देवरिया के फतेहपुर नरसंहार में मारे गए अपने माँ-बाप, भाई-बहन को खोने वाले पीड़ित परिवार के देवेश दुबे ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया। दरअसल, अखिलेश यादव ने कहा था कि वो देवरिया के दोनों पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वो आज देवरिया के फतेहपुर गाँव पहुँचे। उन्होंने देवेश दुबे के परिजनों की तस्वीर पर माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी, इसके बाद वो प्रेम चंद यादव के घर चले गए और परिवार से मुलाकात की।
सपा राज में हुआ था उत्पीड़न, किस मुँह से मिलने आ रहे?
देवेश दुबे का कहना है कि साल 2014 में प्रेम चंद यादव ने दबंगई से हमारी जमीन का बैनामा करा लिया था, हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई थी। हम उस दिन को भुला नहीं पा रहे हैं। देवेश दुबे का कहना है कि अखिलेश यादव के राज में ही हमारा उत्पीड़न हुआ, हमारी जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा करा लिया गया। अब सबकुछ खत्म हो गया है, तो वो किस मुँह से मिलने आ रहे हैं। मैं उनसे नहीं मिलने वाला। देवेश ने कहा कि कई सपा नेताओं ने उनसे संपर्क कर कहा था कि वो अखिलेश यादव से मिल लें, लेकिन मैंने तय किया है कि मैं अखिलेश यादव से नहीं मिलूँगा।
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— Pragati Chand (@PragatiChand2) October 16, 2023
अखिलेश यादव ने दी मृतकों को श्रद्धांजलि, प्रेमचंद यादव के परिवार से मिले
अखिलेश यादव देवरिया जिले के फतेहपुर गाँव पहुँचे और सबसे पहले दुबे परिवार के मृतकों को श्रद्धांजलि दी। वो पीड़ित परिवार के जर्जर घर में भी गए। इसके कुछ देर बाद वो वहाँ से निकले और दूसरे टोले में स्थित प्रेम चंद यादव के घर पहुँचे और परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने प्रेमचंद यादव की पत्नी और बच्चों से मुलाकात की, साथ ही हत्याकांड में आरोपित रामजी यादव के भी परिजनों से मिले और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। मृतक प्रेमचंद यादव समाजवादी पार्टी के नेता थे और जिला पंचायत सदस्य रहे थे।
प्रेमचंद यादव की बेटी ने की ये अपील
इस मामले में प्रेमचंद यादव की बेटी ने मीडिया से अपील की थी कि उनका घर न गिराया जाए। ये घर उनके दादा ने बनवाया था, जो फौजी थे। उन्होंने कहा कि पहले सभी घरों की पैमाइश हो, और कानून के मुताबिक जो सही हो वो किया जाए। अकेले उनके घर पर बुलडोजर न चलाया जाए, वर्ना वो रहेंगे कहाँ? प्रेम चंद यादव की बेटी ने अखिलेश यादव के आने पर कहा कि वो दोनों पक्षों को न्याय दिलाएँ। उनके (दुबे परिवार) के साथ तो बहुत लोग खड़े हैं, हमारे साथ कोई नहीं खड़ा। बेटी ने कहा कि जैसे पापा अब तक हमारा ख्याल रखते थे, अब अखिलेश यादव हमारा ख्याल रखें।
गाँधी जयंती के दिन दुबे परिवार का हुआ था नरसंहार
बता दें कि गाँधी जयंती के दिन देवरिया में 2 अक्टूबर को 15 साल के गाँधी दुबे, 10 साल की नंदिनी दुबे, उनके पिता और माता के साथ ही एक अन्य बहन को प्रेम यादव के परिवार के लोगों ने मार डाला था। दुबे परिवार के सभी लोगों को पहले बुरी तरह पीटा गया, फिर गोली मारी गई और गला काट दिया गया। एक भाई गंभीर रूप से घायल था, जिसकी जान बच गई। इस नरसंहार के समय सबसे बड़े बेटे देवेश श्राद्ध कर्म करवाने के लिए घर से बाहर गए हुए थे, इसलिए बच गए।