मध्य प्रदेश के खरगोन में 10 अप्रैल 2022 को रामनवमी शोभा यात्रा पर हमला हुआ था। इस मामले में पुलिस ने फिरोज उर्फ सेजू को गिरफ्तार किया है। वैसे तो फिरोज पान की दुकान चलाता है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार हमले वाले दिन अपने छत से खड़े होकर दंगाइयों को पत्थर फेंकने के निर्देश दे रहा था। फिरोज इधर से इशारे करता, उधर छत पर जमा दंगाई पत्थर की बारिश शुरू कर देते।
फिरोज का वीडियो भी वायरल हुआ है। इसमें वह छत पर खड़ा होकर पत्थर फेंकने की जगह बताता दिख रहा है। पुलिस के अनुसार फिरोज ‘आदतन अपराधी’ है। उस पर आधे दर्जन केस पहले से दर्ज हैं। खरगोन दंगों के मामले में उसे 22 अप्रैल 2022 (शुक्रवार) को गिरफ्तार किया गया।
मध्यप्रदेश : खरगोन हिंसा में पत्थरबाजों को दिशानिर्देश देते सेजू उर्फ फिरोज का वीडियो आया सामने
— News24 (@news24tvchannel) April 23, 2022
◆पुलिस ने आरोपी को इंदौर से किया गिरफ्तार @JournalistVipin pic.twitter.com/0YVcUFbbZm
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिरोज खरगोन में ही पान की दुकान चलाता है। दंगे के दौरान वह अपनी छत पर खड़ा होकर दंगाइयों को पत्थर फेंकने की जगह बता रहा था। घटना के बाद से वो फरार हो गया था। पुलिस ने उसे इंदौर से खोज निकाला है। उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की गई है।
फिरोज की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए SP रोहित काशवानी ने बताया, “जिसके घर से पत्थर मारे जा रहे थे उसको गिरफ्तार किया गया है। इससे पूर्व भी इसका आपराधिक इतिहास रहा है। उस पर 5-6 केस पहले से दर्ज हैं। इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।” वहीं पुलिस अधिकारी अंकित जयसवाल ने बताया कि फिरोज पहले से ही बलवा, मारपीट, पथराव, तोड़फोड़ और छेड़छाड़ जैसे आधे दर्जन केसों में नामजद है।
इससे पहले खरगोन हिंसा में चार और नाम सामने आए थे। ये हैं- मोहसिन उर्फ नाटी, नवाज शेख, वसीम उर्फ मोहसिन और इरफान उर्फ इलियास खान हैं। वसीम पर एसपी सिद्धार्थ चौधरी को गोली मारने का आरोप है। बता दें कि उपद्रव के दौरान संजय नगर के त्रिवेणी चौक में पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना मिलने के बाद एसपी सिद्धार्थ पुलिस बल के भारी भीड़ को नियंत्रित कर रहे थे। पथराव, तलवार और पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे। इसी बीच सिर पर सफेद कपड़ा बाँधकर इरफान खान नंगी तलवार लेकर हिंदुओं की तरफ दौड़ा। एसपी ने 12-15 पुलिसवालों के साथ उसे पकड़ने की कोशिश की। पुलिस ने उसे पकड़ लिया, लेकिन वह छूटकर फिर से भागने लगा। फिर एसपी ने जैसे ही उसे दौड़कर पकड़ने की कोशिश की, वसीम ने पीछे से उनके पैर पर गोली मार दी। गोली एसपी के बाएँ पैर में लगी थी।
10 अप्रैल को खरगोन के तालाब चौक इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने इस पर पथराव किया था। इस दौरान 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी गई और मंदिरों में भी तोड़फोड़ की गई। इस हिंसा के दौरान छह पुलिसकर्मियों समेत 24 लोग घायल हो गए। हमले के बाद शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया। एक रिपोर्ट के अनुसार यह घटना अचानक नहीं घटी। यह पूर्व नियोजित हमला था। उपद्रवियों ने पहले से ही छतों पर पत्थर और पेट्रोल बम जमा कर रखे थे।