उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जिले में शुक्रवार (15 सितंबर, 2023) को एक नाबालिग हिन्दू लड़की की हत्या कर दी गई थी। स्कूल से घर लौट रही साइकिल सवार छात्रा का दुपट्टा बाइक सवार आरोपितों द्वारा खींचा गया था, इसके बाद कुचल दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने मुठभेड़ के बाद अरबाज़, शाहबाज़ और फैज़ल को गिरफ्तार किया है। मृतका को लम्बे समय से परेशान किया जा रहा था। एक बार तो आरोपित उसके घर पहुँच गए थे। ऑपइंडिया से बात करते हुए मृतका के परिजनों ने घटना में चौथे आरोपित के भी शामिल होने की जानकारी दी।
इस पूरे घटनाक्रम की जमीनी हकीकत पता करने ऑपइंडिया की टीम रविवार (17 सितंबर, 2023) को मृतका के गाँव पहुँची। गाँव सबसे नजदीकी बाजार टांडा से लगभग 15 किलोमीटर दूर हीरापुर बाजार के पास है। जब हम घर पहुँचे तो पीड़िता के परिजन बाहर ही मौजूद थे। घर का बाहरी हिस्सा बेहद जर्जर हालत में था। नाबालिग के पिता ने हमें बताया कि गरीबी के बावजूद उन्होंने बेटियों की पढ़ाई और शादियाँ की। थोड़े ही देर में हमसे बातचीत करते हुए लड़की के पिता भावुक हो गए।
हत्या व पॉक्सो की धाराएँ जोड़ी गईं, SHO सस्पेंड
इस घटनाक्रम पर बोलते हुए अम्बेडकर नगर जिले के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में हत्या की धारा-302 व पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी की गई है। हंसवर थाने के SHO रितेश कुमार को सस्पेंड कर के नए थाना प्रभारी की तैनाती की गई है।
थाना हँसवर क्षेत्रांतर्गत एक स्कूली छात्रा की मृत्यु में नामजद तीनों अभियुक्तों को मेडिकल परीक्षण ले जाते समय अभियुक्तों द्वारा रास्ते में मौजूद पुलिस कर्मियों से असलहा छीन कर भागने का प्रयास करने के उपरांत हुई पुलिस मुठभेड़ के संबंध में पुलिस अधीक्षक द्वारा दी गई बाइट#UPPolice pic.twitter.com/4yg8lBHzqQ
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‘बेटी के कातिलों की संख्या 4’
मृतका के पिता ने अपनी बेटी के कुल कातिलों की तादाद 4 बताई। चौथे आरोपितों के तौर पर उन्होंने सलीम के बेटे मुन्नू का नाम बताया। मुन्नू अर्थालवा नाम के गाँव का रहने वाला है। पीड़ित पिता ने बताया कि बेटी की लाश देख कर उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था और चौथे आरोपित को नामजद करना भूल गए। उन्होंने सलीम के बेटे मुन्नू पर भी बाकी आरोपितों की तरह कार्रवाई की माँग की। साथ ही कहा कि वो इसकी प्रतीक्षा में हैं कि आरोपितों के घर पर बुलडोजर कब चलेगा। मृतका की बहन और पिता ने इस मामले को सोची-समझी साजिश के तहत हत्या करार दिया है। फिलहाल मुन्नू की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है।
12वीं की पढ़ाई के बाद जो पिता अपनी बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए भेजना चाहते थे बाहर… शहवाज, अरबाज, फैसल और सलीम का बेटा मुन्नू (अभी गिरफ्तार नहीं) के कारण उनको उठानी पड़ी अर्थी
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ऑपइंडिया पहुँचा उस हिंदू पिता के पास, जिनके सपने कुचल दिए गए#OpIndiaExclusive #AmbedkarNagar… pic.twitter.com/z8dlWgrPmO
घर तक आ गए थे पीछा करने वाले
मृतका की बड़ी बहन ने ऑपइंडिया से बात करते बताया कि उनकी बहन को कई महीनों से आरोपित परेशान कर रहे थे। वो लड़की का लगातार पीछा किया करते थे। इसी दौरान लगभग 2 महीने पहले चारों आरोपित 2 बाइकों से लड़की के घर तक पहुँच गए थे। बहन ने आगे बताया, “छोटी बहन साइकिल ले कर घर पहुँची। वो काफी डरी हुई थी। उसने पीछा करने वालों के बाहर तक आने की बात बताई। मेरा ऑपरेशन हुआ था फिर भी मैं बाहर तक निकली। तब तक चारों भाग चुके थे।”
पहले दुपट्टा खींचा, फिर बाइक चढ़ा दी
ऑपइंडिया ने घटना की चश्मदीद लड़की से बात की। चश्मदीद मृतका की चचेरी बहन है। हमें बताया गया कि घटना वाले दिन से पहले भी सभी आरोपितों लड़कियों का पीछा 2 बाइकों से किया करते थे। वो सभी लड़कियों के पास से तेजी से बाइक ले कर गुजरते थे। घटना के दिन मृतका का एक बाइक सवार ने दुपट्टा खींच लिया जिस से वो लड़खड़ा कर गिर पड़ी। इसी दौरान साथ चल रहे दूसरे बाइक सवार ने पीड़िता के सिर पर टायर चढ़ा दिया। बुरी तरह से घायल पीड़िता की आख़िरकार मौत हो गई।
जिसके साथ खेलती-पढ़ती थी, बेहतर जिंदगी के सपने देखती थी… उसने ऑपइंडिया को बताई सहेली के 'हत्यारे' बदमाशों की करतूत
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"हमेशा बहुत तेज गाड़ी चला करते थे पीछा, मृतका के अलावे भी स्कूल की कई लड़कियों को करते थे परेशान"#OpIndiaExclusive #AmbedkarNagar #UPPolice pic.twitter.com/rer4PzERZN
हमसे बात करते हुए चश्मदीद पीड़िता फूट-फूट कर रो रही थी। उनका दावा है कि चारों आरोपित बाकी लड़कियों को भी ऐसे ही परेशान किया करते थे।
बुजुर्ग दादा हुए बेसहारा
ऑपइंडिया से बात करते हुए मृतका के लगभग 75 वर्षीय दादा फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि उनकी पोती उनके बुढ़ापे का एकमात्र सहारा थी। मृतका की माँ का देहांत कई साल पहले हो चुका था। 2 बड़ी बहनों की शादियाँ हो चुकी हैं और वो ज्यादातर अपने ससुराल में ही रहती हैं। एक भाई कक्षा 5 में पढ़ता है जो अभी बहुत छोटा है। बुजुर्ग ने बताया कि घर का खाना बनाने से ले कर सभी के कपड़े और बिस्तर तक उनकी पोती ही व्यवस्थित रखती थी।
डॉक्टर बनना चाहती थी मृतका
मृतका के पिता ने बताया कि उनकी बेटी डॉक्टर बन कर लोगों की सेवा करना चाहती थी। क्लास 12 के बाद वो अपनी बेटी को पढ़ने के लिए कहीं बाहर भेजने वाले थे। वहीं मृतका की बहन ने भी अपने पिता की बातों को दोहराया। बहन के मुताबिक, वो पढ़ने में काफी तेज थी और उनकी मौत पर स्कूल के पूरे स्टाफ ने घर पर आकर शोक प्रकट किया।
पढ़ने में होनहार थी छात्रा
ऑपइंडिया की टीम छात्रा के पढ़ाई वाले कमरे में गई। छात्रा की नोटबुक बेहद सलीके और अच्छी हैंडराइटिंग में लिखी हुई थी। रसायन विज्ञान में मृतका को उनके टीचरों द्वारा ‘Good’ लिख कर शाबाशी दी गई थी। डिसेक्शन बॉक्स को भी बेहद सलीके से सहेज कर रखा गया था। एक पूरी आलमारी किताबों से भरी दिखी। छात्रा में चित्रकारी की भी अच्छी कला थी। हमें कई चित्र दिखाए गए जिसे खुद मृतका ने पेंसिल की मदद से बनाया था। इन चित्रों में एक लड़की की फोटो भी है जिसने टोपी पहन रखी है।
जिस जगह मृतका पढ़ाई करती थी वहाँ माता लक्ष्मी की एक तस्वीर भी लगी हुई है। छात्रा के घर वालों ने बताया कि वो बहुत धार्मिक विचारधारा की भी थीं।
सबने माँगा मृत्युदंड
ऑपइंडिया ने मृतका के चाचा, पिता, बहन और दादा से बात की तो सभी ने एक स्वर में आरोपितों को मृत्युदंड से कम कुछ भी मंजूर नहीं बताया। छात्रा के पिता ने कहा कि उन्हें तब ही संतुष्टि मिलेगी जब सभी 4 आरोपित फाँसी पर झूल जाएँगे। वहीं मृतका के दादा ने रोते हुए कहा, “‘ओका सामने खड़ियाय के गोली मार जाई।” (उसे मेरे सामने खड़ा कर के गोली मारी जाए)। मृतका की बड़ी बहन ने भी कहा, “जैसे मेरी बहन को मारा है वैसे उनको भी मारा जाए।”