Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाज7 साल, 10 करोड़ पेड़… गौतम अडानी ने जलवायु परिवर्तन की दिशा में किया...

7 साल, 10 करोड़ पेड़… गौतम अडानी ने जलवायु परिवर्तन की दिशा में किया बड़ा संकल्प, अब तक 3 करोड़ पेड़ लगा चुका है समूह

'1t.org' एक बहु-हितधारक मंच है। यह 2030 तक 1 ट्रिलियन पेड़ों के संरक्षण, उनके जीर्णोद्धार और उन्हें विकसित करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।

अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप (Adani Group) ने देश का सबसे बड़ा वृक्षारोपण संकल्प लिया है। इस ग्रुप ने विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) के ट्रिलियन ट्रीज प्लेटफॉर्म 1t.org पर साल 2030 तक 100 मिलियन यानी 10 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प लिया है।

अडानी ग्रुप ने मंगलवार (17 जनवरी, 2022) को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा,”ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी ने संकल्प लिया है कि अडानी ग्रुप साल 2030 तक 100 मिलियन पेड़ लगाएगा। यह भारतीय इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा वृक्षारोपण संकल्प है। एक स्वच्छ और हरित भारत की खोज वह प्रगति है, जिसकी हमें आवश्यकता है।” ग्रुप ने ‘ट्रिलियन ट्रीज प्लेटफॉर्म’ 1t.org पर यह प्रतिबद्धता जताई है।”

‘1t.org’ एक बहु-हितधारक मंच है। यह 2030 तक 1 ट्रिलियन पेड़ों के संरक्षण, उनके जीर्णोद्धार और उन्हें विकसित करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है। यह मंच संयुक्त राष्ट्र के समर्थन में है। 1t.org इस पहल में कॉर्पोरेट क्षेत्र की भागीदारी चाहता है। ट्रिलियन ट्री मूवमेंट का मुख्य उद्देश्य वातावरण से बड़ी मात्रा में कार्बन डाईऑक्साइड को हटाकर जलवायु परिवर्तन को धीमा करना है। साथ ​ही जलवायु और जैव विविधता की दिशा में सकारात्मक काम करना है।

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि ट्रिलियन पेड़ लगाने के लिए 1t.org की महत्वाकांक्षा का पैमाना बहुत प्रेरणादायक है। यह मानवता के लचीलेपन का प्रतिबिंब है। समान विचारधारा वाले लोगों की सामूहिक शक्ति के माध्यम से हम बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करना, जैव विविधता के नुकसान को कम करना, मिट्टी के कटाव को कम करना एक हरित दुनिया के निर्माण के लिए आवश्यक है। इस संदर्भ में मैं संकल्प लेता हूँ कि अडानी ग्रुप 2030 तक 100 मिलियन पेड़ लगाएगा, जो एक अग्रणी भूमिका निभाने की भारत की घोषणा का हिस्सा होगा।”

‘अडानी समूह इस लक्ष्य को पूरा करने में सबसे आगे’

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में 1t.org और नेचर-बेस्ड सॉल्यूशंस के निदेशक निकोल श्वाब (Nicole Schwab) ने कहा, “1 ट्रिलियन पेड़ों का संरक्षण, उनका जीर्णोद्धार और उन्हें विकसित करने का वैश्विक लक्ष्य महत्वाकांक्षी है, जो प्राप्त किया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संकटों से निपटने के लिए अडानी समूह इस लक्ष्य को पूरा करने में सबसे आगे है। 1t.org इंडिया प्लेटफॉर्म बढ़ रहा है। इस आंदोलन में अधिक से अधिक व्यवसाय, ईकोप्रेन्योर, सामुदायिक समूह और युवा शामिल हो रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए पेड़ों का संरक्षण और उनका जीर्णोद्धार महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव जंगलों और कृषि पर निर्भर लाखों लोगों की आजीविका को खतरे में डालते हैं।”

उल्लेखनीय है कि अडानी ग्रुप अब तक 29.52 मिलियन (29520000) पेड़ लगा चुका है, जिसके संरक्षण का उसने संकल्प लिया है। ग्रुप का लक्ष्य 2030 तक 37.10 मिलियन (37,100,000) मैंग्रोव पेड़ लगाना है। इसमें पेडों के संरक्षण के साथ-साथ वनीकरण भी शामिल है। मैंग्रोव तटीय खतरों को कम करने में भी मदद करते हैं। समुद्री जैव विविधता को बढ़ाते हैं। स्थानीय लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं। खारे पानी के आने से रोकते हैं। मछली और अन्य जलीय जीवों के लिए प्रजनन स्थल प्रदान करते हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -