Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजऑपइंडिया Exclusive: बलरामपुर में दुर्गा पूजा जुलूस पर हमला करने वाले लगा रहे थे...

ऑपइंडिया Exclusive: बलरामपुर में दुर्गा पूजा जुलूस पर हमला करने वाले लगा रहे थे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा

सूरज ने पुलिस के “म्यूज़िक बजाने की वजह से दूसरे मजहब वाले भड़क गए” के दावे को सिरे से ख़ारिज किया है। उसके मुताबिक़ डीजे और लाउडस्पीकर के लिए अनुमति प्रशासन से ली गई थी। बावजूद इसके हिन्दू मस्जिद के पास गुजरने से पहले डीजे हमेशा से बंद कर दिया करते रहे हैं।

जब सारे देश के हिन्दू दुर्गा पूजा मना रहे थे तो उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक दूसरे समुदाय के इलाके से गुजर रहे दुर्गा विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी की घटना हुई। कथित तौर पर तलवार समेत अन्य हथियार भी चले और हिन्दू घायल हुए। ऑपइंडिया से बातचीत में पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने एक ओर हमले के पूर्व-निर्धारित होने की आशंका जताई, जिसकी तस्दीक सोशल मीडिया पर वायरल घटना के वीडियो देखकर की जा सकती है, वहीं दूसरी ओर पुलिस ने घटना के पीछे कारण हिन्दुओं द्वारा मस्जिद के सामने डीजे बजाए जाने के चलते समुदाय विशेष के भड़क जाने की बात भी कही है।

ऑपइंडिया ने वहाँ के एक स्थानीय निवासी और हमले में घायल हिन्दू पीड़ित से बात की। घायल प्रत्यक्षदर्शी सूरज पांडे के मुताबिक ही हिन्दू समाज ने जुलूस निकालने के पहले ही दूसरे मजहब वालों से इस बारे में बातचीत की थी। उस समय दूसरे मजहब ने शांतिपूर्वक जुलूस को निकलने देने के आश्वासन भी दिया था, लेकिन बाद में हिन्दुओं पर हमला कर दिया।

‘हर साल का’ नहीं है

सूरज ने दावा किया कि यह तनाव और हिंसा गाँव में कोई ‘आम बात’ नहीं है, जिसे बेवजह तूल दी जा रही है। गाँव में ऐसे किसी साम्प्रदायिक तनाव या हिंसा का कोई इतिहास नहीं रहा है। दुर्गा पूजा का जुलूस निकलता भी प्रति वर्ष उसी रास्ते से था। यही नहीं, हिंसा और पत्थरबाज़ी के पहले समुदाय विशेष के प्रतिनिधि हिन्दुओं से “भाईचारे वाली बात’ कर के गए थे और ऐसा कोई भाव प्रकट नहीं किया था कि उन्हें हर साल होने वाले इस जलसे से कोई दिक्कत या आपत्ति है।

सूरज ने हमें यह भी बताया कि हमले की शुरुआत हिन्दुओं पर, देवी के विग्रह पर कचरा फेंक कर अपवित्र करने से हुई। उसके बाद मस्जिद से हिन्दुओं पर ईंट-पत्थर से हमला होने लगा, जिसके बाद दूसरे मजहब के लोग लाठी-डंडों के इस्तेमाल पर उतर आए। चूँकि हिन्दू दूसरे मजहब वालों द्वारा शांति बनाए रखने के आश्वासन से निश्चिन्त थे और गाँव में किसी तरह के साम्प्रदायिक तनाव का इतिहास भी नहीं था, तो हिन्दुओं के पास आत्मरक्षा करने या हमले का जवाब देने के लिए कोई साधन मौजूद नहीं था।  

गलती की, जो जुल्फिकार को जाने दिया

सूरज आगे अपने जुल्फिकार नामक पड़ोसी के हिंसक बर्ताव का ज़िक्र करते हैं, जिसके बारे में उन्होंने माहौल न बिगड़ने देने के लिए किसी और को नहीं बताया था- और बाद में वह न बताना गलती साबित हुआ। हिंसा वाली गली में ही रहने वाले सूरज के अनुसार जब वे सुबह अपने घर से पूजा स्थल की तरफ़ देवी के जुलूस की शुरुआत करने जा रहे थे, तो उनके पड़ोसी जुल्फिकार ने उन पर ईंट फेंकी। उस समय उन्होंने उस चीज़ पर नाराज़गी जताई, लेकिन जब उसकी बूढ़ी माँ बेटे की तरफ़ से माफ़ी माँगने लगी तो उन्होंने माहौल न बिगाड़ने के लिए मामले को तूल नहीं दिया और इस घटना का ज़िक्र अन्य हिन्दुओं से नहीं किया। लेकिन उन्हें शक हो गया था और बाद में वह सही निकला।

पहले मूर्ति के साथ आए, फिर ‘पाकिस्तान ज़िन्दाबाद’

सूरज ने यह भी बताया कि हमले के समय भीड़ ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे भी लगा रहे थे। उन्होंने एक और चौंकाने वाला दावा यह भी किया कि दूसरे मजहब के कुछ लोग दुर्गा पूजा के जुलूस में सुबह शामिल भी हुए। वे जुलूस के साथ चलते हुए मस्जिद वाली गली तक भी आए और बाद में पथराव करने वाले अन्य मजहबी लोग भीड़ का हिस्सा बन गए। सूरज मुख्य दंगाई के तौर पर हाजी मकबूल, ‘लंगड़’, और नाजिम का नाम लेते हैं।

सूरज के अनुसार दंगा एवं पत्थरबाज़ी करने में “मोहम्मडन” मर्दों के अलावा औरतें और बच्चे भी शामिल थे। उनके पास केवल ईंटें ही नहीं, तलवार जैसे घातक हथियार भी पहले से ही जमा कर के रखे हुए थे। सूरज ने खुद के सर पर तलवार से ही घाव लगने की बात कही। उनके अनुसार उनके सर पर “कम से कम एक इंच” गहरा घाव लगा है।  

हम तो म्यूज़िक पहले ही बंद कर देते हैं

सूरज ने पुलिस के “म्यूज़िक बजाने की वजह से दूसरे मजहब के भड़क गए” के दावे को भी सिरे से ख़ारिज कर दिया। उनके मुताबिक़ पहली बात तो हिन्दू समुदाय ने डीजे और लाउडस्पीकर के लिए अनुमति प्रशासन से ले रखी थी- यानि उन्हें पूरे रास्ते डीजे बजाने का कानूनी हक़ था। यह हक़ होने के बावजूद हिन्दू समुदाय हमेशा से ही आपसी समझदारी के तकाज़े में मस्जिद के पास डीजे बंद कर देता है। इसके लिए बाकायदा गली में एक निशान (“चीना”, चिह्न) बना हुआ है कि इसके आगे नहीं बजाना है, जब तक कि मस्जिद के आगे नहीं बढ़ जाते। इस बार भी हिन्दुओं का डीजे बंद कर देने का पूरा इरादा था- लेकिन दूसरे समुदाय ने उस निशान के पहले ही हमला बोल दिया और डीजे वाले की गाड़ी, म्यूज़िक सिस्टम आदि को क्षतिग्रस्त कर दिया। डीजे गाड़ी का ड्राइवर भी घायल हो गया।

सूरज ने कहा कि वे पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट हैं। पुलिस ने सूरज की तहरीर में नामित 24 व्यक्तियों में से 8 को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की सरगर्मी से तलाश जारी है। पुलिस ने इस कार्य के लिए 4 यूनिटें विशेष तैनात की हैं।

सूरज पांडे द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिन 3 खालिस्तानी आतंकियों ने गुरदासपुर पुलिस चौकी पर फेंके थे ग्रेनेड, उनका UP के पीलीभीत में एनकाउंटर: 2 एके-47 के साथ ग्रोक पिस्टल...

इस ऑपरेशन को यूपी और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। मारे गए आतंकियों की पहचान गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह के रूप में हुई है।

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।
- विज्ञापन -