अयोध्या मामले का फैसला आने के बाद विवाद के पटाक्षेप का एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया) के पूर्व निदेशक के के मोहम्मद ने स्वागत किया है। उन्होंने इसे ‘सबसे अच्छा’ फैसला बताया है।
टाइम्स नाउ से बात करते हुए एएसआई (उत्तरी) के पूर्व निदेशक मोहम्मद ने कहा कि अयोध्या और जन्मभूमि हिन्दुओं के लिए वैसे ही पवित्र और महत्वपूर्ण है, जैसे मुस्लिमों के लिए मक्का और मदीना हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिमों के लिए इसकी उतनी ज़्यादा कोई महत्ता नहीं है, क्योंकि कोई बड़ा औलिया या पीर इस स्थान से जुड़ा नहीं रहा है।
इसके अलावा एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक ‘गैंग’ ने उन्हें उस समय परेशान करना शुरू कर दिया था, जब उन्होंने कहा था कि पुरातात्विक साक्ष्य उस जगह पर मंदिर होने की ओर इंगित करते हैं।
K K Muhammed, former regional director (North), Archaeological Survey of India: On the basis of archaeological & historical evidences that were supplied by ASI, court came to conclusion that there was a huge magnificent temple earlier & we should build a new temple once more. pic.twitter.com/iwAL2z5aYM
— ANI (@ANI) November 9, 2019
K K Muhammed, former regional director (North), Archaeological Survey of India (ASI): I feel vindicated (he had said Ram temple existed before Babri mosque in Ayodhya), I was hounded by a group of people. It is exactly the kind of decision that we all wanted. #AyodhyaVerdict https://t.co/0kqcGZqzT8 pic.twitter.com/Z99AhNzw7L
— ANI (@ANI) November 9, 2019
आज अयोध्या पर फैसले की ऐतिहासिक घड़ी में मोहम्मद को याद भी खूब किया जा रहा है। हिन्दू उनके प्रति कृतज्ञता जता रहे हैं कि उन्होंने हिन्दुओं की आस्था के पक्ष में क़ानूनी सबूत ढूँढ़ निकाले।
Debt of gratitude to this honorable man.
— Pratyasha Rath (@pratyasharath) November 9, 2019
He stood by the truth and was hounded both by his community and the intellectual community.
Just being true to your duty is enough. https://t.co/trp3zjE2sZ
लेखक और वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन वह वाकया याद दिला रहे हैं जिसमें के के मोहम्मद को धमकी दी गई थी कि बाबरी का सच जनता को बताने पर उन्हें सस्पेंड कर देने की धमकी दी गई थी। इसके बाद मोहम्मद ने संस्कृत में जवाब में कहा था, “लोकसंग्रहमेवापि संपश्यन् कर्तुमर्हसि। स्वधर्मे निधनं श्रेयः…”
When Dr KK Muhammed was told he was going to be suspended for making public that he had discovered temple remnants inside Babri, he replied, in Sanskrit: Lokasamgramevapi Sampasyan Kartumarhasi. Swadharme nidhanam shreya.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 9, 2019
I spoke the truth. Death is preferable while on duty.
संक्रांत सानु और संजय दीक्षित जैसे हिंदूवादी विचारकों ने भी आज मोहम्मद के उस आरोप को याद किया कि मुस्लिम पक्ष को भी ‘सेक्युलर’ गैंग ने ही राम मंदिर के खिलाफ भड़काया था।
In modern times, Muslims were not the main opposition to the Ram Temple. Many were willing to accomodate.
— Sankrant Sanu सानु संक्रान्त ਸੰਕ੍ਰਾਂਤ ਸਾਨੁ (@sankrant) November 9, 2019
The biggest culprits were communists and “seculars” who deliberately instigated with lies and deceit to deny facts due to Hindu-hate. Shameful.https://t.co/7a0QLM7Xlm
Left historians prevented resolution of Babri Masjid dispute, says KK Mohammed, former ASI regional head – Not the Muslims, but the Communists and Seculars were the principal culprits https://t.co/DuE82t0xFx
— Sanjay Dixit ಸಂಜಯ್ ದೀಕ್ಷಿತ್ संजय दीक्षित (@Sanjay_Dixit) November 9, 2019