Wednesday, November 27, 2024
Homeदेश-समाज'लाइव टेलीकास्ट हो रहा…': जब सुप्रीम कोर्ट में पढ़ा जाने लगा अकबर लोन का...

‘लाइव टेलीकास्ट हो रहा…’: जब सुप्रीम कोर्ट में पढ़ा जाने लगा अकबर लोन का ‘माफीनामा’ तो बेचैन हो गए कपिल सिब्बल, 370 पर बहस का आखिरी दिन

SG ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अकबर लोन ने जो एफिडेविट दायर की है, उसमें उन्हें ये ज़रूर कहना चाहिए कि वो अपनी कही गई उन बातों का समर्थन नहीं करते हैं।

‘नेशनल कॉन्फ्रेंस’ के सांसद अकबर लोन ने विधायक रहते जम्मू कश्मीर की विधानसभा में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ का नारा लगाया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हलफनामा दायर कर माफ़ी माँगने को कहा।अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान ये मामला उठा था। इस दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कैसे अकबर लोन ने एक सार्वजनिक रैली के दौरान भी आतंकियों के प्रति हमदर्दी जताई थी। इसमें भारत को विदेशी देश बताया गया था।

SG ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अकबर लोन ने जो एफिडेविट दायर की है, उसमें उन्हें ये ज़रूर कहना चाहिए कि वो अपनी कही गई उन बातों का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने ये भी लिख कर दिए जाने की माँग की कि वो न तो किसी आतंकवादी का समर्थन करते हैं न देश के किसी अलगाववादी का। हालाँकि, इस दौरान कपिल सिब्बल फँस गए। जब सॉलिसिटर जनरल ने सांसद के बयान का जिक्र किया तो वो कहने लगे कि सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट हो रहा है, इसे न पढ़ा जाए।

हालाँकि, मुख्य न्यायाधीश ने भी एसजी से कहा कि वो इसे न पढ़ें, इसीलिए एसजी ने पूरा न पढ़ते हुए सिर्फ बताया कि कैसे उस रैली में आतंकियों के प्रति अकबर लोन ने हमदर्दी जताई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में पेश गोपाल शंकरनारायणन ने इस पर आपत्ति जताई कि अनुच्छेद-370 के पक्ष में याचिका दायर करने पर उनलोगों को अलगाववादी एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया जा रहा है।

हालाँकि, इस दौरान CJI डीवाई चन्द्रचूड़ ने उन्हें आश्वस्त किया कि सुप्रीम कोर्ट में किसी शिकायत के संबंध में याचिका लेकर आना संवैधानिक अधिकार है, इसमें अलगाववादी एजेंडे वाली कोई बात नहीं है। SG ने भी कहा कि याचिका दायर करना अलगाववादी नहीं है। इस दौरान कपिल सिब्बल ने बतौर अधिवक्ता पेश होते हुए दावा किया कि उनलोगों ने केवल कानून और संविधान के हिसाब से ही बातें रखी हैं। इस दौरान उन्होंने उन रियासतों की सूची दी, जो भारतीय गणतंत्र में शामिल हुए और दलील दी कि जम्मू कश्मीर का मामला अलग था।

हालाँकि, CJI ने ध्यान दिलाया कि इस करार में ये भी कहा गया था कि आगे के सभी निर्णय भारत के संविधान के हिसाब से लिए जाएँगे और पिछले जो भी करार हुए थे वो सब निलंबित रहेंगे। उसमें लिखा था कि आने वाले संविधान के हिसाब से चीजें चलेंगी, क्योंकि तब संविधान बना नहीं था। कपिल सिब्बल ने अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने को संविधान की मूल संरचना से छेड़छाड़ करार दिया। उन्होंने पूछा कि कानून के किस प्रावधान के तहत किसी राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में बदल दिया गया?

उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव न कराए जाने को लेकर भी भारत सरकार पर निशाना साधा। बता दें कि CJI कह चुके हैं कि मंगलवार (5 सितंबर, 2023) को ही इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। कपिल सिब्बल ने इस दौरान अनुच्छेद-356 के तहत संसद को शक्ति दिए जाने पर भी सवाल उठाया। सुनवाई के दौरान ही अकबर लोन द्वारा 2015 में दिए गए बयान का मुद्दा भी उठा था। सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला रिजर्व रखेगी और अगली तारीख़ पर फैसला सुनाएगी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘आप चुनाव जीते तो EVM सही, आप हारे तो हुई छेड़छाड़’: सुप्रीम कोर्ट ने सिस्टम बदलने से किया इनकार, अब बैलेट पेपर के लिए...

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने याचिका को सुनवाई के योग्य ही नहीं पाया।
- विज्ञापन -