हरियाणा के सोनीपत में एक विश्वविद्यालय है, नाम है- ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (विश्वविद्यालय)। ये एक बार फिर से विवादों में आ गया है। यहाँ पर वामपंथी छात्रों ने एक गोष्ठी यानी सेमिनार का आयोजन किया, जो हिंदुओं के खिलाफ घृणा से भरा रहा। इस कार्यक्रम में राम मंदिर को गिराने और उसकी जगह पर वहाँ मस्जिद बनाने तक की बात कही गई, साथ ही हिंदुओं के विरुद्ध जमकर आग उगली गई।
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से कथित रूप से जुड़े छात्र संगठन रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स लीग (आरएसएल) ने बुधवार ( 7 फरवरी 2024 ) को इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। इसमें “राम मंदिर: ब्राह्मणवादी हिंदुत्व फासीवाद का एक हास्यास्पद प्रोजेक्ट” (Ram Mandir: A Farcical Project of Brahmanical Hindutva Fascism) नाम से परिचर्चा रखी गई। जिसमें आरएसएल से जुड़े वामपंथी छात्रों ने कथित तौर पर राम मंदिर तोड़ने और उसकी जगह पर एक मस्जिद को बनाने का प्रस्ताव रखा।
A discussion was hosted at OP Jindal Global University ( @JindalGlobalUNI )on "Brahmanical Hindutva Fascism,"
— BALA (@erbmjha) February 8, 2024
Students reportedly proposed the demolition of the Ram Mandir and the construction of a mosque in its place.
They also attributed various societal issues to Hindutva… pic.twitter.com/rNN5TWcSAL
इस कार्यक्रम का आयोजन करने वालों ने तर्क दिया कि राम मंदिर का निर्माण पूरे भारत में मुसलमानों और दलितों के खिलाफ किए गए घृणा अपराधों से जुड़ी हुई है। यही नहीं, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को ‘ब्राह्मणवादी हिंदुत्व फासीवादी शासन’ की क्रूरता और जन-विरोधी भावना के सबके सामने आ जाने का दावा किया गया। यही नहीं, इस कार्यक्रम से जुड़े ब्रोशन में रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स लीग ने लोगों से भीमा कोरेगाँव काँड के आरोपितों में से एक अर्बन नक्सल कवि वरवर राव की विवादास्पद पुस्तक “फाइट ब्राह्मणिकल हिंदुत्व फासीवाद” को भी पढ़ने के लिए कहा।
वरवर राव की किताब में हिंदुत्व विरोधी प्रोपेगेंडा जमकर भरा है। उसके एक अंश में “मोहम्मद अखलाक, प्रोफेसर एमएम कलबुर्गी और याकूब मेमन की हत्याएं कई मायनों में मोदी के नेतृत्व वाले भाजपा-शासन के तहत देश में मौजूदा स्थिति का प्रतीक बन गई हैं।” जैसी बातें लिखी गई हैं।
कई विवादों में घिरा रहा है ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह घटना अकेली नहीं है। इससे पहले भी विश्वविद्यालय शैक्षणिक उत्पीड़न के आरोपों से लेकर यहूदी विरोधी और हिंदू विरोधी विचारों को मंच देने जैसे विवादों के घेरे में आ चुका है। ऐसी ही एक घटना में प्रोफेसर समीना दलवाई एक क्लास के अंदर एक छात्र की डेटिंग एप प्रोफाइल स्क्रीन पर दिखाई थी। इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
इसी विश्वविद्यालय में 8 फरवरी, 2023 को बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग भी की गई थी। यही नहीं, साल 2022 में जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में चल रहे कक्षा सत्र का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर अरिजीत घोष को कश्मीर के बारे में “भारत के कब्जे वाला” क्षेत्र बताते हुए देखा गया था।
ये समाचार मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया गया है, मूल लेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।