पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में मुस्लिमों की एक बड़ी भीड़ ने जमकर उत्पात मचाया। एक मुस्लिम दुकानदार की ‘अप्राकृतिक मृत्यु’ के बाद मुस्लिमों ने पूरे इलाक़े में आगजनी की और दंगे किए। मारा गया दुकानदार एक महिला के यौन शोषण का आरोपित था। आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट सर्विस सस्पेंड कर दिया गया। मुस्लिमों ने हिन्दू बहुल इलाक़े में तोड़फोड़ मचाई, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में धारा-144 लागू कर दिया गया। मृतक का नाम असदुल सलाम है, जो रोजमर्रा की चीजें बेचा करता था। इसी दौरान उसने एक हिन्दू महिला ग्राहक के साथ बदतमीजी की।
उसने उस महिला के साथ दुर्व्यवहार किया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में रेप की भी बात कही जा रही है, जिसकी पुष्टि नहीं हुई है। दत्तपुकुर के लोकल क्लब प्रगति संघ के मेले में सामान बेच रहे असदुल की शिकायत क्लब वालों से की गई। मुस्लिमों का आरोप है कि क्लब वालों ने पहले तो उसे खूब मारा-पीटा और उसके बाद उसका मृत शरीर लटकता हुआ मिला। क्लब का कहना है कि असदुल ने आत्महत्या की। मुस्लिम ये मानने को तैयार नहीं हैं। जैसे ही असदुल की मौत की ख़बर फैली, हज़ारों की संख्या में मुस्लिम भीड़ निकल आई और उन्होंने आगजनी शुरू कर दी।
सबसे पहले तो वो क्लब में घुस गए और चीजों को तहस-नहस कर डाला। उन्होंने अंदर रखे फर्नीचर और अन्य वस्तुओं को पटक कर तोड़ डाला। आधे दंगाई मुस्लिम क्लब के अंदर तोड़फोड़ मचाने में व्यस्त थे, वहीं बाकी के मुस्लिमों ने बाहर बैरिकेड बनाया हुआ था ताकि पुलिस को क्लब के अंदर घुसने से रोका जा सके। मुस्लिमों ने वहाँ कई दुकानों को तहस-नहस कर दिया। पश्चिम बंगाल पुलिस खड़े होकर ये सब तमाशा देखती रही। इतने पर भी मुस्लिमों का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो वो हिन्दू बहुल इलाक़े में घुस गए।
Peaceful vandalisation of family of rapist belongs to “vote bank” Islamic community pic.twitter.com/wtbQnAsX1W
— বানীব্রত দাশগুপ্ত (@Bunibroto) January 2, 2020
हिन्दुओं के कई घरों व दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। कई हिन्दुओं की गाड़ियों और अन्य सम्पत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया। रास्ते में पड़ने वाले एटीएम, इलेक्ट्रिक पोस्ट्स और स्ट्रीट लाइट्स को भी तोड़ डाला गया। उत्पाती मुस्लिम भीड़ ने रास्ते में जैसे ही एक मंदिर को देखा, वो वहाँ घुस गए। उन्होंने मंदिर में जम कर तोड़फोड़ मचाई। इसके बाद उन्होंने रेल पटरियों को जाम कर दिया, जिससे इलाक़े में लोकल ट्रेनों के परिचालन में बाधा आई। हज़ारों रेलयात्री घटों तक फँसे रहे।
— রেখেছ বাঙালি করে মানুষ করনি – (@IamSD_2019) January 1, 2020
इतने पर भी मुस्लिम नहीं थमे। उन्होंने डंडे लेकर हिंसा शुरू कर दी। जम कर पत्थरबाजी की गई। वो अपने घरों में से बम लेकर भी आए थे। कई दिशाओं से आ रहे बमों का निशाना पुलिस अधिकारियों को भी बनाया गया। अंत में अतिरिक्त पुलिस बल बुला कर लाठीचार्ज किया गया और आँसू गैस के गोले छोड़े गए, जिसके बाद स्थिति नियंत्रित हुई। असदुल की लाश को क्लब से हटाया गया। मीडिया ने इस ख़बर को छिपा लिया लेकिन स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी पीड़ा बताई। इसी इलाक़े में सीएए के विरोध में भी दंगा हुआ था।