तभी उन्होंने खुद इसे WCD विभाग में बतौर OSD चुना था। उन्होंने इसका एक पत्र भी दिखाया है।
अधिकारी ने किया बच्ची का बलात्कार, क्या है मामला
कोरोना काल में 1 अक्टूबर, 2020 को पिता की मृत्यु के बाद लड़की उक्त अधिकारी से चर्च में मिली थी। आरोपित प्रेमोदय खाखा फ़िलहाल डिप्टी डायरेक्टर के पद पर काबिज था। पिता की मृत्यु के कारण लड़की शोक में थी, इस दौरान अधिकारी उसे अपने घर ले आया। पीड़िता 12वीं कक्षा की छात्रा है। बताया जा रहा है कि नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक कई बार उसके साथ बलात्कार किया गया। दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण की धाराएँ लगाई हैं।
NCPCR अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि अप्रैल 2020 से अगर किसी बच्चे के माता या पिता की मृत्यु हुई है, अगर वो बच्चा अनाथ हो गया है और उसे देखभाल की ज़रूरत है तो सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि उसकी सारी जानकारी NCPCR के ‘बाल स्वराज’ पोर्टल पर दर्ज होनी चाहिए। इस संबंध में दिल्ली सरकार को भी कई एफिडेविट फाइल करने के लिए कहा गया। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने सभी बच्चों की जानकारी दर्ज किए जाने की बात कही भी थी। लेकिन, अब तक डेटाबेस में बच्ची के सरनेम से सर्च किए जाने पर पूरे तरीके से भरे फॉर्म में बच्ची का कोई डिटेल नहीं मिला है।
उन्होंने ये जानकारी भी दी है कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी की अध्यक्ष मिनी जॉर्ज को कॉल कर के संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वो फोन नहीं उठा रही हैं। NCPCR अध्यक्ष ने कहा कि संस्था इस पूरी घटना पर निगाह बनाई हुई है और सारी जानकारी जुटाई जा रही है, दिल्ली सरकार को उचित एक्शन देने के लिए निर्देश भी दिया गया है। बच्ची जिस अस्पताल में भर्ती है, वहाँ भी टीम जाएगी। उन्होंने कहा कि किन-किस की गिरफ़्तारी होनी है, बच्ची को माँ से छीन कर दूसरे व्यक्ति को दिया गया और उस व्यक्ति ने रेप किया – प्राथमिक जानकारी यही है।
एक और जानने वाली बात ये है कि प्रेमोदय खाखा की नियुक्ति ST (अनुसूचित जनजाति) के लिए आरक्षित पद पर हुई थी। 12 अक्टूबर, 1998 से वो इस पद पर है। उसने अपना ST सर्टिफिकेट पेश किया था। 2011 में वो दिल्ली सरकार के खिलाफ कोर्ट भी पहुँचा था, क्योंकि क्योंकि सुपरिटेंडेंट के पद के लिए उसके अप्लीकेशन को रद्द कर दिया गया था। बता गया था कि उसने अपनी जाति को लेकर आधे-अधूरे डिटेल्स दिए। कोर्ट ने उसके खिलाफ फैसला देते हुए कहा था कि उसने सारे डिटेल्स नहीं दिए।