झारखंड के देवघर में हुए रोप-वे हादसे में बहादुरी और तत्परता से 46 लोगों की जान बचाने वाले जवानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की। इस दौरान उन्होंने त्रिकूट पर्वत पर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देने वाले जवानों का हौसला बढ़ाया।
देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है, जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 13, 2022
डिजिटल माध्यम से बचाव अभियान में हिस्सा लेने वाले जवानों से बातचीत करते हुए PM मोदी ने कहा, “आपने तीन दिनों तक चौबीसों घंटे लगकर एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा किया और अनेक देशवासियों की जान बचाई है। देश को गर्व है कि उसके पास हमारी थल सेना, वायु सेना, NDRF, ITBP के जवान और पुलिस बल के रूप में ऐसी कुशल फोर्स है जो देशवासियों को हर संकट से सुरक्षित बाहर निकालने का माद्दा रखती है। हालाँकि, हमें दुख है कि 3 साथियों का जीवन हम नहीं बचा पाए। अनेक साथी घायल भी हुए हैं। पीड़ित परिवारों के साथ हम सभी की पूरी संवेदना है। मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”
इसके साथ ही उन्होंने जवानों के धैर्य और मुश्किलों का सामना करने के जब्जे की भी सराहना की। वहीं जवानों ने भी ऑपरेशन में आई मुश्किलों और बारीकियों को भी प्रधानमंत्री के साथ-साथ देश से साझा किय।
45 घंटे चला था रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि झारखंड के देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे के बाद शुरू किया गया बचाव अभियान 45 घंटे तक चले अभियान के बाद पूरा हुआ था। जवानों ने रोपवे की ट्रॉलियों में फॅंसे 48 लोगों में से 46 को बचा लिया था। हालाँकि, मंगलवार (12 अप्रैल 2022) को भी एक महिला पर्यटक की ट्रॉली से नीचे गिरने के कारण मौत हो गई थी। यह बचाव अभियान के दौरान ये दूसरी मौत थी। इससे पहले सोमवार को भी एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं 12 लोग इस हादसे में घायल भी हुए हैं।
गौरतलब है कि रविवार (10 अप्रैल 2022) को रामनवमी होने के कारण बड़ी संख्या में लोग त्रिकुट पहाड़ पर पहुँचे थे। जहाँ पहाड़ पर बने मंदिर की तरफ एक साथ 26 ट्रॉलियाँ रवाना की गई थीं, जिससे रोपवे की तारों पर अचानक लोड बढ़ा और रोलर टूट गया। तीन ट्रॉलियाँ पहाड़ से टकरा गईं, वहीं दो नीचे गिर गईं। इनमें सवार 12 लोग जख्मी हो गए और दो लोगों की मौत हो गई थी। बाकी ट्रॉलियाँ आपस में टकराकर रुक गईं थी। लोगों को निकालने के लिए जैसे ही सेना ने हेलीकॉप्टर का सहारा लिया, वैसे ही पंखे की तेज हवा से ट्रॉलियाँ हिलने लगीं, इससे लोगों की जान पर बन आई थी। जिसे 45 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद 46 को सुरक्षित बाहर निकालकर पूरा किया गया था।