Friday, November 22, 2024
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‘पराई लड़की (हिंदू) लाओ, पैसा और मजा दोनों मिलेगा’: फतेहपुर की मस्जिद का मौलाना, 15 साल पहले नेपाल से आया था

नेपाल के फिरोज आलम को मस्जिद का इमाम बनाया गया, लेकिन उसके बाद उसने बच्चों को भड़काना शुरू कर दिया। वो मुस्लिम लड़कों से कहता कि पराई लड़कियों को लाओ। इससे पैसा भी मिलेगा और मजा भी आएगा।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर थाना से फतेहपुर पुलिस ने नेपाल के एक मौलवी को गिरफ्तार किया है। मौलवी पिछले 15 साल से भारत में फर्जी पहचान और दस्तावेजों के साथ रह रहा था। यहाँ उस पर मुस्लिम बच्चों को भड़काने और हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण कराने के भी आरोप लगे हैं। मस्जिद सदस्यों ने खुद ही उसके ख़िलाफ़ शिकायत की हुई थी।

अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बाताया कि नेपाल देश का एक संदिग्ध नागरिक जो मेवाती मोहल्ला थाना गाजीपुर जनपद फतेहपुर में काफी वर्षों से रह रहा था। यहाँ रहते हुए उसने निर्वाचन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और 2016 में पासपोर्ट बनवा लिया था। एक संयुक्त टीम ने इसकी जाँच की और बाद में संबंधी धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। अब मामले में पुलिस की ओर से विवेचना की जा रही है। आगे जो कार्रवाई होगी की जाएगी।

पुलिस पड़ताल के दौरान मौलाना ने बताया कि वह नेपाल के महोत्री जिले का रहने वाला है जो 2001 में फतेहपुर आया था और 5 साल तक वहीं रहा। इसके बाद वह गाजीपुर पहुँच गया और वहाँ बड़ी मस्जिद के सदस्यों के संपर्क में आया। सदस्यों ने 2006 में इसे बड़ी मस्जिद की जिम्मेदारी सौंपकर मौलवी बना दिया। यहाँ वह नमाज पढ़ाने के साथ बच्चों को दीनी शिक्षा देता था। लेकिन दो वर्ष से वह झाड़फूंक भी करने लगा था। मस्जिद सदस्यों ने उसकी हरकत देख उसे इमाम पद से हटवा दिया और बीते 24 सितंबर को उसके ख़िलाफ़ शिकायत हुई।

मस्जिद सदस्य ने लगाए गंभीर आरोप

फतेहपुर मस्जिद कमेटी के सदस्य मजीद खान बताते हैं कि मौलाना मुस्लिम युवाओं को गलत शिक्षा देता था। वह कहते हैं कि फिरोज कहीं से घूमते घामते यहाँ आया था। इसके बाद इसे मस्जिद में रखा गया। यहाँ यह मौलवी बन बच्चों को पढ़ाता रहा। 14-15 साल करीब हो गए। लेकिन 2 साल पहले उसे मस्जिद से निकाल दिया गया। क्योंकि वो गलत शिक्षा बच्चों को देता था। कहता था- आप पराई लड़कियों को लाइए, उसमें पैसा भी मिलेगा और मजा भी आएगा। इस तरह से इसने भड़काऊँ बातें की।

मजीद खान बताते हैं कि एक बार कोई ब्राह्मण की लड़की को भगा कर लाया था, तो उसका धर्म परिवर्तन करवा कर उसका निकाह भी फिरोज ने करवा दिया। इस बाबत पुलिस को शिकायत दी गई। लेकिन तब कार्रवाई नहीं हुई। मजीद के मुताबिक, वह बस चाहते हैं कि फिरोज को हटाया जाए ताकि गाँव की एकता खंडित न हो। वह कहते हैं कि ये आदमी अपने आपको नेपाल का बताता है लेकिन होने को ये बांग्लादेश का भी हो सकता है या फिर रोहिंग्या भी हो सकता है।

दैनिक जागरण के फतेहपुर संस्करण में प्रकाशित खबर

इस बीच फिरोज आलम का कहना है कि उस पर लगाए गए धर्मांतरण के आरोप गलत हैं। उसकी बीवी की मौत हो चुकी है और दो बेटियाँ नेपाल में रहती हैं। भारत में जो उसने पासपोर्ट बनवाया वह हज जाने के लिए बनवाया था। लेकिन नहीं जा सका। पुलिस अब इस केस में आलम के दो अन्य साथियों की तलाश कर रही है। पुलिस इस केस में उमर गौतम कनेक्शन को भी तलाश रही है। पुलिस का कहना है कि देश भर में धर्मांतरण का जाल बिछाने वाले उमर का पिछले 10 साल से यहाँ आना जाना रहा है। अब उमर के गाजीपुर मस्जिद आने और मस्जिद से निकाले गए इमाम की उमर से मुलाकात के सबूत जुटाने में पुलिस लगी है। वह शहर नुरुल हुदा इंग्लिश में आता-जाता था। यहाँ की गुप्त बैठकों में धर्मांतरण के लिए रणनीति बनती थीं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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