Monday, May 6, 2024
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दिन- गाँधी जयंती का, नाम- गाँधी दुबे, उम्र 15 साल… देवरिया में 5 का गला काट लिया प्रेम यादव का ‘बदला’

रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 को गिरफ्तार किया है। 12 आरोपित अभी भी फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें लगाई गई हैं। गाँव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

नंदिनी केवल 10 साल की थी। उसका भाई गाँधी दुबे 15 साल का था। गाँधी जयंती के दिन यानी 2 अक्टूबर 2023 को देवरिया के फतेहपुर गाँव में प्रेम यादव का बदला लेने को उतारू भीड़ ने इन दोनों की भी हत्या कर दी थी। दुबे परिवार के कुल 5 लोगों की हत्या की गई थी। 2 अक्टूबर को ही गाँधी दुबे का जन्मदिन भी था।

जिनलोगों की हत्या की गई उनमें गाँधी दुबे के पिता सत्यप्रकाश दुबे, माँ किरण और दो बहनें शामिल हैं। इन्हें प्रेम यादव की कथित हत्या के शक में मार डाला गया। दुबे परिवार के सभी लोगों को पहले बुरी तरह पीटा गया, फिर गोली मारी गई और गला काट दिया गया।

हमले के बाद दुबे परिवार का सबसे छोटा सदस्य अनमोल जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जूझ रहा है। हमलावरों ने उसे मरा समझ कर छोड़ा दिया था। परिवार का दूसरा जिंदा बचा शख्स सत्यप्रकाश दुबे के सबसे बड़े बेटे देवेश हैं। वे हमले के समय एक श्राद्ध कर्म करवाने के लिए घर से बाहर थे। इस वजह से उनकी जान बच गई।

रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में पुलिस ने अब तक 15 को गिरफ्तार किया है। 12 आरोपित अभी भी फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें लगाई गई हैं। गाँव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

बताया जाता है कि सत्यप्रकाश दुबे और प्रेम यादव के परिवार के बीच जमीन का विवाद चल रहा था। यादव बाहुल्य गाँव में दुबे परिवार इकलौता ब्राह्मण परिवार था। परिवार पूजा-पाठ कर गुजारा करता था। वहीं प्रेम यादव का समाजवादी पार्टी से कनेक्शन था। वह जिला पंचायत का सदस्य रहा था। वह अपनी दबंग छवि और विवादित जमीनों की खरीद को लेकर भी इलाके में जाना जाता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर भीड़ ने सत्यप्रकाश दुबे के घर पर लगभग आधे घंटे तक उत्पात मचाया। इस दौरान उन्हें जो भी मिला उसे मारा। हमलावरों के हाथों में बंदूकों के साथ लाठी-डंडे भी थे। हमलावर भीड़ को देख कर अपने परिवार की जान बचाने के लिए सत्यप्रकाश की 52 वर्षीया पत्नी किरण घर के आगे हाथ जोड़ कर खड़ी हो गई थी। लेकिन भीड़ ने उनकी भी हत्या कर दी।

जन्मदिन पर ही हत्या

जिस दिन हत्या की गई उसी दिन गाँधी दुबे का जन्मदिन भी था। उसने देवरिया गए अपने भाई देवेश से कुछ लेकर आने के लिए कहा था। देवेश ने आरोपितों को फाँसी की सजा देने और घरों पर बुलडोजर चलाने की माँग की है। उन्होंने हमलावरों के तौर पर रामजी यादव, राम भवन यादव के नाम गिनाए हैं।

सपा का नेता था प्रेमचंद यादव

प्रेमचंद यादव समाजवादी पार्टी का नेता था। साल 2015 में उसने सपा के टिकट पर जिला पंचायत का चुनाव जीता था। प्रेमचंद को रुद्रपुर के पूर्व विधायक मुक्तिनाथ यादव का समर्थक माना जाता था। उसके खिलाफ बलवा, गाँव के ही एक अन्य बिरादरी के व्यक्ति को पीटने जैसे केस दर्ज थे। प्रेमचंद ने सत्यप्रकाश के भाई साधु दुबे की 9 बीघा जमीन को खरीदा था। यह जमीन विवादित थी और इसी जमीन पर कब्जेदारी को ले कर उसका सत्यप्रकाश से विवाद चल रहा था। साधु दुबे का अपने ही भाई सत्यप्रकाश से विवाद था। प्रेम यादव की बेटी का दावा है कि साधु गाँव आने पर उनके ही घर में रहता था।

दावा किया जा रहा है कि 7 फरवरी 2023 में सत्यप्रकाश दुबे ने IGRS पोर्टल पर प्रेम यादव के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत में सत्यप्रकाश ने प्रेम यादव पर सरकारी और अन्य लोगों की जमीनों को जबरन कब्ज़ाने का आरोप लगाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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