उत्तरकाशी में सुरंग में फँसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन का आज 16वाँ दिन है। सिलक्यारा सुरंग में 12 नवम्बर 2023 से फँसे मजदूरों के बाहर आने की आशाएँ और बढ़ गईं हैं। क्योंकि, मलबे के बीच से डाले गए पाइप में फँसी ऑगर मशीन को निकाल लिया गया है, वर्टिकल ड्रिलिंग भी 36 मीटर पहुँच गई है। वहीं रेस्क्यू के बीच उत्तरकाशी में टनल के बाहर चौंकाने वाली घटना घटित हुई है।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | International Tunneling Expert, Arnold Dix says, "We're making progress. I'm feeling very proud of the team with the progress we are making…It has not yet started (manual drilling). It will be started as soon as it's safe." pic.twitter.com/ZofzGEUG0R
— ANI (@ANI) November 27, 2023
दरअसल, आजतक सहित कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि यहाँ टनल के बाहर भगवान शिव जैसी आकृति उभर आई है। टनल के बाहर स्थापित बौखनाग देवता के मंदिर के पीछे भगवान शिव जैसी आकृति उभरी है। जिसकी तस्वीर भी सामने आई है।
बता दें कि ठीक सुरंग के बाहर स्थित बाबा बौखनाग के मंदिर को सुरंग निर्माण से पहले विस्थापित कर दिया गया था वहीं अब इस इस घटना के बाद मंदिर को पुनः अपनी स्थान पर लाया गया है जिसके बाद ही भगवान शिव की आकृति को मंदिर के पीछे की पहाड़ी पर देखने का दावा किया जा रहा है। मंदिर के अंदर भगवान नागराज की मूर्ति है जो वहाँ के कुल देवता माने जाते हैं।
वहीं कुछ लोगों का दावा है कि शिव जी जैसी ये आकृति पानी के रिसाव से बनी है। लेकिन ये पानी कहाँ से आ रहा है, इसका पता नहीं चल पाया है। हालाँकि, यह एकलौती ऐसी जगह नहीं है जहाँ पानी का रिसाव हो रहा है ऐसी और भी कई जगह पर हो रहा है लेकिन इस स्थान पर भगवान शिव की आकृति को देखकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
बता दें कि घटनास्थल पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और गृह सचिव अजय भल्ला भी पहुँचे हैं। 12 नवम्बर 2023 को सिलक्यारा सुरंग में मलबा आ जाने की वजह से 41 मजदूर अन्दर फँस गए थे। तब से ही इन्हें निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है।
#WATCH | Principal Secretary to the PM Pramod Kumar Mishra, Union Home Secretary Ajay Kumar Bhalla and Uttarakhand Chief Secy SS Sandhu arrive at Uttarkashi's Silkyara tunnel to take stock of ongoing rescue efforts to save 41 trapped workers pic.twitter.com/03CpZLAHMe
— ANI (@ANI) November 27, 2023
सबसे पहले मलबा हटाने का प्रयास किया गया था लेकिन वह विफल हो जाने पर मलबे के भीतर ऑगर मशीन की सहायता से 3 फीट व्यास वाले पाइप को डाला जा रहा था। इस काम में अच्छी सफलता भी मिली थी। इसकी सहायता से 60 मीटर मलबे के हिस्से में लगभग 46 मीटर तक पाइप पहुँच गई थी। लेकिन पाइप के सामने लोहे के टुकड़े आने से मशीन अन्दर ही फँस गई है जिसे अब काट कर निकाला गया है।
वहीं अब सुरंग के भीतर पाइप डालने के लिए हाथों से खुदाई की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि लगभग 9 मीटर खुदाई करनी है, यदि कोई और अड़चन नहीं आई तो जल्द ही रास्ता बना लिया जाएगा।
वहीं विकल्प के तौर पर सुरंग के ऊपर से भी खुदाई का काम चालू है। ऊपर से भी एक ड्रिलिंग मशीन खुदाई कर रही है। इस रास्ते से लगभ 86 मीटर खुदाई होनी है। इस रास्ते से अब तक 36 मीटर खुदाई (वर्टिकल ड्रिलिंग) की जा चुकी है।
अब हाथों से खुदाई के लिए रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट को पाइप के अन्दर भेजा जाएगा। बता दें कि रैट माइनिंग का उपयोग कोयले की खुदाई के लिए संकरी सुरंगों में होता है। यहाँ पाइप में जगह नहीं है इसलिए यह विशेषज्ञ अब हाथों से खुदाई के ऑपरेशन को देखेंगे। इसमें सेना भी शामिल है।
वहीं सुरंग के दूसरे मुहाने से भी रास्ता बनाने के प्रयास जारी हैं। इसके लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) की सहायता ली जा रही है। अन्दर फँसे सुरंगों तक अभी खाना-पानी और अन्य जरूरत का सामान 6 इंच व्यास वाले पाइप के जरिए ही भेजा जा रहा है।