Tuesday, November 26, 2024
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‘पुलिस में कोई सीधे मुँह बात नहीं कर रहा’: जिस हिन्दू महिला के पति, देवर और तीन बच्चों को ले गई पुलिस, वो बोली – हमारी रोजी-रोटी पर आफत

उनका सवाल है कि वो एक अकेली महिला भला कहाँ-कहाँ दौड़े-भागे? थाने से लौट कर थकी-हारीं दुर्गा सरकार ने बताया कि वहाँ कोई किसी से बात करने को भी तैयार नहीं है। दो थानों में भागदौड़ करने के बावजूद उन्हें अपने परिवार के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है।

हमने इससे पहले बताया था कि दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हुए दंगों में एक ही हिन्दू परिवार के पाँच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें एक नाबालिग भी शामिल है। हिन्दू महिला दुर्गा सरकार ने बताया था कि उनके पति, देवर और तीन बेटों को दिल्ली पुलिस उठा कर ले गई हैं। हनुमान जयंती के दिन शोभा यात्रा के आयोजन में इस परिवार की मुख्य भूमिका थी। अब परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। घर में रोजी-रोटी की कमी हो गई है।

दुर्गा सरकार ने बताया कि इतनी भागदौड़ करने के बाद भी उनके परिवार के उन पाँच सदस्यों के बारे में कुछ अता-पता नहीं चला है। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई उनकी मदद के लिए सामने नहीं आया है। घर के सारे पुरुषों के थाने में होने के कारण स्थिति बदतर होती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस में कोई सीधे मुँह उनसे बात तक नहीं कर रहा है, ऊपर से उन्हें लगातार इधर-उधर दौड़ाया भी जा रहा है।

उनका सवाल है कि वो एक अकेली महिला भला कहाँ-कहाँ दौड़े-भागे? थाने से लौट कर थकी-हारीं दुर्गा सरकार ने बताया कि वहाँ कोई किसी से बात करने को भी तैयार नहीं है। दो थानों में भागदौड़ करने के बावजूद उन्हें अपने परिवार के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका है। किससे क्या कहना है, उन्हें ये तक नहीं पता। उन्हें ये भी नहीं बताया गया कि किस कारण से उनके परिवार वालों को ले जाया गया है। उन्हें इस बात का तनाव है कि घर कैसे चलेगा।

महिला का कहना है कि पुलिस-प्रशासन उन्हें भी लेकर जाए। परिवार मूल रूप से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से ताल्लुक रखती हैं। उनके देवर का सिर फोड़ दिया गया, जबकि पति के पाँव में जख्म हुआ है। दंगे में इन दोनों पर थी ईंट-पत्थर चले हैं। उन्होंने कहा कि अब जैसा माहौल बन रहा है, पुलिस-प्रशासन के रहने तक डर की बात नहीं है। लेकिन, उनके जाने के बाद वो डर की बात बताते हैं। अब तक प्रशासन से या कहीं से उन्हें कोई मदद नहीं मिला है।

फ़िलहाल घर में वो महिला अकेली बची हैं। उनके घर में खाना तक नहीं बन रहा है। पुलिस में किसी से उनकी बात नहीं हुई है। उन्होंने सरकार से माँग करते हुए कहा, “हमारे लोग बेमतलब के फँस गए हैं। वो तो बस हिन्दू त्योहार मना रहे थे। पुलिस ये कह कर ले गई कि पूछताछ के लिए आए हैं, कार्रवाई कर के छोड़ देंगे। वो 10-12 की संख्या में थे।” उन्होंने गुहार लगाई कि उनके परिवार वालों तक उन्हें कम से कम खाना तो भेजने दिया जाए।

उनके दो बेटे पढ़ाई के साथ-साथ घर का काम भी करते हैं। वो रेहड़ी लगा कर बेचने का कार्य भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे हराम का नहीं खाते, मेहनत करते हैं। बस रोजी-रोटी चलने लायक आय ही इस परिवार की है। उन्होंने बताया कि हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा में जो रुपए खर्च हुए थे, वो गरीबों ने खुद से इकट्ठा किया था। दुर्गा सरकार की बहन उनकी मदद के लिए आई हैं। उनके माँ-बाप नहीं हैं। बाक़ी कोई उनका साथ नहीं दे रहा।

पीड़ित महिला का नाम दुर्गा सरकार है, वहीं उन्होंने अपने पति का नाम सुकेन सरकार बताया। पहला बेटा सूरज जहाँ 20 वर्ष का है, वहीं दूसरा बेटा 17-18 साल का है। महिला का तीसरा बेटा नाबालिग है, लेकिन फिर भी पुलिस उसे ले गई है। महिला ने अपने देवर का नाम सुकेश सरकार बताया है। एक और बात ध्यान देने लायक है कि इस कार्रवाई के कुछ ही देर पहले जमीयत-ए-उलेमा के प्रतिनिधिगण भी घटनास्थल पर पहुँचे थे।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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