मथुरा के नंदबाबा मंदिर में घुस कर जबरन नमाज पढ़ने वाले फैजल खान के बारे में पता चला है कि वो नागरिकता संशोधन कानून (CAA) विरोधी प्रदर्शनों का भी हिस्सा रहा था। ‘टाइम्स नाउ’ चैनल ने कई तस्वीरें भी जारी की हैं, जिनमें फैजल खान को CAA विरोधी प्रदर्शनों को सम्बोधित करते हुए देखा जा सकता है। आशंका जताई जा रही है कि अयोध्या के बाद मथुरा के लिए जो लड़ाई शुरू हुई है, उसी कारण फैजल खान ने नंदबाबा मंदिर में जाकर नमाज पढ़ी।
पता चला है कि फैजल खान ने दिल्ली के शाहीन बाग़ में हुए CAA विरोधी उपद्रवों से लेकर कई अन्य प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया था। उसके संगठन ‘खुदाई ख़िदमतगार’ ने भी CAA के खिलाफ लोगों को भड़काया था, जिसका वो खुद ही संस्थापक है। उसने देश भर में कई जगह CAA विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। इससे अब ये आशंका जताई जा रही है कि मथुरा के नंदबाबा मंदिर में नमाज पढ़ने के पीछे इनकी मंशा ठीक नहीं थी।
#Breaking | Big twist in Mathura Namaz row.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 3, 2020
Accused in the matter was also a part of anti-CAA protests.
Details by Priyank. pic.twitter.com/214ZEweODn
बता दें कि अब उसने दावा किया है कि जब नमाज का वक्त हो गया तो मंदिर के ही लोगों ने उसे नमाज पढ़ने के लिए जगह दी और खाना भी खिलाया। उसका दावा है कि उसे वहाँ खाना भी खिलाया गया। इसके 3 दिन बाद इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और फैजल खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। वो नंदबाबा मंदिर में नमाज पढ़ कर दिल्ली भी लौट चुका था। सोमवार (नवंबर 2, 2020) को उसे जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि जिस फेसबुक आईडी से तस्वीरें वायरल की गई थी, वह वह पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कट्टरपंथी इस्लामवादियों का मुखर वकील है, जिन्हें हाथरस के रास्ते में पकड़ा गया था। इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट में ट्रांसफर होने से पहले इस मामले को बरसाना थाने ने उठाया था। इसके साथ ही इस बात की भी जाँच शुरू कर दी गई है कि तस्वीर को वायरल करने के पीछे क्या मंशा थी।