चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (Corona Virus – COVID-19) 122 देशों में पहुँच गया है। इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 5000 को पार कर गई है और अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है।
चीन ने पूरे विश्व को यह संक्रमण दिया है या यूँ कहें कि चीन से पूरे विश्व में यह महामारी फैली। जहाँ अन्य देश इस संक्रमण से बहुत तेजी से बड़े स्तर पर प्रभावित हुए, वहीं भारत की कोरोना को लेकर तैयारियाँ अन्य देशों की तुलना में कहीं ज्यादा प्रभावी और कारगर रही हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि करीब दो महीने पहले, जनवरी के महीने से ही जब पूरा विश्व कोरोना को लेकर इतना सक्रिय नहीं था, भारत सरकार ने उसी समय से आने वाले और भारत से चीन जाने वालों पर सख्त निगरानी रखनी शुरू कर दी थी। यह तब की बात है, जब चीन के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार करीब 41 लोग संक्रमित पाए गए थे और एक की मौत हो चुकी थी।
4 फरवरी को, जब भारत को अपने पहले 2 संक्रमित व्यक्ति के बारे में पता चला था, तभी केंद्र सरकार ने इसको लेकर आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। ये दोनों संक्रमित व्यक्ति वो थे, जिन्हें वुहान से लाया गया था। और जब 4 मार्च को 10 और लोगों के संक्रमित होने की बात पता चली तब तक भारत के पास एक बड़ा टास्कफोर्स इससे निपटने को तैयार हो चुका था – इससे संबंधित लैब की संख्या तीन गुना बढ़ा दी गई थी, आवश्यक दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी गई थी।
इसके अलावा भारत सरकार ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता एयरपोर्ट पास विशेष तौर पर थर्मल स्कैनर के द्वारा यात्रियों की जाँच की। ख़ास बात यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर सबसे ज्यादा उदासीनता यूरोप के देशों ने दिखाई और वर्तमान में इटली और ब्रिटेन जैसे देश इसकी चपेट में सबसे ज्यादा हैं। यहाँ तक कि ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री नदीन डॉरिस ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के उनके टेस्ट का नतीजा पॉज़िटिव आया है।
इसके बाद पता चला है कि अब तक ब्रिटेन में कोरोना वायरस के कारण छह लोगों की मौत हो चुकी है और 373 मामलों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस को लेकर लापरवाही का नतीजा ही है कि अभी तक कई दिग्गज नेता और अभिनेता भी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें हॉलीवुड अभिनेता टॉम हैंक्स और उनकी पत्नी भी शामिल हैं।
यही नहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की पत्नी सोफी वायरस से संक्रमित पाई गई हैं। इसके अलावा स्पेन की मंत्री इरीन मोंटेरो, ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री इराज हरीर्शी, ब्रिटेन की स्वास्थ्य मंत्री नडाइन डोरिस और ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री पीटर डटन भी संक्रमित हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से एक हफ्ते मिला ब्राजीलियन अधिकारी भी संक्रमित पाया गया है।
वहीं भारत सरकार ने कोरोना वायरस को लेकर किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती और शुरुआत से ही निरंतर ट्रेवल एडवाइजरी से लेकर अभी तक संक्रमित पाए गए लोगों पर त्वरित चिकित्सीय देखरेख की। कोरोना वायरस प्रभावित देशों से आने वाले भारतीय नागरिकों की एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर यूनिवर्सल स्क्रीनिंंग की जा रही है और उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है। इसके अलावा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्याप्त मात्रा में सामुदायिक निगरानी, आइशोलेशन, वार्ड, पर्याप्त पीपीई वगैरह की व्यवस्था की गई है।
मालदीव, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका, नेपाल, दक्षिण अफ्रीका और पेरू के 1031 व्यक्तियों को देश से निकाला गया है। भारत ने कोरोना वायरस से प्रभावित देशों से अपने नागरिकों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ईरान में फँसे भारतीयों को लाने के लिए वायुसेना की कई उड़ानें भरी गई। वहाँ पर वैज्ञानिकों को लैब इक्विपमेंट के साथ भेजा गया। वो वहाँ से टेस्टिंग के लिए 1199 सैंपल लेकर भारत आए। इसके साथ ही डॉक्टरों की एक टीम को पर्याप्त मेटेरियल के साथ रोम भेजा गया, ताकि वो वहाँ के भारतीयों का सैंपल ले सकें और फिर उसकी जाँच कर सकें।
बता दें कि अभी तक 30 एयरपोर्ट के 10,876 उड़ानों से 11,71,061 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है। इसके अलावा सामुदायिक निगरानी के तहत 42,296 यात्रियों को भारत लाया गया है। 2,559 संक्रमित यात्रियों को आइशोलेशन वार्ड में रखा गया, जबकि 522 यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसमें 17 विदेशी नागरिक भी थे। लैंड पोर्ट पर 14 लाख से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने बुधवार (मार्च 11, 2020) को कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के उपायों के तहत 15 अप्रैल तक सभी वीजा रद करने की घोषणा की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, विदेशी राजनियकों, आधिकारिक, संयुक्त राष्ट्र, अंतरराष्ट्रीय संगठन और रोजगार परियोजनाओं को छोड़कर अन्य सभी वीजा 15 अप्रैल तक निलंबित रहेंगे।
कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी स्तर पर जहाँ संदिग्धों की पहचान कर उन्हें आइसोलेशन में रखा जा रहा है वहीं बाहर से आने वाले लोगों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए कई राज्यों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की पूरी टीम लगाई गई है। इसके लिए कोरेनटाइन बेड आरक्षित किए गए हैं।
दुनिया में अब तक 1,27,700 से ज़्यादा लोगों में COVID-19 के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इटली में अब तक कोरोना वायरस के 10,149 मामले सामने आ चुके हैं और इस कारण 631 मौतें हो चुकी हैं। यदि अन्य देशों की तुलना में भारत के आँकड़ों को देखें तो भारत में अब तक कोरोना वायरस के 82 मामले सामने आए हैं। जिनमें से एक 76 साल के व्यक्ति और एक 68 साल की महिला की मौत हो चुकी है और 4 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। नए मामले केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के हैं।
इसके साथ ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (मार्च 13, 2020) को कोरोना वायरस के संकट को देखते हुए एक अहम प्रस्ताव दिया। उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों से इस वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव का SAARC के सदस्य देशों ने प्रशंसा किया और उन्हें धन्यवाद कहा।
भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम अन्य विकसित देशों की तुलना में कहीं बेहतर नजर आ रहे हैं। हालाँकि कम से कम कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ऐसा नहीं मानते हैं। लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी स्पष्ट किया था कि उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन वो इसे लेकर भारत सरकार का विरोध करना चाहते हैं।