भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त वाईएस कुरैशी (Former Chief Election Commissioner SY Quraishi) ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की जीत को सांप्रदायिकता की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि लव जिहाद को प्रोपेगेंडा है। इससे मुस्लिम लड़कियाँ सबसे अधिक नुकसान में हैं, क्योंकि मुस्लिम लड़कियों की नजर से देखें तो कहा जा सकता है कि पढ़ी-लिखी हिंदू लड़कियाँ पढ़े-लिखे मुस्लिम लड़कों को उड़ा ले जाती हैं।
कुरैशी ने कहा कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ने को लेकर कहा कि अगले 1000 सालों तक ऐसा नहीं हो सकता है। यह दिल्ली के गणित के प्रोफेसर दिनेश सिंह की एक मॉडल में साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों में परिवार नियोजन कम है, लेकिन इसका संबंध मजहब से नहीं है। मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि सोचा था कि देश में मुस्लिम आबादी बढ़ जाएगी तो प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन हजार साल तक ऐसा नहीं होगा।
मुस्लिमों द्वारा चार शादियाँ करने के सवाल पर कुरैशी ने कहा कि भारत में 1000 पुरुषों पर 920-22 का रेश्यो है। ऐसे में हर मर्द को एक पत्नी मिलनी मुश्किल है, कोई चार शादी कैसे कर सकता है। कुरान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुरान में भी सिर्फ एक आयत में बेवा और यतीम औरतों से निकाह करने की बात कही गई है।
कुरैशी ने कहा कि यूपी में सीएम योगी की जीत सांप्रदायिकता की जीत है, क्योंकि देश में ध्रुवीकरण का युग चल रहा है। उन्होंने कहा कि पहला ध्रुवीकरण देश के बँटवारे के दौरान हुआ, दूसरा बाबरी मस्जिद के दौरान और तीसरा फेज आजकल चल रहा है। हिंदू को स्वभाव से सेक्युलर बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता को तेजी से सांप्रदायिक बनाया जा रहा है।
कर्नाटक से शुरू हुए हिजाब विवाद पर भी कुरैशी ने अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि हिजाब कुरान का हिस्सा नहीं है, लेकिन शालीन कपड़े पहनने की बता कही गई है। उन्होंने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म में सिखों की पगड़ी और सिंदूर की इजाजत है तो फिर हिजाब से दिक्कत क्या है। हिजाब जरूरी है या नहीं, ये जज साहब नहीं, मौलाना बताएँगे। मौलाना IPC के फैसले देने लगें तो क्या ये सही होगा?
दैनिक भास्कर से बातचीत में कुरैशी ने EVM पर सवाल उठाने वालों को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ईवीएम हमेशा भरोसेमंद रहा है, जबकि बैलेट बीजेपी के पक्ष में जाता है। उन्होंने कहा कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी होती तो भाजपा बंगाल चुनाव नहीं हारती।