Friday, March 29, 2024
Homeदेश-समाज'जान पर खेलकर गया... फिर भी कहा केस वापस लो': मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई...

‘जान पर खेलकर गया… फिर भी कहा केस वापस लो’: मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई को लेकर मुलायम सरकार ने कैसे डराया, पूर्व DSP ने बताया

इस्तीफे के समय शैलेंद्र ने सिर्फ़ 10 साल की ड्यूटी की थी। 20-21 साल उनकी नौकरी के बचे थे। लेकिन बीच में ऐसे हालत पैदा हो गए कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

साल 2004 में उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वाराणसी यूनिट के प्रभारी रहे पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह फिर से चर्चा में हैं। इसकी वजह यह है कि योगी सरकार ने उन पर किए गए केस वापस ले लिए हैं। सिंह पर मुलायम सरकार के जमाने पर केस हुआ था और उन्हें जेल भी भेजा गया था।

उस समय इस मामले पर काफी हंगामा हुआ था। असल में सिंह ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए POTA (आतंकवाद निरोधक अधिनियम, 2002) लगाया था। इसे वापस लेने के लिए उन पर इतना दबाव डाला गया कि उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के कुछ महीने बाद ही उन पर केस दर्ज किया गया था।

17 साल पुरानी इस घटना को लेकर एक टीवी चैनल से बात करते हुए सिंह भावुक हो गए और बताया कि उन पर किस कदर दबाव बनाया गया था। उन्होंने कहा कि उस समय में उन्होंने अपनी जान पर खेलकर मशीनगन बरामद किया था। कोई जाने को भी तैयार नहीं था। सबको डर था कि लाइटगन है पता नहीं कितनी फायर एक बार में हो। कौन बचेगा कौन मरेगा। उसके बाद भी ऐसा कहा गया कि आप लोग केस वापस लो नहीं तो आप लोगों को जेल में डाल देंगे। ऐसी धमकियों में कोई कैसे काम करता।

अपने इस्तीफे पर बात करते हुए वह बोले कि इन्हीं धमकियों के कारण उन्होंने सर्विस से बाहर होना चुना। आम नागरिकों की तरह जीना चुना। वह बोले कि उन्होंने अपने इस्तीफे से जनता को ये दिखाया कि उनके चुने हुए नेता किस तरह से काम करते हैं। इसलिए सोचें कि दोषी कौन है।

संघर्षों पर बात करते हुए शैलेंद्र ने कहा कि 17 साल हम किस परिस्थिति में थे, ये कोई नहीं पूछता है। नौकरी छोड़ने का दर्द नहीं है। लेकिन ये सोचते हैं कि हम लोग कैसी परिस्थितियों में जीते हैं। कैसे हमारी जान बची है। परिवार वाले चिंता करते हैं।

इस्तीफे के समय शैलेंद्र ने सिर्फ़ 10 साल की ड्यूटी की थी। 20-21 साल उनकी नौकरी के बचे थे। लेकिन बीच में ऐसे हालत पैदा हो गए कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वह बताते हैं कि वह जब जेल गए तो योगी आदित्यनाथ ने उनके परिवार को फोन करके कहा था, ‘जब मैं आऊँगा तो न्याय करूँगा।’ आज उन्होंने वही किया। वह कहते हैं, “मेरा परिवार उनका आभारी है। आगे किसी के साथ ऐसा न हो इसका मैं अनुरोध करूँगा”

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का खूँखार माफिया नेता मुख्तार अंसारी इस समय पंजाब जेल में बंद है। पिछले दिनों वह मोहाली की कोर्ट में पेश हुआ। लेकिन उसे लेकर आई एंबुलेंस पर विवाद हो गया है। दरअसल जिस एम्बुलेंस से पुलिस ने उसे मोहाली कोर्ट में पेश किया, उसका रजिस्ट्रशन तो बाराबंकी जिले का है, लेकिन अब यह एंबुलेंस पंजीकृत ही नहीं है। इसके अलावा वह अस्पताल भी फर्जी है, जिसका नाम एंबुलेंस पर लिखा था।

न्यूज 18 के अनुसार, जिस अस्पताल के नाम से एंबुलेंस नंबर UP41 AT 7171 का रजिस्ट्रेशन बताया जा रहा है, वह असल में है ही नहीं। इसकी मियाद साल 2015 में खत्म हो चुकी है। एंबुलेंस की फिटनेस भी साल 2017 में एक्सपायर हो चुकी है। बाराबंकी स्वास्थ्य विभाग के पास भी इसकी कोई जानकारी नहीं है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुख़्तार अंसारी की मौत: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया था माफिया, पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

माफिया मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल में आया हार्ट अटैक। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था।

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe