उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक अमेरिकी महिला द्वारा प्रताड़ित अनाथ 20 वर्षों के बाद अपने शहर वापस लौटी है। पीड़िता को 2000 में एक अमेरिकी महिला ने लखनऊ के एक अनाथाश्रम से गोद लिया था। पीड़िता का नाम राखी है।
वह लखनऊ के चारबाग में अनाथ के रूप में मिली थी, जिसे एक अनाथाश्रम भेज दिया गया था। उस समय पीड़िता की आयु मात्र 3 वर्ष थी। वह दो वर्षों तक इसी अनाथाश्रम में रही। ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, उसे 2 वर्षों के बाद अमेरिका के मिनिसोटा राज्य से आई एक महिला कैरोल ब्रांड ने गोद ले लिया। कैरोल ने राखी को फर्जी पहचान के सहारे गोद लिया था।
इसके पश्चात राखी का जीवन नरक बन गया। यह पता चला कि कैरोल ड्रग्स की आदी थी। उसने भारत से ले जाते ही राखी को प्रताड़नाएँ देना प्रारंभ कर दिया। राखी ने बताया कि उसे 12 वर्ष की आयु से ही अपना जीवन चलाने के लिए काम करना पड़ा। राखी को कैरोल के साथ रहने के लिए भी किराया देना पड़ता था जिसे वह दूसरों के बच्चों की देखभाल करके इकट्ठा करती थीं। 18 वर्ष की होने के पश्चात राखी को कैरोल ने घर से भी निकाल दिया जिसके कारण राखी को अपने विश्वविद्यालय में रहना पड़ा।
राखी ने ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ को बताया, “कैरोल एक बीमा कम्पनी में जाँचकर्ता थी। उसने मुझे बचपन में मानसिक, शारीरिक और यौन प्रताड़नाएँ दीं। स्कूल में भी अन्य बच्चे कैरोल के स्वभाव के कारण मेरे पास नहीं आते थे और मुझे सभी दुखों को अकेले झेलना पड़ा।”
राखी ने बताया कि कैरोल के इस बर्ताव की शिकायत उसने उसकी बहन नैंसी से की लेकिन वहाँ भी उसे कोई मदद नहीं मिली। राखी ने अब अपना नाम बदल कर महोगनी एम्बर्काई (Mahogany Emberkai) कर लिया है। राखी ने कहा है कि कैरोल कभी भी बच्चों को गोद लेने के लायक नहीं थी परन्तु इसलिए उसने राखी को भारत से गोद लिया क्योंकि उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए उसके घरवालों ने एक बच्चा गोद लेने को कहा था।
राखी को वर्ष 2016 में अपने गोद लिए जाने का पता चला जब कैरोल ने आत्महत्या की और उसके पश्चात राखी को एक कागज मिला जिसमें इस बात की जानकारी थी। राखी ने इसके पश्चात अपनी पढ़ाई पूरी की और वर्तमान में एक कैफे में मैनेजर हैं। वह लखनऊ अब अपने असली माता-पिता को ढूँढने आई हैं। राखी ने बताया है कि उन्होंने चारबाग पुलिस थाना और वह अनाथाश्रम भी गईं जहाँ से उसे गोद लिया गया था। हालाँकि, उन्हें अपने विषय में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
राखी अब लगातार सीमित सूचनाओं के सहारे अपनी जानकारी इकट्ठा करने में हुई हैं। राखी के साथ उसके एक फोटोग्राफर मित्र क्रिस्टोफ़र भी माता-पिता को ढूँढने में उसकी सहायता कर रहे हैं।